जयपुर. सर्दी से बचाव के लिए नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में लॉयन, टाइगर, लेपर्ड जैसे बड़े वन्यजीवों के लिए एंक्लोजर में हीटर लगाया गया है. इसके साथ ही वन्यजीवों के पिंजरो में परान, भूसा बिछाने के साथ-साथ बोरिया भी लगाई गई है.
सर्दियों के मौसम के अनुसार वन्यजीवों की डाइट में भी बदलाव किया गया है. डाइट में दो बॉईल एग शामिल करने के साथ-साथ चिकन की मात्रा में बढ़ोतरी की गई है. भालू को उबले अंडे के साथ पिंड खजूर दिए जा रहे है. वहीं, शाकाहारी वन्यजीवों को गाजर के साथ दाने की मात्रा में बढ़ोतरी की गई है.
इसी के साथ बर्ड्स की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए मेडिसिन दी जा रही है. वहीं, रेप्टाइल प्रजातियों के जानवरों जैसे मगरमच्छ, कछुआ और घड़ियाल के भोजन में कमी की गई है. क्योंकि, सर्दियों में इन वन्यजीवों की मेटाबॉलिज्म क्षमता कम हो जाती है.
नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क के एसीएफ जगदीश गुप्ता ने बताया कि सर्दियों के मौसम के अनुसार वन्यजीवों की डाइट में परिवर्तन किया गया है. इसके साथ ही सर्दी से बचाने के लिए वन्यजीवों के लिए विशेष इंतजाम भी किए गए हैं. डाइट में भालू को शहद की मात्रा 100 ग्राम बढ़ा दी गई है और पिंड खजूर दिया जा रहा है. शक्कर की जगह गुड दिया जा रहा है. इसके अलावा रोटी के साथ गर्म दूध और दो अंडे बॉईल करके दिए जा रहे है.
लॉयन, पैंथर और टाइगर को दो-दो बॉयल अंडे दिए जा रहे है. शाकाहारी वन्यजीवों की 100 ग्राम दाल बढ़ाई गई है. इसके अलावा 2 किलो गाजर भी ज्यादा दी जा रही है. सभी वन्यजीवों के पिंजरे में पराल डालना शुरू किया गया है, जिससे वन्यजीवों को थोड़ी गर्माहट महसूस होगी. उन्होंने बताया कि बड़े वन्यजीवों के पिंजरे में हीटर लगाए गए है. जिससे उनको सर्दी से बचाया जा सके. इसके साथ ही पिंजरों के बाहर और अंदर पर्दें भी लगा दिए गए है.