जयपुर. लोकसभा चुनाव परिणाम आने के बाद राजस्थान में 2 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होना तय है. मौजूदा विधायक के बतौर सांसद बनने के बाद मंडावा और नागौर की विधानसभा सीट पर आगामी 6 माह के भीतर विधानसभा उपचुनाव होने हैं. बीजेपी विधायक नरेंद्र खीचड़ और आरएलपी विधायक हनुमान बेनीवाल के सांसद बनने के बाद यह ये सीटें रिक्त हो गईं हैं.
झुंझुनू से और खींवसर से आरएलपी विधायक हनुमान बेनीवाल के नागौर से सांसद बनने के बाद ये दोनों विधानसभा सीट खाली हो चुकी है. मंडावा से तो भाजपा उपचुनाव में अपनी ही पार्टी के प्रत्याशी को चुनाव मैदान में उतरेगी. वहीं खींवसर सीट पर बीजेपी अपना प्रत्याशी उतारेगी या फिर आरएलपी का प्रत्याशी चुनाव लड़ेगा. फिलहाल अभी यह तय नहीं हो पाया है.
बता दें कि अब आरएलपी एनडीए का घटक दल है. इस लोकसभा चुनाव में नागौर सीट पर भाजपा ने राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी को एनडीए में शामिल करते हुए हनुमान बेनीवाल को गठबंधन के तहत नागौर सीट पर मौका दिया था. अब हनुमान बेनीवाल चुनाव जीतकर सांसद बन चुके हैं. ऐसे में उनकी विधानसभा की सीट पर भाजपा चाहेगी कि कमल के फूल पर ही किसी प्रत्याशी को चुनाव लड़ाया जाए.
वहीं हनुमान बेनीवाल अपनी विधानसभा सीट पर अपने भाई नारायण बेनीवाल को चुनाव लड़ाना चाहते हैं. अगर नारायण बेनीवाल को भाजपा अपने टिकट पर चुनाव लड़ाती है तो बेनीवाल की इसके लिए सहमति संभव है. वहीं अगर हनुमान बेनीवाल को मोदी सरकार में मंत्री पद मिलता है तो फिर इस सीट पर संभवत भाजपा स्वतंत्र रूप से अपने किसी भी नेता को प्रत्याशी बनाकर चुनाव मैदान में उतार सकती है. फिलहाल खींवसर सीट को लेकर अभी स्थिति साफ नहीं है. अब तक जमीनी स्तर पर कोई चर्चा या मंथन नहीं हुआ है.
मंडावा विधानसभा सीट पर भाजपा के कई दावेदार
भाजपा विधायक नरेंद्र खींचड़ के सांसद बनने के बाद झुंझुनूं की मंडावा विधानसभा सीट रिक्त हो गई है. इस सीट पर भी विधानसभा उपचुनाव के लिए कई दावेदार सामने आ सकते हैं. खास तौर पर पिछले विधानसभा चुनाव के दौरान जिन नेताओं ने टिकट की दावेदारी इस सीट पर की थी उनमें गिरधारी कीचड़ जो इस क्षेत्र में मौजूदा प्रधान रहे हैं. वहीं मौजूदा पार्षद और पूर्व जिला महामंत्री राजेश बवाल का नाम इसमें सबसे ऊपर माना जा रहा है.