जयपुर. चुनावी साल में राजस्थान में ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में हुई बिजली कटौती को भाजपा ने मुद्दा बनाना शुरू कर दिया है. बीजेपी इसके विरोध में प्रदेश के सभी बिजली विभाग के दफ्तरों के बाहर गुरुवार को विरोध प्रदर्शन करेगी. इसके साथ ही युवा और किसान मोर्चा लालटेन लेकर मार्च निकलेंगे. नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने आरोप लगाया कि सरकार 100 यूनिट बिजली का दावा कर रही थी, लेकिन लचर प्रबंधन की वजह से प्रदेश में 2 लाख यूनिट की कमी आ गई है. इसके चलते प्रदेश के आमजन और किसान को विद्युत कटौती का दंश झेलना पड़ रहा है.
गुरुवार को हल्ला बोल प्रदर्शन : नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने आरोप लगाया कि विद्युत विभाग के अफसर की घोर लापरवाही के कारण प्रदेश में 'अंधेर नगरी चौपट राजा' की कहावत चरितार्थ हो रही है. वर्तमान में प्रदेश में 3475 लाख यूनिट प्रतिदिन विद्युत की आवश्यकता है, जबकि मात्र 3265 लाख यूनिट विद्युत ही प्रतिदिन उपलब्ध हो रही है. करीब 210 लाख यूनिट की कमी प्रदेश और ग्रामीण क्षेत्र के आमजन और किसान को झेलना पड़ रहा है. इसके विरोध में भाजपा प्रदेश भर में आंदोलन करेगी. गुरुवार को सभी विद्युत विभाग के दफ्तरों के बाहर काले झंडे बांधकर विरोध प्रदर्शन होगा. इसके साथ ही जिसकी क्षेत्र में बिजली कटौती होगी वहां पर युवा मोर्चा और किसान मोर्चा के कार्यकर्ता लालटेन लेकर मार्च निकालेंगे.
पढ़ें. Rajasthan : नगरीय निकायों के बकाया बिजली बिलों का सरकार करेगी भुगतान, 256 करोड़ करेगी ट्रांसफर
महंगी बिजली के नाम पर भ्रष्टाचार : उन्होंने आरोप लगाया कि प्रदेश में थर्मल पावर प्लांट की 7-8 यूनिट को भ्रष्ट अधिकारियों की मिलीभगत और लापरवाही से कभी तकनीकी खराबी तो कभी मेंटेनेंस, फॉल्ट और ट्रिपिंग के नाम पर जानबूझकर बंद रखा जा रहा है, ताकि महंगी दरों पर बिजली खरीदकर जमकर चांदी कूटी जा सके. वर्तमान में राज्य विद्युत उत्पादन निगम की कोटा, सूरतगढ़, छबड़ा और कालीसिंध पावर प्लांट की 2740 मेगावाट क्षमता वाली 7 यूनिट से बिजली उत्पादन ठप हो चुका है. राठौड़ ने आरोप लगाया कि महंगी दरों पर बिजली खरीदने में राजस्थान टॉप राज्य में पहुंच गया है. साल 2021 में 13793 करोड़ की महंगी बिजली खरीदी गई. ये भ्रष्टाचार का तंत्र ज्यादा दिन चलने वाला नहीं है. प्रदेश में विधानसभा चुनाव हो रहे हैं, जनता इसका हिसाब लेगी.