जयपुर. अतिरिक्त सत्र न्यायालय क्रम 17 ने वसुंधरा मित्र परिषद के गठन से जुड़े फर्जी हस्ताक्षर के मामले में चंद्रराज सिंघवी को राहत दी है. मामले में कोर्ट ने पुलिस की ओर से पेश एफआर को मंजूर करने के खिलाफ परिवादी की रिविजन अर्जी को खारिज हो गई है.
दरअसल, वर्ष 2004 में वसुंधरा मित्र परिषद का गठन किया गया था. फर्जी हस्ताक्षर को लेकर वसुंधरा मित्र परिषद डॉक्टर मदन यादव ने चंद्र राज सिंघवी के खिलाफ गांधीनगर थाने में मामला दर्ज कराया था. पुलिस में दर्ज रिपोर्ट में कहा गया कि उसे परिषद में सदस्य बनाया गया था. चंद्रराज सिंघवी ने गठन से संबंधित दस्तावेजों पर उसके फर्जी हस्ताक्षर कर लिए.
मामले में पुलिस की ओर से एफआर पेश की गई थी, जिसे निचली अदालत ने स्वीकार कर लिया. इस आदेश के खिलाफ अतिरिक्त सत्र न्यायालय में परिवादी की ओर से रिवीजन अर्जी पेश की गई. गौरतलब है कि हाईकोर्ट ने गत 13 फरवरी को एडीजे कोर्ट को 4 माह में रिविजन पर फैसला देने के निर्देश दिए थे.