जयपुर. प्रदेश में हाल ही में हुए उपचुनाव में भले ही खींवसर विधानसभा में बीजेपी ने गठबंधन के साथ जीत हासिल कर ली हो लेकिन जीत के अंतर को लेकर गठबंधन में दरार आ गई है. आरएलपी संयोजक हनुमान बेनीवाल ने भाजपा की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और पूर्व कैबिनेट मंत्री यूनुस खान पर ट्वीट के जरिए गंभीर आरोप लगाए थे.
जिस पर बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने कहा कि गठबंधन की जो परंपरा है उसे आरएलपी संयोजक हनुमान बेनीवाल को निभाना चाहिए. जिस तरीके से उन्होंने बीजेपी के नेताओं के ऊपर आरोप लगाए हैं उसको लेकर उन्हें समझाया जाएगा और इस तरह के आरोप भविष्य में ना लगे इसके लिए बात की जाएगी.
दरअसल, आरएलपी संयोजक हनुमान बेनीवाल ने भाजपा की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और पूर्व कैबिनेट मंत्री यूनुस खान पर ट्वीट के जरिए आरोप लगाया कि दोनों नेताओं ने उप चुनाव में आरएलपी प्रत्याशी नारायण बेनीवाल की खिलाफत की. साथ ही उन्होंने कहा कि 7 दिन तक डेरा डाले रहे यूनुस खान और वसुंधरा राजे ने उनके भाई को हरवाने के लिए पूरी ताकत लगा दी.
उन्होंने कहा कि भाजपा का 35% वोट आरएलपी को मिला, बाकी कांग्रेस को चला गया इसके चलते जीत का अंतर कम हुआ. बेनीवाल ने भाजपा के शीर्ष नेतृत्व से इन नेताओं के खिलाफ शिकायत कर कार्रवाई की मांग की है. वहीं, हनुमान बेनीवाल के इस ट्वीट के बाद भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने कहा की भाजपा के और वोट बैंक की वजह से ही नारायण बेनीवाल खींवसर सीट से उपचुनाव जीतने में कामयाब रहे.
बीजेपी के तमाम बड़े नेता गजेंद्र सिंह शेखावत और गजेंद्र सिंह खींवसर जैसे तमाम नेताओं और लोगों ने चुनाव के दौरान वहां पर जातिगत समीकरण और सामाजिक समीकरणों को बिठाकर चुनाव लड़ा इसका परिणाम यह है कि बीजेपी गठबंधन के साथ जीतने में कामयाब रही.
उन्होंने कहा कि जिस तरीके से हनुमान बेनीवाल ने पार्टी के बड़े नेताओं के ऊपर आरोप लगा है वह ठीक नहीं है. इसके लिए उनसे बात की जाएगी साथ ही पूनिया ने कहा कि हनुमान बेनीवाल द्वारा इस तरह के बयानों को लेकर पहले भी समझाया गया था और जिस तरीके से उन्होंने ट्वीट कर के पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और पूर्व कैबिनेट मंत्री यूनुस खान पर आरोप लगाए है. उसको लेकर उन्हें समझाया जाएगा और भविष्य में इस तरह की बयानबाजी नहीं करने के लिए भी कहा जाएगा.
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पूनिया ने कहा कि गठबंधन कि जो मर्यादा है उन मर्यादाओं को हनुमान बेनीवाल को मानना चाहिए. बता दें कि प्रदेश की 2 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव हुए थे जिनमें खींवसर और मंडावा सीट थी. खींवसर में बीजेपी ने आरएलपी के साथ गठबंधन करके चुनाव लड़ा था और गठबंधन में आरएलपी संयोजक हनुमान बेनीवाल के भाई नारायण बेनीवाल को बीजेपी ने समर्थन देते हुए चुनाव लड़ाया और नारायण बेनीवाल ने जीत दर्ज की.
हालांकि, पिछली बार जब हनुमान बेनीवाल ने इसी सीट से चुनाव लड़ा था तो उस समय जीत का अंतर 50,000 से अधिक वोटों का था और इस बार तो जीत का अंतर मात्र साढ़े चार हजार के लगभग रह गया. ऐसे में हनुमान बेनीवाल ने पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और पूर्व कैबिनेट मंत्री यूनुस खान पर गंभीर आरोप लगाए थे.