जयपुर. राजस्थान विधानसभा चुनाव में जीतने वाले भाजपा सांसदों का संसद की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देने का दौर शुरू हो गया है. मंगलवार देर रात भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और प्रधानमंत्री मोदी के साथ बैठक के बाद यह फैसला हुआ. जिन सांसदों ने इस्तीफा दिया है, उनमें राजस्थान से राज्यवर्धन सिंह राठौड़, दीया कुमारी और किरोड़ी लाल मीणा शामिल हैं. वहीं, गुरुवार को अलवर सांसद बाबा बालकनाथ ने भी लोकसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है.
BJP के 7 में से 4 सांसद विधानसभा चुनाव जीत पाए : बता दें कि पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव हुए और बीजेपी ने तीन राज्यों में जीत दर्ज की. बीजेपी इस जीत को लोकसभा चुनाव 2024 से पहले का सेमीफाइनल मान कर चल रही है. बीजेपी ने राजस्थान में 199 में से 115 सीटों पर जीत हासिल की है. इस बार पार्टी ने विधानसभा चुनाव 2023 में 7 सांसदों को मैदान में उतारा था, जिसमें से 4 सांसद जीत पाए हैं. राजस्थान में बीजेपी ने बाबा बालक नाथ, भागीरथ चौधरी, किरोड़ी लाल मीणा, दीया कुमारी, नरेंद्र खीचड़, राज्यवर्धन राठौड़, देवजी पटेल को टिकट दिया था, जिसमें से बाबा बालक नाथ तिजारा से, किरोड़ी लाल मीणा सवाई माधोपुर से, दीया कुमारी विद्याधर नगर से और राज्यवर्धन राठौड़ झोटवाड़ा विधानसभा से चुनाव जीते हैं.
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क्या है लोकसभा और राज्यसभा का नियम ? : लोकसभा नियम के अनुसार संविधान के अनुच्छेद 101(2) के अनुसार अगर कोई लोकसभा का सदस्य विधानसभा का चुनाव जीत जाता है तो नोटिफिकेशन के 14 दिन के अंदर किसी एक सदन से इस्तीफा देना होता है. ऐसा नहीं करने पर उसकी लोकसभा सदस्यता चली जाती है. राज्यसभा नियम के अनुसार संविधान के अनुच्छेद 101(1) और रिप्रेजेंटेटिव्स ऑफ पीपुल्स एक्ट की धारा 68(1) के अनुसार कोई लोकसभा सदस्य राज्यसभा सदस्य भी बनता है तो उसे नोटिफिकेशन जारी होने के 10 दिन के भीतर एक सदन से इस्तीफा देना होगा, ऐसा नहीं करने पर भी लोकसभा की सदस्यता चली जाती है.