जयपुर: सीएम अशोक गहलोत (CM Ashok Gehlot) ने अपनी सरकार के पुरानी पेंशन योजना (Old Pension Scheme) को लागू करने के फैसले को ऐतिहासिक बताया. उन्होंने कहा कि इस मामले में केंद्र को भी आगे आना चाहिए. साथ ही अन्य राज्य सरकारों से भी उन्होंने अपील की और कहा कि सभी सरकारों को मानवीय दृष्टिकोण पर विचार करते हुए कर्मचारियों को पुरानी पेंशन स्कीम का लाभ देना चाहिए. सीएम ने आगे कहा कि 1 जनवरी, 2004 के बाद नियुक्त कर्मचारियों को भी राजस्थान सरकार की तर्ज पर केंद्र और अन्य राज्यों की सरकार को ओल्ड पेंशन स्कीम का लाभ देना चाहिए. इससे कर्मचारियों में सुरक्षा की भावना पैदा होगी और वह गुड गवर्नेंस दे पाएंगे.
सीएम ने सोशल मीडिया के जरिए वीडियो जारी करते हुए कहा कि 1 जनवरी, 2004 के बाद नियुक्त सरकारी कर्मचारियों के लिए न्यू पेंशन स्कीम (NPS) लागू करने से उनमें भविष्य के प्रति असुरक्षा और अनिश्चितता का भाव आ गया था. पूरे देश में सबसे पहले राजस्थान में हमारी सरकार ने कर्मचारी हित में मानवीय दृष्टिकोण से पुरानी पेंशन योजना (OPS) बहाल की. इसके बाद छत्तीसगढ़ और झारखंड की सरकार ने भी OPS बहाल करने का निर्णय लिया है. ऐसे में मैं केंद्र और अन्य राज्य सरकारों से अपील करता हूं कि वह भी ओल्ड पेंशन स्कीम को बहाल करें, जिससे कर्मचारियों के अंदर सुरक्षा की भावना पैदा होगी.
उन्होंने कहा कि जो कर्मचारी 2004 के बाद नौकरी में लगे थे, उनमें असुक्षा की भावना पैदा हो गई थी. कर्मचारियों को सेवानिवृत्ति के बाद की चिंता सता रही थी. ऐसे में राजस्थान सरकार ने मानवीय दृष्टिकोण से फैसला किया.
सरकार बनी तो OPS की होगी बहाली - सीएम ने कहा कि गुजरात और हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनने पर वहां के सभी सरकारी कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना (OPS) लागू की जाएगी. गहलोत ने कहा कि कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी भी इसकी घोषणा कर चुके हैं. वहीं, अगर गुजरात में भी हमारी सरकार बनती है तो वहां भी ओल्ड पेंशन स्कीम लागू होगी.
बता दें कि देश में राजस्थान पहला राज्य है, जिसने 2004 के बाद नियुक्त कर्मचारियों को न्यू पेंशन की जगह ओल्ड पेंशन स्कीम में शामिल किया. सीएम गहलोत ने विधानसभा में इसकी घोषणा की थी. इससे प्रदेश के करीब साढ़े तीन लाख से ज्यादा उन कर्मचारियों अधिकारियों को लाभ मिला है, जो एक जनवरी, 2004 के बाद सरकारी नौकरी में आए थे.