जयपुर. मुख्य सचिव निरंजन आर्य ने उदयपुर जिले के झामर कोटड़ा में कंपनी द्वारा किये जा रहे खनन कार्यों की समीक्षा की. इस दौरान आर्य ने कहा की राज्य में उपलब्ध खनिज संसाधनों के उत्पादन, विक्रय एवं विपणन के लिए एग्रेसिव और डायनेमिक विजन बनाया जाये. मुख्य सचिव ने उदयपुर जिले के झामर कोटड़ा में कंपनी द्वारा किये जा रहे खनन कार्यों की समीक्षा करते हुए कहा की इस क्षेत्र में खनन के दौरान प्राप्त अपशिष्ट मलबे (ओवर बर्डन) की उपयोगिता को बढ़ाया जाये जिससे राज्य को अतिरिक्त राजस्व प्राप्त हो सके. उन्होंने राज्य में पाये जाने वाले एम सैंड के लिए संयत्र लगाने की आवश्यकता पर जोर दिया.
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मुख्य सचिव ने जैसलमेर जिले के सानू क्षेत्र में उपलब्ध स्टील ग्रेड लाइम-स्टोन को विकसित करने के साथ-साथ निम्न श्रेणी के लाइमस्टोन के व्यावसायिक उपयोग और उसके विपणन के प्रयासों में तेजी लाने के निर्देश भी दिये. बैठक में आर.एस.एम.एम.एल. के प्रबंध निदेशक एवं उदयपुर के संभागीय आयुक्त विकास सीताराम भाले ने कम्पनी की ओर से राज्य में रॉक-फॉस्फेट, लिग्नाइट, लाइमस्टोन एवं जिप्सम के उत्पादन और विक्रय की उपलब्धियों के साथ अन्य खनिज दोहन के प्रयासों के सम्बंध में प्रेजेन्टेशन के माध्यम से विस्तार से जानकारी दी. बैठक में राजस्थान राज्य खान एवं खनिज लिमिटेड के वित्तीय सलाहकार डॉ. टी.आर. अग्रवाल एवं विशेषाधिकारी राजीव वर्मा भी उपस्थित रहे.