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सीएम अशोक गहलोत बोले, टीचर्स की ट्रांसफर पॉलिसी अब तक नहीं बनना सरकार की कमजोरी, पैसा केंद्र से नहीं मिला तो जाएंगे सुप्रीम कोर्ट

सीएम गहलोत का रविवार को राजधानी जयपुर में शिक्षकों ने सत्कार किया. इस दौरान कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने एक ओर जहां राज्य में शिक्षकों की ट्रांसफर पॉलिसी न होने को उनकी सरकार की कमी माना. वहीं, दूसरी ओर राहुल गांधी की संसदीय सदस्यता जाने समेत अन्य मुद्दों को लेकर केंद्र की मोदी सरकार पर जमकर (CM Gehlot attack on central government) निशाना साधा.

CM Gehlot attack on central government
CM Gehlot attack on central government
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Published : Apr 16, 2023, 6:30 PM IST

Updated : Apr 16, 2023, 7:06 PM IST

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत

जयपुर. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह ने पूरे देश में एक नया मॉडल बनाया है. हॉर्स ट्रेडिंग करके सरकार गिराओ और अपनी सरकार बना लो. इनके पास कोई काम नहीं है, इसलिए चुनाव प्रचार के लिए हमेशा देश भर में घूमते रहते हैं. ये बातें मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने रविवार को राजधानी जयपुर में शिक्षकों की ओर से आयोजित एक सत्कार कार्यक्रम को संबोधित करने के दौरान कहीं. सीएम ने आगे कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उन्हें मित्र कहते हैं. बावजूद इसके वो उनकी सरकार की ऐसी तैसी करते रहते हैं. इस बीच शिक्षकों की ट्रांसफर पॉलिसी पर सीएम ने कहा कि ये उनकी सरकार की कमजोरी रही है, लेकिन जल्द ही इसे भी तैयार कर लिया जाएगा. ताकि भविष्य में किसी को परेशानी न हो. इसके साथ ही उन्होंने प्रदेश को 2030 तक देश का नंबर वन राज्य बनाने में सहयोग करने की भी अपील की.

शिक्षकों ने सीएम से की ये मांग - इसी साल राजस्थान में विधानसभा चुनाव होने हैं. तमाम सरकारी कर्मचारी संगठन राज्य सरकार के खिलाफ मोर्च खोले हुए हैं तो कई आंदोलनरत हैं. इस बीच रेसला और रेसा-पी की ओर से सीएम गहलोत के सत्कार के लिए विशेष कार्यक्रम आयोजित किया गया. जिसमें राज्य के शिक्षा मंत्री बीडी कल्ला, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा, आरटीडीसी चेयरमैन धर्मेंद्र राठौड़ सहित विभिन्न शिक्षक संगठनों के पदाधिकारी और शिक्षक मौजूद रहे. इस दौरान मंच से ओल्ड पेंशन स्कीम और प्रदेश में शुरू किए गए इंग्लिश मीडियम स्कूल खोले जाने को लेकर सीएम का आभार भी व्यक्त किया गया. साथ ही वेतन कटौती रोकने, गैर शैक्षणिक कार्यों में शिक्षकों को न लगाने और लंबित डीपीसी को पूरा करने सहित तृतीय श्रेणी शिक्षकों के स्थानांतरण करने की मांग भी की गई.

इसे भी पढ़ें - पीएम मोदी मुझे दोस्त बताकर मेरे ही साथ राजनीति करते हैं : अशोक गहलोत

मोदी-शाह पर साधा निशाना - इस पर सीएम गहलोत ने कहा कि मांगों की बजाय अपेक्षा रखना शिक्षकों का ये तरीका सरकार को पटाने जैसा है. ऐसे में उन्होंने शुरुआत में ही ये स्पष्ट कर दिया कि वो फिलहाल कोई घोषणा नहीं करेंगे. लेकिन सभी जायज मांगों और अपेक्षाओं को सकारात्मक दृष्टि से आगे बढ़ाया जाएगा. सीएम ने कहा कि ऐसा लग रहा है जैसे चुनाव वो नहीं, बल्कि राजस्थान की जनता लड़ेगी. गहलोत ने कहा कि चुनाव के दौरान मोदी और शाह के रोड शो भी होंगे, क्योंकि उनके पास धन बल है. लेकिन उनके पास धन नहीं और सब जानते हैं कि आज देश में क्या चल रहा है?.

केंद्र के खिलाफ जाएंगे सुप्रीम कोर्ट - मंच से सीएम ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके बीच हुए कई वाकयाओं को दोहराया. साथ ही बताया कि हिमाचल प्रदेश के पूर्व सीएम ने पीएम को कहा था कि राजस्थान के सीएम ने ओपीएस लागू किया है. उस वक्त उन्होंने ध्यान नहीं दिया. जिसकी वजह से हिमाचल में उनकी सरकार गई. आगे उन्होंने पीएम मोदी से अपील की, कि पूरे देश में ओल्ड पेंशन स्कीम को लागू किया जाए. सीएम ने कहा कि केंद्र जो पैसा लेकर बैठी है, उसमें राजस्थान सरकार का भी है और कर्मचारियों का भी पैसा है. अगर वो पैसा वापस नहीं देंगे तो हम सुप्रीम कोर्ट जाएंगे.

तबादले के लिए किसी दलाल के पास न जाएं - उन्होंने राज्य सरकार की विभिन्न योजनाओं को दोहराते हुए कहा कि सरकार ने अपनी तरफ से कोई कमी नहीं रखी है. जहां तक थर्ड ग्रेड शिक्षकों के ट्रांसफर का प्रकरण है तो राजस्थान में एक पॉलिसी बन जाए, जिससे किसी को भविष्य में कोई प्रॉब्लम ही न आए. महाराष्ट्र, गुजरात और कई राज्यों में पॉलिसी बनी हुई है. लेकिन राजस्थान में पॉलिसी न होने के कारण दिक्कतें पेश आ रही हैं, जो हमारी कमजोरी है. इस बीत उन्होंने शिक्षकों से कहा कि अगर कोई शिक्षक किसी दलाल के पास ट्रांसफर के लिए गया तो उसके तबादले को कैंसिल कर दिया जाएगा.

इसे भी पढ़ें - जो यूपी में हो रहा है, वो तो आसान काम है, मुश्किल कार्य तो कानून का पालन करना है : मुख्यमंत्री गहलोत

आगामी विधानसभा चुनाव पर बोले सीएम - सीएम ने कहा कि आने वाला चुनाव ऐसा होगा जिसके बारे में आप सोच भी नहीं सकते हैं. प्रधानमंत्री और गृहमंत्री के पास दिल्ली में कोई काम ही नहीं है. गुजरात में चुनाव हुए तो प्रधानमंत्री ने करीब 50 दौरे किए. गृहमंत्री पूरी कंट्री में घूम रहे हैं. अभी से 2024 की तैयारियों में लग गए हैं. प्रधानमंत्री ने अभी हाल ही में वंदे भारत ट्रेन के उद्घाटन के दौरान वीसी से जुड़े और कहा कि वो उनके मित्र हैं. लेकिन आहिस्ते-आहिस्ते वो मेरी सरकार की ऐसी तैसी करने लगे. खैर, ये सियासी चालाकियां हैं.

पीएम को याद दिलाई पुरानी बातें - सीएम गहलोत ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब मुख्यमंत्री थे तो उस समय उन्होंने उन्हें सबसे सीनियर मुख्यमंत्री बताया था. यदि वो सच में सीनियर मानते हैं तो कुछ सलाह उन्हें उनसे भी लेनी चाहिए. आगे उन्होंने कहा कि उनकी पहली सलाह यही है ओपीएस को लागू किया जाए और राजस्थान में प्रदेशवासियों के लिए बनाई गई सभी स्कीमों को देशवासियों के लिए लागू कर दिया जाए.

खतरे में लोकतंत्र - इस दौरान उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि प्रधानमंत्री और गृहमंत्री दोनों पूरे देश में घूम रहे हैं. इन लोगों ने देश में नया मॉडल बनाया है और वो है हॉर्स ट्रेडिंग कर सरकार गिराने की. कर्नाटक, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र इसके अच्छे उदाहरण है, जिसे देश ने देखा है. खैर, मौजूदा हकीकत यह है कि आज लोकतंत्र खतरे में है. भाजपा हिंदू-मुस्लिम की सियासत में मशगूल है, क्योंकि उन्हें इसी के सहारे चुनाव जीतना है.

राहुल गांधी के पीछे पड़े पीएम - गहलोत ने कहा कि पीएम कभी गांधी, नेहरू और इंदिरा गांधी का नाम नहीं लेते हैं और अब राहुल गांधी के पीछे पड़े हुए हैं. षड्यंत्र करके उन्हें पार्लियामेंट से निकलवाया गया. लेकिन उन्हें समझना होगा कि लोकतंत्र में सरकार बदलती रहती है, जनता का मूड कब बदल जाए, किसी को मालूम नहीं पड़ता. देश की जनता बहुत समझदार है. जनता अनपढ़ हो सकती है, लेकिन इनकी कॉमन सेंस एक्स्ट्रा ऑर्डिनरी है.

पीएम को बताया झांसा गुरु - सीएम से पहले कार्यक्रम को संबोधित करते हुए शिक्षा मंत्री डॉ. बीडी कल्ला ने कहा कि आगामी दिनों में शिक्षा विभाग में एक लाख पद भरे जाएंगे. इस दौरान उन्होंने भाजपा को कटघरे में खड़ा करते हुए कहा कि उन्हें तो हिंदू धर्म की परिभाषा भी नहीं आती है, लेकिन ये लोग सियासत के लिए धर्म के नाम पर लोगों को लड़ाने की कोशिश कर रहे हैं. वो यही नहीं रुके आगे उन्होंने पीएम मोदी को सबसे बड़ा झांसा गुरु करार दिया. इधर, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने उनके शिक्षा मंत्री रहते हुए किए गए कार्यों को गिनाया. साथ ही कहा कि चुनाव का समय शिक्षा मंत्री के कपड़े फाड़ने का समय होता है. अच्छा रहा कि उन्हें सीएम ने समय रहते शिक्षा मंत्री से हटा दिया.

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत

जयपुर. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह ने पूरे देश में एक नया मॉडल बनाया है. हॉर्स ट्रेडिंग करके सरकार गिराओ और अपनी सरकार बना लो. इनके पास कोई काम नहीं है, इसलिए चुनाव प्रचार के लिए हमेशा देश भर में घूमते रहते हैं. ये बातें मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने रविवार को राजधानी जयपुर में शिक्षकों की ओर से आयोजित एक सत्कार कार्यक्रम को संबोधित करने के दौरान कहीं. सीएम ने आगे कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उन्हें मित्र कहते हैं. बावजूद इसके वो उनकी सरकार की ऐसी तैसी करते रहते हैं. इस बीच शिक्षकों की ट्रांसफर पॉलिसी पर सीएम ने कहा कि ये उनकी सरकार की कमजोरी रही है, लेकिन जल्द ही इसे भी तैयार कर लिया जाएगा. ताकि भविष्य में किसी को परेशानी न हो. इसके साथ ही उन्होंने प्रदेश को 2030 तक देश का नंबर वन राज्य बनाने में सहयोग करने की भी अपील की.

शिक्षकों ने सीएम से की ये मांग - इसी साल राजस्थान में विधानसभा चुनाव होने हैं. तमाम सरकारी कर्मचारी संगठन राज्य सरकार के खिलाफ मोर्च खोले हुए हैं तो कई आंदोलनरत हैं. इस बीच रेसला और रेसा-पी की ओर से सीएम गहलोत के सत्कार के लिए विशेष कार्यक्रम आयोजित किया गया. जिसमें राज्य के शिक्षा मंत्री बीडी कल्ला, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा, आरटीडीसी चेयरमैन धर्मेंद्र राठौड़ सहित विभिन्न शिक्षक संगठनों के पदाधिकारी और शिक्षक मौजूद रहे. इस दौरान मंच से ओल्ड पेंशन स्कीम और प्रदेश में शुरू किए गए इंग्लिश मीडियम स्कूल खोले जाने को लेकर सीएम का आभार भी व्यक्त किया गया. साथ ही वेतन कटौती रोकने, गैर शैक्षणिक कार्यों में शिक्षकों को न लगाने और लंबित डीपीसी को पूरा करने सहित तृतीय श्रेणी शिक्षकों के स्थानांतरण करने की मांग भी की गई.

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मोदी-शाह पर साधा निशाना - इस पर सीएम गहलोत ने कहा कि मांगों की बजाय अपेक्षा रखना शिक्षकों का ये तरीका सरकार को पटाने जैसा है. ऐसे में उन्होंने शुरुआत में ही ये स्पष्ट कर दिया कि वो फिलहाल कोई घोषणा नहीं करेंगे. लेकिन सभी जायज मांगों और अपेक्षाओं को सकारात्मक दृष्टि से आगे बढ़ाया जाएगा. सीएम ने कहा कि ऐसा लग रहा है जैसे चुनाव वो नहीं, बल्कि राजस्थान की जनता लड़ेगी. गहलोत ने कहा कि चुनाव के दौरान मोदी और शाह के रोड शो भी होंगे, क्योंकि उनके पास धन बल है. लेकिन उनके पास धन नहीं और सब जानते हैं कि आज देश में क्या चल रहा है?.

केंद्र के खिलाफ जाएंगे सुप्रीम कोर्ट - मंच से सीएम ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके बीच हुए कई वाकयाओं को दोहराया. साथ ही बताया कि हिमाचल प्रदेश के पूर्व सीएम ने पीएम को कहा था कि राजस्थान के सीएम ने ओपीएस लागू किया है. उस वक्त उन्होंने ध्यान नहीं दिया. जिसकी वजह से हिमाचल में उनकी सरकार गई. आगे उन्होंने पीएम मोदी से अपील की, कि पूरे देश में ओल्ड पेंशन स्कीम को लागू किया जाए. सीएम ने कहा कि केंद्र जो पैसा लेकर बैठी है, उसमें राजस्थान सरकार का भी है और कर्मचारियों का भी पैसा है. अगर वो पैसा वापस नहीं देंगे तो हम सुप्रीम कोर्ट जाएंगे.

तबादले के लिए किसी दलाल के पास न जाएं - उन्होंने राज्य सरकार की विभिन्न योजनाओं को दोहराते हुए कहा कि सरकार ने अपनी तरफ से कोई कमी नहीं रखी है. जहां तक थर्ड ग्रेड शिक्षकों के ट्रांसफर का प्रकरण है तो राजस्थान में एक पॉलिसी बन जाए, जिससे किसी को भविष्य में कोई प्रॉब्लम ही न आए. महाराष्ट्र, गुजरात और कई राज्यों में पॉलिसी बनी हुई है. लेकिन राजस्थान में पॉलिसी न होने के कारण दिक्कतें पेश आ रही हैं, जो हमारी कमजोरी है. इस बीत उन्होंने शिक्षकों से कहा कि अगर कोई शिक्षक किसी दलाल के पास ट्रांसफर के लिए गया तो उसके तबादले को कैंसिल कर दिया जाएगा.

इसे भी पढ़ें - जो यूपी में हो रहा है, वो तो आसान काम है, मुश्किल कार्य तो कानून का पालन करना है : मुख्यमंत्री गहलोत

आगामी विधानसभा चुनाव पर बोले सीएम - सीएम ने कहा कि आने वाला चुनाव ऐसा होगा जिसके बारे में आप सोच भी नहीं सकते हैं. प्रधानमंत्री और गृहमंत्री के पास दिल्ली में कोई काम ही नहीं है. गुजरात में चुनाव हुए तो प्रधानमंत्री ने करीब 50 दौरे किए. गृहमंत्री पूरी कंट्री में घूम रहे हैं. अभी से 2024 की तैयारियों में लग गए हैं. प्रधानमंत्री ने अभी हाल ही में वंदे भारत ट्रेन के उद्घाटन के दौरान वीसी से जुड़े और कहा कि वो उनके मित्र हैं. लेकिन आहिस्ते-आहिस्ते वो मेरी सरकार की ऐसी तैसी करने लगे. खैर, ये सियासी चालाकियां हैं.

पीएम को याद दिलाई पुरानी बातें - सीएम गहलोत ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब मुख्यमंत्री थे तो उस समय उन्होंने उन्हें सबसे सीनियर मुख्यमंत्री बताया था. यदि वो सच में सीनियर मानते हैं तो कुछ सलाह उन्हें उनसे भी लेनी चाहिए. आगे उन्होंने कहा कि उनकी पहली सलाह यही है ओपीएस को लागू किया जाए और राजस्थान में प्रदेशवासियों के लिए बनाई गई सभी स्कीमों को देशवासियों के लिए लागू कर दिया जाए.

खतरे में लोकतंत्र - इस दौरान उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि प्रधानमंत्री और गृहमंत्री दोनों पूरे देश में घूम रहे हैं. इन लोगों ने देश में नया मॉडल बनाया है और वो है हॉर्स ट्रेडिंग कर सरकार गिराने की. कर्नाटक, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र इसके अच्छे उदाहरण है, जिसे देश ने देखा है. खैर, मौजूदा हकीकत यह है कि आज लोकतंत्र खतरे में है. भाजपा हिंदू-मुस्लिम की सियासत में मशगूल है, क्योंकि उन्हें इसी के सहारे चुनाव जीतना है.

राहुल गांधी के पीछे पड़े पीएम - गहलोत ने कहा कि पीएम कभी गांधी, नेहरू और इंदिरा गांधी का नाम नहीं लेते हैं और अब राहुल गांधी के पीछे पड़े हुए हैं. षड्यंत्र करके उन्हें पार्लियामेंट से निकलवाया गया. लेकिन उन्हें समझना होगा कि लोकतंत्र में सरकार बदलती रहती है, जनता का मूड कब बदल जाए, किसी को मालूम नहीं पड़ता. देश की जनता बहुत समझदार है. जनता अनपढ़ हो सकती है, लेकिन इनकी कॉमन सेंस एक्स्ट्रा ऑर्डिनरी है.

पीएम को बताया झांसा गुरु - सीएम से पहले कार्यक्रम को संबोधित करते हुए शिक्षा मंत्री डॉ. बीडी कल्ला ने कहा कि आगामी दिनों में शिक्षा विभाग में एक लाख पद भरे जाएंगे. इस दौरान उन्होंने भाजपा को कटघरे में खड़ा करते हुए कहा कि उन्हें तो हिंदू धर्म की परिभाषा भी नहीं आती है, लेकिन ये लोग सियासत के लिए धर्म के नाम पर लोगों को लड़ाने की कोशिश कर रहे हैं. वो यही नहीं रुके आगे उन्होंने पीएम मोदी को सबसे बड़ा झांसा गुरु करार दिया. इधर, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने उनके शिक्षा मंत्री रहते हुए किए गए कार्यों को गिनाया. साथ ही कहा कि चुनाव का समय शिक्षा मंत्री के कपड़े फाड़ने का समय होता है. अच्छा रहा कि उन्हें सीएम ने समय रहते शिक्षा मंत्री से हटा दिया.

Last Updated : Apr 16, 2023, 7:06 PM IST
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