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Jaipur Fraud Case: सरकारी लोन दिलाने के नाम पर करोड़ों की ठगी, आरोपी फरार

राजधानी जयपुर में सरकारी लोन दिलाने के नाम पर करोड़ों की ठगी (jaipur fraud case) का मामला सामने आया है. इसकी शिकायत आंगनबाड़ी में कार्यरत महिलाओं ने (cheating of crores in name of government loan in jaipur) थाने में लिखवाई है. आरोपी घटना के बाद से फरार है. पुलिस इनकी तलाश कर रही है.

fraud with anganwadi workers in jaipur
जयपुर में सरकारी लोन दिलाने के नाम पर करोड़ो की ठगी का मामला
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Published : Apr 5, 2022, 1:38 PM IST

जयपुर. राजधानी के गांधी नगर थाना इलाके में ठग ने महिलाओं से ग्रुप लोन दिलाने का झांसा देकर (jaipur fraud case) करोड़ों लेकर फरार हो गए. इस संबंध में आंगनबाड़ी में काम करने वाली मीना कंवर ने पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई है. प्रकरण की जांच कर रहे एसआई प्रेम कुमार शर्मा ने बताया कि मीना कंवर पिछले 10 वर्षों से आंगनबाड़ी में काम कर रही है और उसका पति मजदूरी करता है. वर्ष 2017 में मीना के देवर विक्रम के एक परिचित सोनू चौहान ने उसको सरकार के वेलफेयर स्कीम के तहत महिलाओं को ग्रुप लोन सहायता दिए जाने की बात बताई. इसके साथ ही 25 हजार रुपए कार लोन दिलाने का भी आश्वासन दिया.

इस पर मीना ने अपने साथ काम करने वाली लक्ष्मी शर्मा और कमला को भी लोन लेने के लिए राजी किया. फिर तीनों महिलाओं ने अपने पैन कार्ड लाकर सोनू को दे दिए. महिलाओं के पैन कार्ड देने के कुछ महीने बाद सोनू ने मीना और लक्ष्मी शर्मा को उनका लोन पास होने की जानकारी देते हुए अपना 3 हजार रुपए का कमीशन काट 22-22 हजार थमा दिए. वहीं तीसरे महिला कमला का आवेदन रिजेक्ट होने की बात कहकर उसे कुछ भी राशि नहीं दी गई. दोनों महिलाओं ने लोन की राशि तीन किश्तों में सोनू के माध्यम से चंद्रेश अग्रवाल नामक व्यक्ति को चुका दी.

18 लाख का थमाया नोटिस: इसके कुछ महीनों बाद कानाराम नामक बैंक कर्मचारी मीना के घर आया (cheating of crores in name of government loan in jaipur) और उसे एक नोटिस थमा कर 18 लाख रुपए से अधिक की लोन राशि बकाया होने की जानकारी दी. साथ ही जल्द से जल्द लोन चुकाने के लिए भी कहा. इसी प्रकार का नोटिस कमला और लक्ष्मी नामक महिलाओं को भी भेजा गया. इस पर जब तीनों महिलाओं ने झालाना स्थित पंजाब नेशनल बैंक जाकर लोन से संबंधित जानकारी हासिल करना चाहा और कागजात मांगे तो बैंक कर्मचारियों ने उन्हें कुछ भी देने से इनकार कर दिया.

पढ़ें-Fraud cases in Jaipur: विदेश में रेस्टोरेंट खोलने, बीएसएफ में नौकरी लगाने और निवेश के नाम पर लोगों से की गई लाखों की ठगी

आरटीआई से मांगी जानकारी तब हुआ ठगी का खुलासा: महिलाओं को बैंक की ओर से लगातार नोटिस भेजकर बकाया राशि जमा कराने का दबाव बनाया जाने लगा. जिसके चलते महिलाएं और उनका परिवार काफी घबरा गया. इस पर जब बैंक से आरटीआई के तहत लोन से संबंधित जानकारी मांगी गई तब जाकर पता चला कि महिलाओं के दस्तावेजों का गलत तरीके से उपयोग कर फर्जी किरायानामा और अन्य कागजात बनाया गया है. इतना ही नहीं उनके नाम से विभिन्न औद्योगिक संस्थाओं और फर्म के नाम लोन उठाया गया है. जिसमें फर्म का मालिक महिलाओं को दर्शाया गया है. जबकि ये आंगनबाड़ी में काम करने वाली साधारण महिलाएं हैं.

जब इस पूरे प्रकरण की पड़ताल की गई तो पता चला कि अनेक महिलाओं के नाम से इसी प्रकार से कई लोन खाता खुलवाया गया है. ठगों ने बैंक कर्मचारियों की मदद से ही तकरीबन 3 करोड़ रुपए का लोन उठाया है. ठगी के इस पूरे प्रकरण में कई बैंक कर्मचारियों की संलिप्तता पाई गई है. जिसके चलते महिलाओं से दस्तावेज लेने वाले सोनू सहित कुल 11 लोगों के विरुद्ध ठगी का मामला दर्ज किया गया है. फिलहाल पुलिस ने प्रकरण दर्ज कर जांच करना शुरू किया है.

जयपुर. राजधानी के गांधी नगर थाना इलाके में ठग ने महिलाओं से ग्रुप लोन दिलाने का झांसा देकर (jaipur fraud case) करोड़ों लेकर फरार हो गए. इस संबंध में आंगनबाड़ी में काम करने वाली मीना कंवर ने पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई है. प्रकरण की जांच कर रहे एसआई प्रेम कुमार शर्मा ने बताया कि मीना कंवर पिछले 10 वर्षों से आंगनबाड़ी में काम कर रही है और उसका पति मजदूरी करता है. वर्ष 2017 में मीना के देवर विक्रम के एक परिचित सोनू चौहान ने उसको सरकार के वेलफेयर स्कीम के तहत महिलाओं को ग्रुप लोन सहायता दिए जाने की बात बताई. इसके साथ ही 25 हजार रुपए कार लोन दिलाने का भी आश्वासन दिया.

इस पर मीना ने अपने साथ काम करने वाली लक्ष्मी शर्मा और कमला को भी लोन लेने के लिए राजी किया. फिर तीनों महिलाओं ने अपने पैन कार्ड लाकर सोनू को दे दिए. महिलाओं के पैन कार्ड देने के कुछ महीने बाद सोनू ने मीना और लक्ष्मी शर्मा को उनका लोन पास होने की जानकारी देते हुए अपना 3 हजार रुपए का कमीशन काट 22-22 हजार थमा दिए. वहीं तीसरे महिला कमला का आवेदन रिजेक्ट होने की बात कहकर उसे कुछ भी राशि नहीं दी गई. दोनों महिलाओं ने लोन की राशि तीन किश्तों में सोनू के माध्यम से चंद्रेश अग्रवाल नामक व्यक्ति को चुका दी.

18 लाख का थमाया नोटिस: इसके कुछ महीनों बाद कानाराम नामक बैंक कर्मचारी मीना के घर आया (cheating of crores in name of government loan in jaipur) और उसे एक नोटिस थमा कर 18 लाख रुपए से अधिक की लोन राशि बकाया होने की जानकारी दी. साथ ही जल्द से जल्द लोन चुकाने के लिए भी कहा. इसी प्रकार का नोटिस कमला और लक्ष्मी नामक महिलाओं को भी भेजा गया. इस पर जब तीनों महिलाओं ने झालाना स्थित पंजाब नेशनल बैंक जाकर लोन से संबंधित जानकारी हासिल करना चाहा और कागजात मांगे तो बैंक कर्मचारियों ने उन्हें कुछ भी देने से इनकार कर दिया.

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आरटीआई से मांगी जानकारी तब हुआ ठगी का खुलासा: महिलाओं को बैंक की ओर से लगातार नोटिस भेजकर बकाया राशि जमा कराने का दबाव बनाया जाने लगा. जिसके चलते महिलाएं और उनका परिवार काफी घबरा गया. इस पर जब बैंक से आरटीआई के तहत लोन से संबंधित जानकारी मांगी गई तब जाकर पता चला कि महिलाओं के दस्तावेजों का गलत तरीके से उपयोग कर फर्जी किरायानामा और अन्य कागजात बनाया गया है. इतना ही नहीं उनके नाम से विभिन्न औद्योगिक संस्थाओं और फर्म के नाम लोन उठाया गया है. जिसमें फर्म का मालिक महिलाओं को दर्शाया गया है. जबकि ये आंगनबाड़ी में काम करने वाली साधारण महिलाएं हैं.

जब इस पूरे प्रकरण की पड़ताल की गई तो पता चला कि अनेक महिलाओं के नाम से इसी प्रकार से कई लोन खाता खुलवाया गया है. ठगों ने बैंक कर्मचारियों की मदद से ही तकरीबन 3 करोड़ रुपए का लोन उठाया है. ठगी के इस पूरे प्रकरण में कई बैंक कर्मचारियों की संलिप्तता पाई गई है. जिसके चलते महिलाओं से दस्तावेज लेने वाले सोनू सहित कुल 11 लोगों के विरुद्ध ठगी का मामला दर्ज किया गया है. फिलहाल पुलिस ने प्रकरण दर्ज कर जांच करना शुरू किया है.

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