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भरतपुर में हुई झमाझम बारिश, रबी की फसलों के लिए संजीवनी - RAINING IN BHARATPUR

भरतपुर और धौलपुर जिलों में मौसम ने करवट ली है. भरतपुर में बारिश हो रही है, जबकि धौलपुर में बादल उमड़ रहे हैं.

raining in Bharatpur
भरतपुर में बारिश (Etv Bharat Bharatpur)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Jan 23, 2025, 3:23 PM IST

भरतपुर: जिले में गुरुवार सुबह से लगातार हो रही बारिश ने फिर से ठिठुरन बढ़ा दी है. इस मौसम में तीसरी बार मावठ की बारिश हुई है. मावठ ने जहां मौसम को ठंडा कर दिया है, वहीं किसानों के चेहरों पर मुस्कान भी बिखेरी है. इस बारिश को रबी की फसलों के लिए संजीवनी माना जा रहा है. इधर, धौलपुर में भी मौसम ने करवट ले ली.

कृषि विभाग के संयुक्त निदेशक देशराज सिंह ने बताया कि मावठ की यह बारिश रबी की प्रमुख फसलों जैसे गेहूं, सरसों और चना के लिए अमृत के समान है. यह बारिश मिट्टी में नमी बढ़ाने के साथ-साथ फसलों के पोषण में भी मददगार साबित होगी. इससे फसलों की उत्पादन क्षमता में इजाफा होगा. मावठ ने किसानों को अतिरिक्त सिंचाई से राहत दी है, जिससे उन्हें आर्थिक लाभ होगा.

पढ़ें: आज असर दिखाएगा पश्चिमी विक्षोभ, IMD ने इन जिलों में जारी किया येलो Alert

फसल उत्पादन में होगा इजाफा: मावठ की बारिश फसलों के लिए आवश्यक नमी प्रदान करती है, जिससे गेहूं की बालियां बेहतर बनती हैं और सरसों के फूल झड़ने से बचते हैं. साथ ही, चना की फसल को भी आवश्यक पोषण मिलता है. इस बारिश से खेतों में गहराई तक नमी पहुंचेगी, जो फसलों को सूखे और सर्दी से बचाने में मदद करेगी.

ठिठुरन में बढ़ोतरी, अलाव का सहारा: मावठ की बारिश के कारण ठंडक में और इजाफा हुआ है. सुबह से ही लोग गर्म कपड़ों में लिपटे नजर आए. शहर के कई हिस्सों में लोग अलाव तापते हुए देखे गए. बच्चों और बुजुर्गों को विशेष रूप से ठंड से बचाने की सलाह दी गई है. मौसम विभाग ने अगले 24 घंटों में हल्की बारिश की संभावना जताई है, जिससे ठंड और बढ़ सकती है.

बदला मौसम का मिजाज: धौलपुर में तीन दिन तक कड़ाके की धूप निकलने के बाद गुरुवार सुबह से मौसम करवट बदल रहा है. यहां अचानक बादल उमड़ आए और बरसात का मौसम हो गया. मौसम विभाग की चेतावनी का असर पूर्वी राजस्थान में देखने को मिल रहा है. धौलपुर में गुरुवार सुबह से ही बादल घुमड़ रहे हैं. शीतलहर और कड़ाके की सर्दी से लोगों का जनजीवन भी बेहाल हो रहा है.

मौसम के विपरीत मिजाज की वजह से लोगों के स्वास्थ्य पर भी असर पड़ रहा है. जुकाम बुखार एवं वायरस के रोगियों की संख्या में इजाफा हो रहा है. उधर, फसल की दृष्टि से मौसम का मिजाज फायदेमंद एवं हानिकारक दोनों ही स्थिति में देखा जा रहा है. गेहूं एवं चना फसल में किसान फायदा बताया जा रहा है, जबकि सरसों एवं नकदी फसल आलू में नुकसान की भी आशंका बताई जा रही है.

भरतपुर: जिले में गुरुवार सुबह से लगातार हो रही बारिश ने फिर से ठिठुरन बढ़ा दी है. इस मौसम में तीसरी बार मावठ की बारिश हुई है. मावठ ने जहां मौसम को ठंडा कर दिया है, वहीं किसानों के चेहरों पर मुस्कान भी बिखेरी है. इस बारिश को रबी की फसलों के लिए संजीवनी माना जा रहा है. इधर, धौलपुर में भी मौसम ने करवट ले ली.

कृषि विभाग के संयुक्त निदेशक देशराज सिंह ने बताया कि मावठ की यह बारिश रबी की प्रमुख फसलों जैसे गेहूं, सरसों और चना के लिए अमृत के समान है. यह बारिश मिट्टी में नमी बढ़ाने के साथ-साथ फसलों के पोषण में भी मददगार साबित होगी. इससे फसलों की उत्पादन क्षमता में इजाफा होगा. मावठ ने किसानों को अतिरिक्त सिंचाई से राहत दी है, जिससे उन्हें आर्थिक लाभ होगा.

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फसल उत्पादन में होगा इजाफा: मावठ की बारिश फसलों के लिए आवश्यक नमी प्रदान करती है, जिससे गेहूं की बालियां बेहतर बनती हैं और सरसों के फूल झड़ने से बचते हैं. साथ ही, चना की फसल को भी आवश्यक पोषण मिलता है. इस बारिश से खेतों में गहराई तक नमी पहुंचेगी, जो फसलों को सूखे और सर्दी से बचाने में मदद करेगी.

ठिठुरन में बढ़ोतरी, अलाव का सहारा: मावठ की बारिश के कारण ठंडक में और इजाफा हुआ है. सुबह से ही लोग गर्म कपड़ों में लिपटे नजर आए. शहर के कई हिस्सों में लोग अलाव तापते हुए देखे गए. बच्चों और बुजुर्गों को विशेष रूप से ठंड से बचाने की सलाह दी गई है. मौसम विभाग ने अगले 24 घंटों में हल्की बारिश की संभावना जताई है, जिससे ठंड और बढ़ सकती है.

बदला मौसम का मिजाज: धौलपुर में तीन दिन तक कड़ाके की धूप निकलने के बाद गुरुवार सुबह से मौसम करवट बदल रहा है. यहां अचानक बादल उमड़ आए और बरसात का मौसम हो गया. मौसम विभाग की चेतावनी का असर पूर्वी राजस्थान में देखने को मिल रहा है. धौलपुर में गुरुवार सुबह से ही बादल घुमड़ रहे हैं. शीतलहर और कड़ाके की सर्दी से लोगों का जनजीवन भी बेहाल हो रहा है.

मौसम के विपरीत मिजाज की वजह से लोगों के स्वास्थ्य पर भी असर पड़ रहा है. जुकाम बुखार एवं वायरस के रोगियों की संख्या में इजाफा हो रहा है. उधर, फसल की दृष्टि से मौसम का मिजाज फायदेमंद एवं हानिकारक दोनों ही स्थिति में देखा जा रहा है. गेहूं एवं चना फसल में किसान फायदा बताया जा रहा है, जबकि सरसों एवं नकदी फसल आलू में नुकसान की भी आशंका बताई जा रही है.

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