जयपुर. राहुल गांधी की न और खड़गे की जिम्मेदारी वाली बात गहलोत ने नए राष्ट्रीयाध्यक्ष के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने के बाद कही. उन्होंने दावा किया किया कि राहुल गांधी ही पीएम मोदी और एनडीए सरकार को चुनौती दे सकते हैं (Gehlot on new Congress President). सीएम ने कहा- राहुल गांधी की इच्छा थी कि एक बार गैर गांधी अध्यक्ष बने. हालांकि लास्ट मोमेंट तक ये प्रयास हुए कि राहुल गांधी वापस अध्यक्ष बनें क्योंकि वे ही मोदी और सरकार को चुनौती दे सकते हैं. जो वे दे रहे हैं. इस बार उन्होंने तय कर लिया कि गैर गांधी ही अध्यक्ष बनना चाहिए इसलिए आज खड़गे साहब अध्यक्ष बने हैं. चुनौती बहुत बड़ी है.
सोनिया का त्याग किया फिर याद: गहलोत ने 1998 का वो समय याद दिलाया जब सोनिया को मनाने की कोशिश नाकाम रही थी. उन्होंने कहा- हम सबने सोनिया गांधी से मिलकर आग्रह किया था कि वे कांग्रेस की कमान संभालें, नहीं तो पार्टी बिखर जाएगी. उस वक्त यह माहौल था. लैंग्वेज प्रॉब्लम के बावजूद सोनिया गांधी ने कांग्रेस हित में उस चैलेंज को स्वीकार किया. कांग्रेस की कमान संभाली. सोनिया गांधी 22 साल अध्यक्ष रहीं. उस वक्त 12-13 राज्यों में कांग्रेस की सरकारें बनीं. दो बार केंद्र में यूपीए सरकार बनाई. उनके कार्यकाल को हम भूल नहीं सकते.
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खड़गे हमारी जिम्मेदारी: गहलोत ने कहा-पूरे देश के सीनियर और जूनियर नेता-कार्यकर्ताओं का अब एक ही सोच होनी चाहिए. सोनिया गांधी ने फैसले से नॉन गांधी खड़गे साहब अध्यक्ष बन गए हैं. हम सबकी जिम्मेदारी है कि हम कैसे उन्हें कामयाब करें. बूथ, ब्लॉक लेवल पर कांग्रेस मजबूत हो. कांग्रेस कार्यकर्ताओं में नया विश्वास पैदा हो. देश के सामने चैलेंज बहुत बड़ा है. अभी जो तस्वीर दिखाई जा रही है, वह सच नहीं है.