जयपुर. देश में विधायकों के दल-बदल की राजनीति पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सार्वजनिक मंच पर चिंता जताई है. शनिवार को अपने निवास से मुंबई में आयोजित तीन दिवसीय राष्ट्रीय विधायक सम्मेलन में सीएम गहलोत को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जुड़े थे. यहां उन्होंने में कहा कि थोड़े से लालच के चलते विधायक पार्टी छोड़ दूसरे दल में शामील हो जाते हैं, जो ठीक नहीं है. समाज के प्रति एक प्रतिबद्धता होती है, जिसे निभाना चाहिए. उन्होंने कहा कि पूरे देश के विधायकों का एक साथ संवाद करना लोकतंत्र के लिए शुभ संकेत हैं.
लालच में दल-बदल चिंता का विषय : सीएम अशोक गहलोत ने कहा कि राजनीति में आने के बाद हम सब पब्लिक प्रॉपर्टी हो जाते हैं. राजनीति सेवा का माध्यम है. ईमानदारी, निष्ठा, प्रतिबद्धता के साथ जनता की सेवा करना हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए. एक विधायक का अपनी पार्टी और विचारधारा के लिए समर्पित और प्रतिबद्ध रहना, बहुत बड़ा गुण होता है. कई बार लोग लालच में पार्टी बदल लेते हैं, जो नहीं होना चाहिए. इससे गलत संदेश जाता है. सीएम गहलोत ने कहा कि विपक्ष से नहीं, विचारधारा की लड़ाई है. सीएम गहलोत ने कहा कि आजकल हॉर्स ट्रेडिंग से सरकार गिराई जाती है, विधायक उसमें भागीदार बनते हैं. यह बहुत ही चिंता का विषय है. देश में चुनी हुई सरकार को गिराना, लोकतंत्र की हत्या के समान है.
पढें. वागड़ में गहलोत ने किया खरीद-फरोख्त जिक्र, नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने पूछे तीखे सवाल
गांधी का देश, इसलिए सम्मान : मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इशारों में कहा कि आज विश्व में भारत का सम्मान है, वो गांधी की वजह से है. उन्होंने कहा कि देश में सरकारें शांतिपूर्वक बदलती रहीं, यह संदेश पूरी दुनिया में है. इसी मजबूत लोकतंत्र की वजह से देश का सम्मान है. राजनीति में आने के बाद हम क्या काम कर रहे हैं, किस प्रतिबद्धता के साथ करते हैं ये जरूरी है. हमारे काम से नई पीढ़ी को क्या प्रेरणा मिलेगा, ये भी हमारी जिम्मेदारी है.
मतभेद सदन तक ही सीमित रहे : सीएम गहलोत ने मौजूदा राजनीति को लेकर कहा कि विधायक हो या सांसद, मतभेद विचारधारा के साथ भले हो पर मन भेद नहीं होने चाहिए. पहले असेम्बली या पार्लियामेंट में बहस हो जाती थी, लेकिन बाहर निकलते ही सभी आपस में बात करते थे. पक्ष-विपक्ष के लोग प्यार, मोहब्बत से रहते थे. यह टेंडेंसी थी, लेकिन आज के वक्त में ये सब नहीं रहा. उन्होंने कहा कि जो शासन करता है उसकी जिम्मेदारी बनती है कि वह सबको साथ लेकर चले. देश को चलाने की जिम्मेदारी करीब 5 हजार विधायकों-सांसदों पर है. इनके नेतृत्व, गुण, प्रतिबद्धता और जीवनशैली का देश की जनता के बीच सीधा संदेश जाता है. राजनीति में किसी भी पद पर जाने के बाद नम्रता और सादगी बनी रहनी चाहिए, जिससे हम नई पीढ़ी को प्रेरित कर पाएंगे. सीएम गहलोत ने कहा कि अन्याय और भ्रष्टाचार करने वाला चाहे कितना भी करीबी हो, हमें उसका साथ नहीं देना चाहिए.
देश में लागू हो सामाजिक सुरक्षा और स्वास्थ्य का अधिकार : सीएम गहलोत ने कहा कि कुछ फैसले यूपीए गवर्नमेंट के समय हुए, जो आजादी के बाद में एक नए युग की शुरुआत करने जैसे थे. पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के नेतृत्व में देश की जनता को सूचना, शिक्षा, खाद्य सुरक्षा और रोजगार के अधिकार दिए गए. इसी तर्ज पर राजस्थान में भी स्वास्थ्य का अधिकार कानून बनाकर लागू किया गया है. इसी तरह से राजस्थान की सरकार ने भी मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना और इंदिरा गांधी शहरी रोजगार गारंटी योजना जैसी अनूठी पहल की. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार करीब 1 करोड़ लोगों को न्यूनतम 1 हजार रुपए मासिक सामाजिक सुरक्षा पेंशन दे रही है. मुख्यमंत्री ने कहा कि देश में अब वक्त आ गया है कि सोशल सिक्योरिटी लागू की जाए. इस संबंध में प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर आग्रह किया है.