जयपुर. उपनेता प्रतिपक्ष डॉ. सतीश पूनिया ने भ्रष्टाचार के मुद्दे पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर निशाना साधा. पूनिया ने एसीबी (ACB) जैसे महत्वपूर्ण विभाग में पूर्णकालिक डीजी और गृहमंत्री नहीं होने पर सवाल उठाए. उन्होंने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से पूछा कि आखिर उनकी क्या मजबूरी है कि सक्षम अधिकारियों के होने के बावजूद भी एसीबी में डीटी (DG) पूर्णकालिक नहीं लगाया गया है.
भ्रष्टाचार और अपराध का रिकॉर्ड : डॉ. सतीश पूनिया ने कहा कि राजस्थान में कांग्रेस पार्टी की अशोक गहलोत शासन में प्रदेश की जनता ने सबसे ज्यादा कष्ट में रहती है. वैसे तो किसानों की कर्ज माफी, बेरोजगारी, कानून व्यवस्था तमाम मुद्दे यक्ष प्रश्न की तरह खड़े हैं. लेकिन भ्रष्टाचार की गंगा ने जिस तरह से तांडव किया है. उससे ऐसा लगता है कि राजस्थान के इतिहास में ऐसा कभी नहीं हुआ है. मुख्यमंत्री की नाक के नीचे सचिवालय के चंद कदमों की दूरी पर योजना भवन में करोड़ों रुपए की नगदी और सोना मिलना इस बात का प्रमाण है कि किस कदर भ्रष्टाचार ने घुसपैठ कर रखी है. पूनिया ने कहा कि राजस्थान में माफियाओं, अपराधियों का राज है. जिनमें कानून व्यवस्था को लेकर कोई डर नहीं है सरकार क्यों साढ़े 4 साल में भ्रष्टाचार और अपराध ने जिस तरह से रिकॉर्ड कायम किया है वह भूतों का भविष्य होगा.
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क्या मजबूरी है ? : पूनिया ने कहा कि राजस्थान में पिछले कुछ अर्से से पूर्णकालिक गृहमंत्री नहीं है, सचिवालय की घटना पर पुलिस के अधिकारी, मुख्यसचिव प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हैं. लेकिन एसीबी का पूर्णकालिक डीजी नहीं होने से जांच एजेंसी का कोई भी अधिकारी मौजूद नहीं होता है. उन्होंने कहा कि पूर्णकालिक गृहमंत्री नहीं है समझ में आता है, लेकिन भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो में डीजी स्तर का सक्षम अधिकारी नहीं है ऐसे में सवाल खड़ा होता है कि इतने बड़े भ्रष्टाचार की जांच कौन सी एजेंसी करेगी और कितना निष्पक्ष तरीके से करेगी ? उन्होंने कहा कि प्रदेश की गहलोत सरकार और यहां की जांच एजेंसी पर भरोसा नहीं कर सकते, इसलिए पिछले दिनों केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर इस पूरे भ्रष्टाचार की जांच के लिए केंद्रीय एजेंसी की मांग की है.