जयपुर. पूरे देश में एनआरसी लागू करने के मामले पर राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि अमित शाह की एनआरसी फेल हो गई है. भाजपा के नेताओं ने ही असम में एनआरसी का विरोध किया है. भारत सरकार ने करोड़ों रुपए खर्च करके जो नमूना पेश किया वह सबके सामने है.
बता दें कि देश के गृह मंत्री अमित शाह ने पूरे देश में एनआरसी यानी भारतीय नागरिक रजिस्टर लागू करने का बयान दिया है. जिसमें धर्म के आधार पर भेदभाव नहीं किया जाएगा और सभी धर्मों और संप्रदायों के लोगों को शामिल किया जाएगा. असम में एनआरसी के विरोध को लेकर भी अमित शाह ने बयान दिया था कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर वहां लागू किया गया. लेकिन अब पूरे देश के साथ फिर से प्रक्रिया अपनाई जाएगी.
एनआरसी में सभी धर्मों के भारतीय लोग शामिल किए जाएंगे. अमित शाह ने मामले पर कहा था कि भारत में उन सभी हिंदू, बौद्ध, सिख, जैन, ईसाई और पारसी शरणार्थियों को नागरिकता मिलनी चाहिए. जिनके साथ पाकिस्तान, बांग्लादेश या अफगानिस्तान में धर्म के आधार पर भेदभाव हुआ है.
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एनआरसी में कोई भेदभाव नहीं किया जाएगा. वहीं, नागरिकता अधिनियम के अनुसार पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से धार्मिक अत्याचारों के चलते भारत आए शरणार्थी को भारत में 6 साल देने के बाद भारतीय नागरिकता के लिए आवेदन कर सकते हैं.
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने राज्यसभा में एनआरसी मुद्दे को लेकर कहा था कि धर्म के आधार पर एनआरसी में भेदभाव नहीं होगा. एनआरसी के आधार पर ही नागरिकता की पहचान सुनिश्चित की जाएगी और पूरे देश में इसे लागू किया जाएगा. एनआरसी प्रक्रिया में असम को फिर से शामिल किया जाएगा. एनआरसी के बढ़ते विरोध के बीच अमित शाह ने कहा था कि किसी को भी एनआरसी से डरने की जरूरत नहीं है.