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धनतेरस पर संविदाकर्मियों को बड़ा तोहफा, राजस्थान कॉन्ट्रेक्चुअल हायरिंग टू सिविल पोस्ट रूल्स 2022 लागू - Chief Minister Ashok Gehlot gave big gift

राजस्थान की गहलोत सरकार ने धनतेरस पर संविदाकर्मियों को बड़ा तोहफा दिया है. सरकार ने कॉन्ट्रेक्चुअल हायरिंग टू सिविल पोस्ट रूल्स 2022 के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी (Contractual Hiring to Civil Post Rules approved) है. इस प्रस्ताव की मंजूरी से अब 1 लाख 10 हजार से अधिक संविदाकर्मियों को लाभ मिलेगा.

CM Gehlot Diwali gift
संविदाकर्मियों को बड़ा तोहफा
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Published : Oct 22, 2022, 9:19 PM IST

जयपुर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शनिवार को राज्य में 'राजस्थान कॉन्ट्रेक्चुअल हायरिंग टू सिविल पोस्ट रूल्स, 2022' लागू करने के प्रस्ताव को (Rajasthan Contractual Hiring to Civil Post Rules) मंजूरी दे दी है. यह नियम राज्य के विभिन्न विभागों में कार्यरत संविदाकर्मियों पर लागू होंगे. जिससे अब प्रदेश के करीब 1 लाख 10 हजार से भी अधिक संविदाकर्मियों को इन नियमों के दायरे में लाकर लाभान्वित किया जाएगा. मुख्यमंत्री निवास पर आयोजित महत्वपूर्ण बैठक में यह निर्णय लिया गया. इससे अब संविदाकर्मियों के जीवन में उजियारे की राह (CM Gehlot Diwali gift) प्रशस्त होगी.

बता दें कि केंद्रीय प्रवर्तित एवं राज्य सरकारों की विभिन्न जनकल्याणकारी व सामाजिक सुरक्षा से जुड़ी योजनाओं की क्रियान्विति में यह संविदाकर्मी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते रहे हैं. लेकिन इनकी सामाजिक सुरक्षा का ध्यान नहीं रखा जा रहा था. यहां तक कि कई राज्यों में तो इनका मानदेय तक नहीं बढ़ाया गया था. वहीं, अब गहलोत सरकार के मानवीय दृष्टिकोण के साथ इस फैसले से प्रदेश के करीब 1 लाख 10 हजार से अधिक संविदाकर्मियों की सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चित होगी.

इसे भी पढ़ें - मरीजों को सौगात: SMS में न्यूरोसर्जरी डीएसए लैब, 256 स्लाइस स्पेक्ट्रल सीटी स्कैन और रेडियोलॉजी डीएसए लैब की शुरुआत

गहलोत सरकार के इस निर्णय से शिक्षा विभाग के शिक्षाकर्मी, पैरा टीचर्स, ग्राम पंचायत सहायक, अंग्रेजी माध्यम अध्यापक सहित कुल 41423 संविदाकर्मी, ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग के राजीविका व मनरेगा के कुल 18326, अल्प संख्यक विभाग के 5697 मदरसा पैरा टीचर्स, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग व चिकित्सा शिक्षा विभाग के 44833 संविदाकर्मियों सहित कुल 1 लाख 10 हजार 279 संविदाकर्मी इन नियमों से लाभान्वित होंगे. राजस्थान कॉन्ट्रेक्चुअल हायरिंग टू सिविल पोस्ट रूल्स 2022 के लागू होने से संविदाकर्मियों की भर्ती भी अब पारदर्शी तरीके से हो सकेगी. साथ ही इसमें आरक्षण का भी पूरा ध्यान रखा जाएगा.

साथ ही जो संविदाकर्मी 5 साल तक काम कर लेंगे उन्हें भविष्य में उन पदों के नियमित होने पर उन्हीं संविदाकर्मियों में से स्क्रीनिंग कर उन्हें स्थायी किया जाएगा. नियमों में यह भी ध्यान रखा गया है कि किस पद को किस स्थायी पद के समकक्ष माना जाए. इसी आधार पर इन संविदाकर्मियों के लिए मानदेय का निर्धारण भी किया गया है. इसके अलावा स्पेशल पे प्रोटेक्शन का प्रावधान (Provision of special pay protection) भी रखा गया है. नियमित होने पर इन कर्मियों को ओपीएस का लाभ भी दिया जाएगा.

संविदाकर्मियों को नियमित करने को लेकर समय-समय पर कई कमेटियां बनीं, लेकिन इनकी समस्याओं का स्थायी समाधान नहीं हो सका था. लेकिन सीएम गहलोत ने साल 2021-22 के बजट में संविदाकर्मियों का विभागवार कैडर बनाने की घोषणा की थी. साथ ही 2022-23 के बजट में भी इनके मानदेय में 20 प्रतिशत वृद्धि किए जाने की घोषणा हुई थी.

जयपुर. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शनिवार को राज्य में 'राजस्थान कॉन्ट्रेक्चुअल हायरिंग टू सिविल पोस्ट रूल्स, 2022' लागू करने के प्रस्ताव को (Rajasthan Contractual Hiring to Civil Post Rules) मंजूरी दे दी है. यह नियम राज्य के विभिन्न विभागों में कार्यरत संविदाकर्मियों पर लागू होंगे. जिससे अब प्रदेश के करीब 1 लाख 10 हजार से भी अधिक संविदाकर्मियों को इन नियमों के दायरे में लाकर लाभान्वित किया जाएगा. मुख्यमंत्री निवास पर आयोजित महत्वपूर्ण बैठक में यह निर्णय लिया गया. इससे अब संविदाकर्मियों के जीवन में उजियारे की राह (CM Gehlot Diwali gift) प्रशस्त होगी.

बता दें कि केंद्रीय प्रवर्तित एवं राज्य सरकारों की विभिन्न जनकल्याणकारी व सामाजिक सुरक्षा से जुड़ी योजनाओं की क्रियान्विति में यह संविदाकर्मी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते रहे हैं. लेकिन इनकी सामाजिक सुरक्षा का ध्यान नहीं रखा जा रहा था. यहां तक कि कई राज्यों में तो इनका मानदेय तक नहीं बढ़ाया गया था. वहीं, अब गहलोत सरकार के मानवीय दृष्टिकोण के साथ इस फैसले से प्रदेश के करीब 1 लाख 10 हजार से अधिक संविदाकर्मियों की सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चित होगी.

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गहलोत सरकार के इस निर्णय से शिक्षा विभाग के शिक्षाकर्मी, पैरा टीचर्स, ग्राम पंचायत सहायक, अंग्रेजी माध्यम अध्यापक सहित कुल 41423 संविदाकर्मी, ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग के राजीविका व मनरेगा के कुल 18326, अल्प संख्यक विभाग के 5697 मदरसा पैरा टीचर्स, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग व चिकित्सा शिक्षा विभाग के 44833 संविदाकर्मियों सहित कुल 1 लाख 10 हजार 279 संविदाकर्मी इन नियमों से लाभान्वित होंगे. राजस्थान कॉन्ट्रेक्चुअल हायरिंग टू सिविल पोस्ट रूल्स 2022 के लागू होने से संविदाकर्मियों की भर्ती भी अब पारदर्शी तरीके से हो सकेगी. साथ ही इसमें आरक्षण का भी पूरा ध्यान रखा जाएगा.

साथ ही जो संविदाकर्मी 5 साल तक काम कर लेंगे उन्हें भविष्य में उन पदों के नियमित होने पर उन्हीं संविदाकर्मियों में से स्क्रीनिंग कर उन्हें स्थायी किया जाएगा. नियमों में यह भी ध्यान रखा गया है कि किस पद को किस स्थायी पद के समकक्ष माना जाए. इसी आधार पर इन संविदाकर्मियों के लिए मानदेय का निर्धारण भी किया गया है. इसके अलावा स्पेशल पे प्रोटेक्शन का प्रावधान (Provision of special pay protection) भी रखा गया है. नियमित होने पर इन कर्मियों को ओपीएस का लाभ भी दिया जाएगा.

संविदाकर्मियों को नियमित करने को लेकर समय-समय पर कई कमेटियां बनीं, लेकिन इनकी समस्याओं का स्थायी समाधान नहीं हो सका था. लेकिन सीएम गहलोत ने साल 2021-22 के बजट में संविदाकर्मियों का विभागवार कैडर बनाने की घोषणा की थी. साथ ही 2022-23 के बजट में भी इनके मानदेय में 20 प्रतिशत वृद्धि किए जाने की घोषणा हुई थी.

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