रेनवाल (जयपुर). जिले के रेनवाल कस्बे सहित आस-पास के क्षेत्र में जमानें के साथ अब होली पर चंग की थाप पर धमाल मंद पड़ गई है. जहां होली से कई दिनों पूर्व गांवों में लोग देर रात तक चंग की थाप पर होली की धमाल पर गाते नाचते थे. पूरा गांव होली का त्योंहार जोश औरउमंग के साथ मनाया करते थे. लेकिन बदलते जमानें के साथ अब चंग की थाप पर धमाल मंद पड़ गई है.
होली दहन के दिन लोग अब चंग के बजाकर इसकी औचारिकता पूरी कर लेते हैं. होली रंगो का त्योंहार है पहले एक दूसरे को रंग गुलाल लगाकर प्रेम, स्नेह प्रदर्शित करते थे, लेकिन अब ऐसा नजर नहीं आता. होली का एक माह पूर्व डांडा रोपण को दिन से गांव, कस्बे में महिलाएं और लड़कियां शाम के समय होली के गीत गाती थी, जो पूरे एक माह चलते थे, लेकिन वर्तमान पीढ़ी को यह पुरानी पंरपरा अच्छी नहीं लगती.
परंपरागत त्योहार और खेलों के प्रति नई जनरेशन का झुकाव कम होने पर पुरानी पीढ़ी के लोग काफी खिन्न है. उनका कहना है कि अगर यही रफ्तार रही तो आने वाले वर्षों में पुरानें त्योंहारों की जगह न्यू ईयर, वेलेंटाइन डे ले लेंगे जो भारतीय संस्कृति के प्रतिकुल है.
होली हिंदुओं का सबसे बड़ा त्योहार है. पहले होली से कई दिनों पहले लोग कपड़े की बड़ी दड़ी (बॉल) बनाकर दो टीम बनाकर हॉकी खेला करते थे. गांव के काफी लोग खेल में शामिल होने से बड़ा अच्छा लगता था, सभी में भाईचारा रहता था मगर धीरे धीरे यह विलुप्त हो गई है.
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श्याम बाबा का जागरण और फागोत्सव का आयोजन
श्री श्याम सेवा समिति के तत्वाधान में कस्बे के टहला मार्ग स्थित गणपति मैरिज गार्डन में श्याम बाबा का जागरण और फागोत्सव मनाया गया. श्याम सेवा समिति के जगदीश सैनी ने बताया कि इस मौके पर श्याम प्रभु का अलौकिक फूलों से दरबार सजाया गया और आकर्षक बाबा का श्रंगार किया गया. अरोड़ा म्यूजिकल ग्रुप की ओर से हारे का सहारा बाबा श्याम का गुणगान किया गया. गायक कलाकार शरीफ भाई ने गणेश वंदना से कार्यक्रम का शुभारंभ किया. उसके बाद स्थानीय गायक कलाकार सुरजीत सिंह ने दुनिया में देव हजारों है, हनुमान जी का भजन सुना कर भजनों की शुरुआत की. तू क्यों घबराता है तेरा श्याम से नाता है, भजन सुनाकर सभी श्रद्धालु श्रोताओं को भाव विभोर कर दिया.