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सफाई कर्मचारियों की मांगों को लेकर अब ग्रेटर निगम जा पहुंचे मुख्य सचेतक महेश जोशी - Sanitation workers demonstration in Jaipur

मुख्य सचेतक महेश जोशी (Chief Whip Mahesh Joshi) ने अब सफाई कर्मचारियों की मांगों को पूरी करने की पैरवी की है. जोशी शुक्रवार को 16 सूत्री मांगों को लेकर जयपुर ग्रेटर निगम पहुंचे, जहां उन्होंने आयुक्त को ज्ञापन सौंपा.

Mahesh Joshi, Jaipur Greater Corporation
महेश जोशी जयपुर ग्रेटर निगम पहुंचे
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Published : Aug 6, 2021, 6:00 PM IST

Updated : Aug 6, 2021, 6:53 PM IST

जयपुर. सफाई कर्मचारियों से जुड़ी 16 सूत्री मांगों को लेकर मुख्य सचेतक महेश जोशी ग्रेटर नगर निगम जा पहुंचे. यहां आयुक्त को उन्होंने ज्ञापन सौंपा और सफाई कर्मचारियों की सभी मांगों पर सहानुभूति पूर्वक विचार कर नगर निगम हेरिटेज की तरह सभी मांगों को मानने की मांग की.

सरकारी मुख्य सचेतक डॉ. महेश जोशी ने संयुक्त वाल्मीकि और सफाई श्रमिक संघ का संरक्षक होने के नाते ये मांग पत्र सौंपा. इससे पहले महेश जोशी ने मांग पत्र पढ़ कर भी सुनाया. इस दौरान उन्होंने कहा कि आठ सूत्री लंबित मांगों को हेरिटेज निगम प्रशासन ने हुबहू मान लिया है. उम्मीद है कि ग्रेटर निगम भी सभी मांगों पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करेगा.

महेश जोशी जयपुर ग्रेटर निगम पहुंचे

मांग पत्र के अध्ययन के लिए संघ की ओर से निगम प्रशासन को तीन-चार दिन का समय दिया गया हैं. इस दौरान वाल्मीकि सफाई श्रमिक संघ के अलावा सफाई कर्मचारियों के दूसरे गैंग को रोकने की भी मांग की. वहीं ग्रेटर निगम आयुक्त यज्ञमित्र सिंह देव ने कहा कि नगर निगम प्रशासन के लिए शहर की सफाई और सफाई श्रमिक पहली प्राथमिकता है. इन मांगों का पूरा मान रखने का प्रयास किया जायेगा.

यह भी पढ़ें. अपनी ही पार्टी के राज में NSUI का RU प्रशासन के खिलाफ 'हल्ला बोल', पुलिस से धक्का-मुक्की...जानें पूरा माजरा

महेश जोशी ने इन मांगों को सामने रखा है. गैर वाल्मीकि समाज के सफाई कर्मचारी जो कार्यालयों में कार्य कर रहे हैं, उनको सफाई कार्य के लिए वार्डों में लगाने के आदेश जारी किया जाए. साल 2018 में नियुक्त कर्मचारियों को 1 सितंबर से स्थाई वेतन दिया जाए और 10 माह का वेतन एरियर का भुगतान रक्षाबंधन पर एक मुश्त दिया जाए. सेवानिवृति पर मिलने वाले समस्त परिलाभों का भुगतान सेवानिवृत होने वाले कार्मिकों को सेवानिवृत्ति के ही दिन दिया जाए. लंबित मृतक आश्रित कर्मचारियों की नियुक्ति के पत्रावलियों का अविलंब निस्तारण करते हुए आश्रित को नियुक्ति प्रदान करें.

यह भी पढ़ें. बदला खेल रत्न पुरुस्कार का नाम, बीजेपी ने कहा- मेजर ध्यानचंद के नाम से पुरस्कार होना खेल जगत के लिए बड़ी उपलब्धि

साथ ही उन्होंने मांग रखी कि जिन कर्मचारियों को अगले पद के लिए 5 वर्ष का अनुभव नहीं है, उन्हें किसी भी पद पर जमादार, स्वास्थ्य निरीक्षक, मुख्य स्वास्थ्य निरीक्षक नहीं लगाया जाए. यदि किसी कार्मिक को किसी पद पर अनुभव पूर्ण नहीं होने पर लगा दिया गया है तो उसे तुरंत निरस्त करे. वेतन प्रत्येक महीने की 1 तारीख को दिया जाए. यदि किसी कारण वेतन लेट होता है तो बैंक की ओर से लिये गए ऋण की पेनल्टी निगम प्रशासन भुगते या बैंक को 10 तारीख तक सैलेरी नहीं आने पर पेनाल्टी ना लगाएं.

साल 2018 से पूर्व ठेकेदार / फर्म/संविदा पर कार्य कर पूर्ण सफाई कर्मचारी/अन्य संवर्ग के कर्मचारियों को रिकॉर्ड संबंधित फर्म से लेकर राज्य सरकार को उपलब्ध कराएं. स्वास्थ्य शाखा के सभी पदोन्नत या तुरंत प्रभाव से की जाए. वर्तमान में कार्यरत संयुक्त वाल्मीकि सफाई कर्मचारी संघ के अलावा कई कर्मचारी गैंग बनाकर मुख्यालय में प्रतिदिन आकर कार्य को प्रभावित करते हैं, उन्हें रोका जाए.

जयपुर. सफाई कर्मचारियों से जुड़ी 16 सूत्री मांगों को लेकर मुख्य सचेतक महेश जोशी ग्रेटर नगर निगम जा पहुंचे. यहां आयुक्त को उन्होंने ज्ञापन सौंपा और सफाई कर्मचारियों की सभी मांगों पर सहानुभूति पूर्वक विचार कर नगर निगम हेरिटेज की तरह सभी मांगों को मानने की मांग की.

सरकारी मुख्य सचेतक डॉ. महेश जोशी ने संयुक्त वाल्मीकि और सफाई श्रमिक संघ का संरक्षक होने के नाते ये मांग पत्र सौंपा. इससे पहले महेश जोशी ने मांग पत्र पढ़ कर भी सुनाया. इस दौरान उन्होंने कहा कि आठ सूत्री लंबित मांगों को हेरिटेज निगम प्रशासन ने हुबहू मान लिया है. उम्मीद है कि ग्रेटर निगम भी सभी मांगों पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करेगा.

महेश जोशी जयपुर ग्रेटर निगम पहुंचे

मांग पत्र के अध्ययन के लिए संघ की ओर से निगम प्रशासन को तीन-चार दिन का समय दिया गया हैं. इस दौरान वाल्मीकि सफाई श्रमिक संघ के अलावा सफाई कर्मचारियों के दूसरे गैंग को रोकने की भी मांग की. वहीं ग्रेटर निगम आयुक्त यज्ञमित्र सिंह देव ने कहा कि नगर निगम प्रशासन के लिए शहर की सफाई और सफाई श्रमिक पहली प्राथमिकता है. इन मांगों का पूरा मान रखने का प्रयास किया जायेगा.

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महेश जोशी ने इन मांगों को सामने रखा है. गैर वाल्मीकि समाज के सफाई कर्मचारी जो कार्यालयों में कार्य कर रहे हैं, उनको सफाई कार्य के लिए वार्डों में लगाने के आदेश जारी किया जाए. साल 2018 में नियुक्त कर्मचारियों को 1 सितंबर से स्थाई वेतन दिया जाए और 10 माह का वेतन एरियर का भुगतान रक्षाबंधन पर एक मुश्त दिया जाए. सेवानिवृति पर मिलने वाले समस्त परिलाभों का भुगतान सेवानिवृत होने वाले कार्मिकों को सेवानिवृत्ति के ही दिन दिया जाए. लंबित मृतक आश्रित कर्मचारियों की नियुक्ति के पत्रावलियों का अविलंब निस्तारण करते हुए आश्रित को नियुक्ति प्रदान करें.

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साथ ही उन्होंने मांग रखी कि जिन कर्मचारियों को अगले पद के लिए 5 वर्ष का अनुभव नहीं है, उन्हें किसी भी पद पर जमादार, स्वास्थ्य निरीक्षक, मुख्य स्वास्थ्य निरीक्षक नहीं लगाया जाए. यदि किसी कार्मिक को किसी पद पर अनुभव पूर्ण नहीं होने पर लगा दिया गया है तो उसे तुरंत निरस्त करे. वेतन प्रत्येक महीने की 1 तारीख को दिया जाए. यदि किसी कारण वेतन लेट होता है तो बैंक की ओर से लिये गए ऋण की पेनल्टी निगम प्रशासन भुगते या बैंक को 10 तारीख तक सैलेरी नहीं आने पर पेनाल्टी ना लगाएं.

साल 2018 से पूर्व ठेकेदार / फर्म/संविदा पर कार्य कर पूर्ण सफाई कर्मचारी/अन्य संवर्ग के कर्मचारियों को रिकॉर्ड संबंधित फर्म से लेकर राज्य सरकार को उपलब्ध कराएं. स्वास्थ्य शाखा के सभी पदोन्नत या तुरंत प्रभाव से की जाए. वर्तमान में कार्यरत संयुक्त वाल्मीकि सफाई कर्मचारी संघ के अलावा कई कर्मचारी गैंग बनाकर मुख्यालय में प्रतिदिन आकर कार्य को प्रभावित करते हैं, उन्हें रोका जाए.

Last Updated : Aug 6, 2021, 6:53 PM IST
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