ETV Bharat / state

Political Appointment : गहलोत राज में भाजपा नेताओं को राजनीतिक नियुक्तियां, कांग्रेसी भड़के

एक तरफ जहां कांग्रेस कार्यकर्ताओं को राजनीतिक नियुक्तियों का इंतजार है तो वहीं भाजपा एसटी मोर्चा के प्रदेश संयोजक ग्यारसी लाल मीणा समेत अन्य नेताओं को राजनीतिक नियुक्तियां मिली है. इससे कांग्रेस के अंदर सियासी सरगर्मी बढ़ गई है.

Gyarsi Lal Meena Political Appointment
कांग्रेस राज में भाजपा नेताओं को राजनीतिक नियुक्तियां
author img

By

Published : Mar 15, 2023, 12:31 PM IST

Updated : Mar 15, 2023, 1:42 PM IST

राजस्थान कांग्रेस के पूर्व महासचिव ने क्या कहा...

जयपुर. राजस्थान में सत्ताधारी दल कांग्रेस के नेता सत्ता में भागीदारी के लिए राजनीतिक नियुक्तियों की मांग करते रहे हैं. बीते 4 सालों में गहलोत सरकार ने राजनीतिक नियुक्तियों में कांग्रेस नेताओं को हिस्सेदारी भी दी है, लेकिन गहलोत सरकार का यह कार्यकाल राजनीतिक नियुक्तियों के मामले में अब सवालों के घेरे में आ गया है. चाहे वह रिटायर्ड अधिकारियों को राजनीतिक नियुक्तियां देनी हो या फिर राजनीतिक नियुक्तियों में हुई देरी.

इसी बीच 13 मार्च को उपभोक्ता संरक्षण राज्य आयोग और जिला आयोग के अध्यक्ष और सदस्यों की नियुक्ति पर विवाद खड़ा हो गया है. विवाद यह है कि जयपुर द्वितीय जिला आयोग के अध्यक्ष ग्यारसी लाल मीणा और बांसवाड़ा के सदस्य के तौर पर कमलेश शर्मा की नियुक्ति की गई है, जिन्हें जिला आयोग का पूर्णकालिक अध्यक्ष और सदस्य नियुक्त किया गया है.

पढ़ें : 3,000 करोड़ के फूड पैकेट वितरण कॉनफैड को देने का प्रस्ताव, मंत्री खाचरियावास हुए खफा

दरअसल, ग्यारसी लाल मीणा भाजपा अनुसूचित जनजाति मोर्चा के प्रदेश संयोजक व भाजपा विधि विभाग के महासचिव के पद पर तैनात हैं तो वहीं बांसवाड़ा के कमलेश शर्मा भी भाजपा चिकित्सा प्रकोष्ठ से जुड़े हैं. अब इन दोनों की नियुक्तियों से सवाल यह खड़े हो गए हैं कि क्या कांग्रेस के पास ऐसे योग्य नेताओं की कमी है, जिन्हें यह राजनीतिक नियुक्तियां दी जा सके या फिर सरकार को अंधेरे में रखकर यह नियुक्तियां की गई है.

बता दें कि यह पहली बार नहीं है कि जब भाजपा के नेताओं को वर्तमान कांग्रेस सरकार में राजनीतिक नियुक्तियां मिली हो. इससे पहले भी भाजपा के मीडिया संपर्क विभाग के आनंद शर्मा की पत्नी को जिला उपभोक्ता मंच में सदस्य बनाया गया था. वहीं, कई पार्षदों को भी राजनीतिक नियुक्तियां दी गई थी. इतना ही नहीं, महिला कांग्रेस में तो भाजपा से जुड़ी नेताओं को अध्यक्ष भी बना दिया गया था, लेकिन विवाद बढ़ने लगा तब उनकी नियुक्ति को तत्काल प्रभाव से रद्द कर दिया गया. इस मामले में राजस्थान कांग्रेस के पूर्व महासचिव और विधि प्रकोष्ठ के पूर्व अध्यक्ष सुशील शर्मा ने भी सवाल उठाए हैं. साथ ही इन दोनों ही नियुक्तियों को तत्काल प्रभाव से रद्द करने की मांग सरकार से की है.

राजस्थान कांग्रेस के पूर्व महासचिव ने क्या कहा...

जयपुर. राजस्थान में सत्ताधारी दल कांग्रेस के नेता सत्ता में भागीदारी के लिए राजनीतिक नियुक्तियों की मांग करते रहे हैं. बीते 4 सालों में गहलोत सरकार ने राजनीतिक नियुक्तियों में कांग्रेस नेताओं को हिस्सेदारी भी दी है, लेकिन गहलोत सरकार का यह कार्यकाल राजनीतिक नियुक्तियों के मामले में अब सवालों के घेरे में आ गया है. चाहे वह रिटायर्ड अधिकारियों को राजनीतिक नियुक्तियां देनी हो या फिर राजनीतिक नियुक्तियों में हुई देरी.

इसी बीच 13 मार्च को उपभोक्ता संरक्षण राज्य आयोग और जिला आयोग के अध्यक्ष और सदस्यों की नियुक्ति पर विवाद खड़ा हो गया है. विवाद यह है कि जयपुर द्वितीय जिला आयोग के अध्यक्ष ग्यारसी लाल मीणा और बांसवाड़ा के सदस्य के तौर पर कमलेश शर्मा की नियुक्ति की गई है, जिन्हें जिला आयोग का पूर्णकालिक अध्यक्ष और सदस्य नियुक्त किया गया है.

पढ़ें : 3,000 करोड़ के फूड पैकेट वितरण कॉनफैड को देने का प्रस्ताव, मंत्री खाचरियावास हुए खफा

दरअसल, ग्यारसी लाल मीणा भाजपा अनुसूचित जनजाति मोर्चा के प्रदेश संयोजक व भाजपा विधि विभाग के महासचिव के पद पर तैनात हैं तो वहीं बांसवाड़ा के कमलेश शर्मा भी भाजपा चिकित्सा प्रकोष्ठ से जुड़े हैं. अब इन दोनों की नियुक्तियों से सवाल यह खड़े हो गए हैं कि क्या कांग्रेस के पास ऐसे योग्य नेताओं की कमी है, जिन्हें यह राजनीतिक नियुक्तियां दी जा सके या फिर सरकार को अंधेरे में रखकर यह नियुक्तियां की गई है.

बता दें कि यह पहली बार नहीं है कि जब भाजपा के नेताओं को वर्तमान कांग्रेस सरकार में राजनीतिक नियुक्तियां मिली हो. इससे पहले भी भाजपा के मीडिया संपर्क विभाग के आनंद शर्मा की पत्नी को जिला उपभोक्ता मंच में सदस्य बनाया गया था. वहीं, कई पार्षदों को भी राजनीतिक नियुक्तियां दी गई थी. इतना ही नहीं, महिला कांग्रेस में तो भाजपा से जुड़ी नेताओं को अध्यक्ष भी बना दिया गया था, लेकिन विवाद बढ़ने लगा तब उनकी नियुक्ति को तत्काल प्रभाव से रद्द कर दिया गया. इस मामले में राजस्थान कांग्रेस के पूर्व महासचिव और विधि प्रकोष्ठ के पूर्व अध्यक्ष सुशील शर्मा ने भी सवाल उठाए हैं. साथ ही इन दोनों ही नियुक्तियों को तत्काल प्रभाव से रद्द करने की मांग सरकार से की है.

Last Updated : Mar 15, 2023, 1:42 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.