जयपुर. जुलाई 2018 में हाईकोर्ट आदेश का बाद ऐज भी राजस्थान हाईकोर्ट, प्रदेश की अधीनस्थ अदालतों और अधिकरणों के आदेशों और फैसलों में व्यक्ति की जाति लिखी जाती थी. इसको लेकर हाईकोर्ट प्रशासन ने आदेश जारी करते हुए अधिकारियों को एसा ना करने के निर्देश दिए हैं.
हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल की ओर से जारी आदेश में कहा कि ऐसा देखा गया है कि हाईकोर्ट के अधिकारियों, रजिस्ट्री कार्यालय के अधिकारियों सहित अधीनस्थ न्यायालयों, विशिष्ट न्यायालयों और अधिकरणों के पीठासीन अधिकारी अपने न्यायिक और प्रशासनिक आदेश में आरोपी पक्षकारों सहित अन्य व्यक्तियों के नाम के साथ उनकी जाति का भी उल्लेख कर रहे हैं. जबकि यह संविधान के खिलाफ है.
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वहीं हाईकोर्ट भी संबंध में 4 जुलाई 2018 को आदेश जारी कर दिशा निर्देश दे चुका है. ऐसे में हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल ने सभी संबंधित अधिकारियों को निर्देश किया कि वह सुनिश्चित करें कि आरोपियों सहित अन्य किसी भी व्यक्ति के नाम के साथ उनकी जाति का उल्लेख नहीं किया जाए.