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कैग रिपोर्ट में राज्य FRBM एक्ट के मानकों में पिछड़ा, दिव्यांग साक्षरता में 34वें स्थान पर है राजस्थान

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Published : Jul 20, 2023, 6:59 AM IST

Updated : Jul 20, 2023, 7:38 AM IST

राजस्थान विधानसभा में सीएजी ने साल 2021-22 का रिपोर्ट रखा है. जिसमें कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं. जिसके आधार पर विपक्ष सरकार के खिलाफ ज्यादा आक्रामक हो सकता है.

कैग रिपोर्ट
कैग रिपोर्ट

जयपुर. भारत के नियंत्रक महालेखा परीक्षक (सीएजी) की 31 मार्च 2022 को समाप्त हुए वित्तीय वर्ष की रिपोर्ट बुधवार को विधानसभा के पटल पर रखी गई. लेखा परीक्षा प्रतिवेदन के अनुसार जीएसडीपी के प्रतिशत के रूप में राजकोषीय घाटा वर्ष 2020-21 में 5.86 प्रतिशत से घटकर पर 2021-22 में 4.03% हो गया. जो एफआरबीएम अधिनियम 2005 के अंतर्गत निर्धारित 3% के लक्ष्य से अधिक था. बता दें कि एफआरबीएम एक्ट के अनुसार राज्य सरकार को 0 राजस्व घाटा प्राप्त करना था. इसके बाद इसे बनाए रखना तथा राजस्व अधिशेष प्राप्त करना था. जबकि राज्य सरकार का 2020-21 के दौरान राजस्व घाटा 25870 करोड था. लेखा परीक्षा रिपोर्ट में बताया गया कि राज्य सरकार ने नियमों का उल्लंघन करते हुए 31 मार्च 2022 तक पांच आरक्षित निधि में 6767.15 करोड़ का कम हस्तांतरण किया.

31 मार्च 2022 तक विभिन्न विभागों ने 2010-11 से 2020-21 की अवधि से संबंधित कुल 1833.21 करोड के 770 उपयोगिता प्रमाण पत्र कार्यालय महालेखाकार को प्रस्तुत नहीं किए गए. लेखा परीक्षा रिपोर्ट के अनुसार जीएसडीपी में सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रमों का योगदान 2019-20 के 8 .29% से घटकर 2021-22 में 7.44% हो गया. साल 2020- 21 के दौरान 42 निगमों एवं सरकारी कंपनियों में से 27 पीएसयू ने लाभ अर्जित किया, 12 पीएसयू ने हानि और तीन पीएसयू ऐसे रहे जिन्होंने न लाभ अर्जित किया न हानि. 31 मई 2022 तक 23 पीएसयू में 107318 करोड रुपए की हानि दर्ज की गई थी. 31 मार्च 2022 तक 23 हानि वाले सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों में से 15 का निवल मूल्य संचित होने से पूरी तरह से समाप्त हो गया. रिपोर्ट में बताया गया है कि 24 पीएसयू के 49 लेखे बकाया थे.

दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम 2016 से जुड़ी सीएजी रिपोर्ट भी विधानसभा में पेश : राजस्थान विधानसभा में आज दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम 2016 के कार्यान्वयन पर निष्पादन लेखा रिपोर्ट(कैग) पेश की. जिसके अनुसार राजस्थान राज्य विशेष योग्यजन नीति 2012 को दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम 2016 के लागू होने के बाद भी संशोधित नहीं किया गया. सामाजिक सुरक्षा के तहत मुख्य लेखा परीक्षा की रिपोर्ट में टिप्पणी की गई है. उसमें कहा गया है कि विशेष योग्यजनों का अपर्याप्त कवरेज इस तथ्य से स्पष्ट था कि 15,64,000 में से केवल 5,77,000 विशेष योग्यजनों को दिव्यांगता पेंशन दी जा रही थी.

पढ़ें Rajasthan Assembly session : सदन में आज होगी इन पर चर्चा, पास होने पर सरकार को नहीं कर पाएंगे ब्लैकमेल

जांच के दौरान यह पाया गया कि 8 जिलों में कई सरकारी भवन विशेष योग्यजनों के लिए सुलभ नहीं थे, क्योंकि वहां रैंप टेलिंग नहीं थे. साथ ही 16 शौचालयों का निर्माण किया ही नहीं गया. दिव्यांग जनों को दिव्यांगता प्रमाण पत्र जारी करने में भी विलंब हुआ. रिपोर्ट के अनुसार विशेष योग्यजन साक्षरता दर में राजस्थान देश के 35 राज्यों में 34वें स्थान पर था. तो वहीं राजकीय विशेष विद्यालयों के शिक्षकों के पद 38.10% तथा संसाधन केंद्रों पर 357 संसाधन व्यक्तियों के पद 56.22% रिक्त थे. विशेष योग्यजनों के कल्याण के लिए राज्य में चलाई जा रही योजनाओं में बजटीय निधियों का उपयोग रिपोर्ट के अनुसार अपर्याप्त पाया गया.

जयपुर. भारत के नियंत्रक महालेखा परीक्षक (सीएजी) की 31 मार्च 2022 को समाप्त हुए वित्तीय वर्ष की रिपोर्ट बुधवार को विधानसभा के पटल पर रखी गई. लेखा परीक्षा प्रतिवेदन के अनुसार जीएसडीपी के प्रतिशत के रूप में राजकोषीय घाटा वर्ष 2020-21 में 5.86 प्रतिशत से घटकर पर 2021-22 में 4.03% हो गया. जो एफआरबीएम अधिनियम 2005 के अंतर्गत निर्धारित 3% के लक्ष्य से अधिक था. बता दें कि एफआरबीएम एक्ट के अनुसार राज्य सरकार को 0 राजस्व घाटा प्राप्त करना था. इसके बाद इसे बनाए रखना तथा राजस्व अधिशेष प्राप्त करना था. जबकि राज्य सरकार का 2020-21 के दौरान राजस्व घाटा 25870 करोड था. लेखा परीक्षा रिपोर्ट में बताया गया कि राज्य सरकार ने नियमों का उल्लंघन करते हुए 31 मार्च 2022 तक पांच आरक्षित निधि में 6767.15 करोड़ का कम हस्तांतरण किया.

31 मार्च 2022 तक विभिन्न विभागों ने 2010-11 से 2020-21 की अवधि से संबंधित कुल 1833.21 करोड के 770 उपयोगिता प्रमाण पत्र कार्यालय महालेखाकार को प्रस्तुत नहीं किए गए. लेखा परीक्षा रिपोर्ट के अनुसार जीएसडीपी में सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रमों का योगदान 2019-20 के 8 .29% से घटकर 2021-22 में 7.44% हो गया. साल 2020- 21 के दौरान 42 निगमों एवं सरकारी कंपनियों में से 27 पीएसयू ने लाभ अर्जित किया, 12 पीएसयू ने हानि और तीन पीएसयू ऐसे रहे जिन्होंने न लाभ अर्जित किया न हानि. 31 मई 2022 तक 23 पीएसयू में 107318 करोड रुपए की हानि दर्ज की गई थी. 31 मार्च 2022 तक 23 हानि वाले सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों में से 15 का निवल मूल्य संचित होने से पूरी तरह से समाप्त हो गया. रिपोर्ट में बताया गया है कि 24 पीएसयू के 49 लेखे बकाया थे.

दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम 2016 से जुड़ी सीएजी रिपोर्ट भी विधानसभा में पेश : राजस्थान विधानसभा में आज दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम 2016 के कार्यान्वयन पर निष्पादन लेखा रिपोर्ट(कैग) पेश की. जिसके अनुसार राजस्थान राज्य विशेष योग्यजन नीति 2012 को दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम 2016 के लागू होने के बाद भी संशोधित नहीं किया गया. सामाजिक सुरक्षा के तहत मुख्य लेखा परीक्षा की रिपोर्ट में टिप्पणी की गई है. उसमें कहा गया है कि विशेष योग्यजनों का अपर्याप्त कवरेज इस तथ्य से स्पष्ट था कि 15,64,000 में से केवल 5,77,000 विशेष योग्यजनों को दिव्यांगता पेंशन दी जा रही थी.

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जांच के दौरान यह पाया गया कि 8 जिलों में कई सरकारी भवन विशेष योग्यजनों के लिए सुलभ नहीं थे, क्योंकि वहां रैंप टेलिंग नहीं थे. साथ ही 16 शौचालयों का निर्माण किया ही नहीं गया. दिव्यांग जनों को दिव्यांगता प्रमाण पत्र जारी करने में भी विलंब हुआ. रिपोर्ट के अनुसार विशेष योग्यजन साक्षरता दर में राजस्थान देश के 35 राज्यों में 34वें स्थान पर था. तो वहीं राजकीय विशेष विद्यालयों के शिक्षकों के पद 38.10% तथा संसाधन केंद्रों पर 357 संसाधन व्यक्तियों के पद 56.22% रिक्त थे. विशेष योग्यजनों के कल्याण के लिए राज्य में चलाई जा रही योजनाओं में बजटीय निधियों का उपयोग रिपोर्ट के अनुसार अपर्याप्त पाया गया.

Last Updated : Jul 20, 2023, 7:38 AM IST

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