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भू अवाप्ति की मुआवजा नीति में बदलाव...ये होंगे लाभ - land acquisition policy Updates

राजस्थान सरकार ने भू अवाप्ति की मुआवजा नीति में बदलाव (compensation policy for land acquisition) किया है. इसके तहत जमीन का सरकारी पट्टा होने पर अवाप्ति पर शत-प्रतिशत मुआवजा दिया जाएगा.

भू अवाप्ति की मुआवजा नीति में बदलाव
भू अवाप्ति की मुआवजा नीति में बदलाव
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Published : Nov 30, 2022, 5:17 PM IST

जयपुर. सरकारी पट्टे की जमीन अवाप्ति पर विकसित भूखंड का दोगुना मुआवजा (compensation policy for land acquisition) मिलेगा. राज्य सरकार ने साढ़े पांच महीने (Change in compensation policy) पुरानी भू-अवाप्ति की मुआवजा नीति में बड़े बदलाव किए हैं. इसके तहत सरकारी पट्टे की जमीन अवाप्ति पर पहले जो मुआवजा 50% मिलता था अब वह 100% मिलेगा. नगरीय विकास विभाग और स्वायत्त शासन विभाग ने संशोधित मुआवजा नीति लागू कर दी है. हालांकि रिंग रोड परियोजना के उलझे प्रकरणों को अभी भी सरकार के स्तर पर ही निस्तारित किया जाएगा.

भू अवाप्ति की पुरानी नीति में ये किए प्रमुख संशोधन

  • 27 अक्टूबर 2005 के बाद स्वीकृत किए गए अवार्ड मामलों में रियायत. ऐसी अवाप्त जमीन जिसका कृषि से आवासीय भू-रूपांतरण किया जा चुका है, लेकिन पट्टा जारी नहीं किया गया है. ऐसे मामलों में संबंधित निकाय समतुल्य 50% आवासीय विकसित भूखंड बतौर मुआवजा दे सकेंगे.
  • अब तक आवासीय भूमि के मामले में 40% आवासीय और 10% व्यावसायिक भूखंड देने का प्रावधान था, लेकिन आवासीय भू रूपांतरण भूमि का पट्टा जारी किया जा चुका है तो वहीं निकाय संबंधित पट्टा धारक को 100% समतुल्य आवासीय जमीन आवंटित की जाएगी.
  • ऐसे मामले जिनमें नकद मुआवजे का अवार्ड है, लेकिन मुआवजा खातेदार ने नहीं लिया और मौके पर खातेदार का कब्जा है या फिर न्यायालय से स्थगन आदेश है तो खातेदार मुआवजा लेने के लिए निर्धारित अवधि में विकल्प पत्र पेश कर सकेगा.
  • ऐसे मामले जिनमें आरक्षण पत्र जारी किया जा चुका है या संबंधित खातेदार ने तय अवधि में विकल्प पत्र निकाय में पेश कर दिया हो उन्हें मुआवजे के तौर पर विकसित भूखंड का आवंटन किया जा सकता है.

जयपुर की रिंग रोड परियोजना जैसे बड़े औऱ पेचीदा मामलों के निस्तारण का अधिकार सरकार ने अपने पास रख लिया है. राज्य सरकार ऐसे मामलों का फैसला गुण-अवगुण के आधार पर करेगी.

जयपुर. सरकारी पट्टे की जमीन अवाप्ति पर विकसित भूखंड का दोगुना मुआवजा (compensation policy for land acquisition) मिलेगा. राज्य सरकार ने साढ़े पांच महीने (Change in compensation policy) पुरानी भू-अवाप्ति की मुआवजा नीति में बड़े बदलाव किए हैं. इसके तहत सरकारी पट्टे की जमीन अवाप्ति पर पहले जो मुआवजा 50% मिलता था अब वह 100% मिलेगा. नगरीय विकास विभाग और स्वायत्त शासन विभाग ने संशोधित मुआवजा नीति लागू कर दी है. हालांकि रिंग रोड परियोजना के उलझे प्रकरणों को अभी भी सरकार के स्तर पर ही निस्तारित किया जाएगा.

भू अवाप्ति की पुरानी नीति में ये किए प्रमुख संशोधन

  • 27 अक्टूबर 2005 के बाद स्वीकृत किए गए अवार्ड मामलों में रियायत. ऐसी अवाप्त जमीन जिसका कृषि से आवासीय भू-रूपांतरण किया जा चुका है, लेकिन पट्टा जारी नहीं किया गया है. ऐसे मामलों में संबंधित निकाय समतुल्य 50% आवासीय विकसित भूखंड बतौर मुआवजा दे सकेंगे.
  • अब तक आवासीय भूमि के मामले में 40% आवासीय और 10% व्यावसायिक भूखंड देने का प्रावधान था, लेकिन आवासीय भू रूपांतरण भूमि का पट्टा जारी किया जा चुका है तो वहीं निकाय संबंधित पट्टा धारक को 100% समतुल्य आवासीय जमीन आवंटित की जाएगी.
  • ऐसे मामले जिनमें नकद मुआवजे का अवार्ड है, लेकिन मुआवजा खातेदार ने नहीं लिया और मौके पर खातेदार का कब्जा है या फिर न्यायालय से स्थगन आदेश है तो खातेदार मुआवजा लेने के लिए निर्धारित अवधि में विकल्प पत्र पेश कर सकेगा.
  • ऐसे मामले जिनमें आरक्षण पत्र जारी किया जा चुका है या संबंधित खातेदार ने तय अवधि में विकल्प पत्र निकाय में पेश कर दिया हो उन्हें मुआवजे के तौर पर विकसित भूखंड का आवंटन किया जा सकता है.

जयपुर की रिंग रोड परियोजना जैसे बड़े औऱ पेचीदा मामलों के निस्तारण का अधिकार सरकार ने अपने पास रख लिया है. राज्य सरकार ऐसे मामलों का फैसला गुण-अवगुण के आधार पर करेगी.

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