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भाजपा के लिए आसान नहीं सरदारशहर, खल रही वसुंधरा राजे समेत स्टार प्रचारकों की गैरमौजूदगी

चुरू जिले के सरदारशहर उपचुनाव के लिए प्रचार कार्य जोरों पर है. दोनों प्रमुख पार्टियां वोटर्स को साधने में जुटी हैं. एकजुटता का दावा दोनों ओर से किया जा रहा है (Sardar Shahar By poll 2022). भाजपा कॉन्फिडेंट है कि विजय पताका वो ही लहराएगी लेकिन दुश्वारियां कम नहीं है. उसकी राह में सबसे बड़ा रोड़ा स्टार प्रचारकों की गैरमौजूदगी है. पूर्व सीएम वसुंधरा समेत तमाम दिग्गजों ने यहां से कन्नी काट ली है.

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Published : Nov 26, 2022, 10:46 AM IST

Updated : Nov 26, 2022, 10:44 PM IST

जयपुर: सरदारशहर उपचुनाव की रणभेरी बज चुकी है. बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही पार्टियों ने अपने-अपने दम खम से मैदान में है. सरदारशहर चुनाव को लेकर बीजेपी दावे बहुत कर रही है , लेकिन सच्चाई ये भी है कि बीजेपी के लिए सरदारशहर की जंग आसान नही है (Sardar Shahar By poll 2022). बाहरी तौर पर एकजुट दिखने वाली बीजेपी की अंदर खाने की खींचतान का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि चुनाव प्रचार थमने में महज एक सप्ताह का वक्त बचा है , लेकिन वसुंधरा खेमे सहित स्टार प्रचारकों ने दूरी बनाए रखी है.

स्टार प्रचारकों की दूरी- पार्टी ने सरदारशहर उपचुनावों के लिए 40 नेताओं की सूची जारी की. जिन पर भाजपा प्रत्याशी अशोक पिंचा के पक्ष में प्रचार करने की जिम्मेदारी है. स्टार प्रचारकों की सूची जारी हुए लगभग दस दिन होने जा रहे हैं लेकिन 40 में से 30 के करीब स्टार प्रचारक उप चुनाव से दूरी बनाएं हुए हैं. इसमें वसुंधरा राजे की दूरी केन्द्र में है. पार्टी की ओर जारी सूची में पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे शुरुआती उन नेताओं में शामिल किया है जो चुनाव की कमान संभालेंगे , लेकिन राजे इस चुनाव से पूरी तरह दूर हैं. राजे ही नहीं बल्कि उनके खेमे के माने जाने वाले नेता भी गायब हैं.

भाजपा के लिए आसान नहीं सरदारशहर.

स्टार प्रचारकों के नाम - बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया , पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे , नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया , उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ , प्रदेश प्रभार अरुण सिंह, सह प्रभारी विजया राहटकर, वरिष्ठ नेता ओम प्रकाश माथुर, केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव, गजेंद्र सिंह शेखावत, अर्जुनराम मेघवाल, कैलाश चौधरी, राज्यसभा सांसद घनश्याम तिवाड़ी, किरोड़ी लाल मीणा, राजेंद्र गहलोत, सांसद कनकमल कटारा, सीपी जोशी, नरेंद्र खींचड़, राहुल कस्वां, दीया कुमारी, राष्ट्रीय सचिव अलका गुर्जर, पूर्व प्रदेशाध्यक्ष अरुण चतुर्वेदी, विधायक कैलाश मेघवाल, मदन दिलावर, भजन लाल शर्मा, मुकेश दाधीच, माधोराम चौधरी, पंकज गुप्ता, हिमांशु शर्मा, अलका मूंदड़ा, पूर्व विधायक प्रभुलाल सैनी, धर्मवीर पुजारी, रामगोपाल सुथार, रामसिंह कस्वां, अभिनेष महर्षि, बिहारीलाल विश्नोई, बलवीर लूथरा, निर्मल कुमावत, हरलाल सारण और मोहन मोरवाल को भी प्रचार सूची में शामिल किया गया है.

ये भी पढ़ें-Sardarshahar By Election: उपचुनावों में परम्परा बनेगी या टूटेगी इस पर नजर, क्या चलेगा कांग्रेस का Sympathy Card!

पास रहकर भी दूर वसुंधरा- इस सूची के ज्यादातर स्टार प्रचारक गुजरात में व्यस्त हैं. वहां होने वाले विधानसभा चुनावों के लिए प्रचार कर रहे हैं. लेकिन उनमें पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे शामिल नहीं हैं. वो न गुजरात चुनाव प्रचार प्रसार में दिख रही हैं और न ही राजस्थान में उनकी मौजूदगी महसूस की जा रही है. नामांकन दाखिल कराने से लेकर अब तक किसी भी चुनावी सभा में वसुंधरा राजे नहीं पहुंची. वो ही नहीं बल्कि उनके खेमे से जुड़ा हुआ कोई भी मौजूदा विधायक या पूर्व विधायक रुचि दिखा रहा है. चर्चा जोरों पर है कि आखिर वसुंधरा राजे संगठन और चुनाव से दूरी क्यों बनाए हुए हैं?

राजेन्द्र राठौड़ बोले ये बात गलत- सदा शहर उपचुनाव बीजेपी के लिए प्रतिष्ठा का सवाल है. अब तक हुए उपचुनाव में बीजेपी का प्रदर्शन प्रशंसनीय नहीं रहा है. कांग्रेस प्रत्याशी अनिल शर्मा की दावेदारी को विश्लेषक मजबूत मान रहे हैं. फिर भी बीजेपी अपने दावे पर कायम है. साथ ही भाजपा में खेमेबाजी को मीडिया की बनाई बातें करार दिया जा रहा है. उपचुनाव की कमान संभाल रहे उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ का दावा है कि जनता के स्थानीय मुद्दों और गहलोत सरकार की नाकामियों के दम पर इस बार बीजेपी यह चुनाव जीतेगी.

राठौड़ ने कहा कि इस बार कांग्रेस के लिए कोई सिंपैथी कार्ड काम नहीं आएगा , लेकिन जब राजेंद्र राठौड़ से वसुंधरा राजे की दूरी के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि पार्टी में किसी तरह का कोई विरोधाभास नहीं है . सब एकजुट हैं यह सब मीडिया की बनाई हुई बातें हैं .

ये भी नदारद- ऐसा नही है कि स्टार प्रचारकों में पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ही सरदार शहर नही पहुंचीं बल्कि कई और दिग्गज नहीं पहुंच पाए. इनमें प्रदेश सह प्रभारी विजया राहटकर, वरिष्ठ नेता ओम प्रकाश माथुर, केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव, गजेंद्र सिंह शेखावत, किरोड़ी लाल मीणा, राजेंद्र गहलोत, सांसद कनकमल कटारा, सीपी जोशी, नरेंद्र खींचड़, दीया कुमारी, राष्ट्रीय सचिव अलका गुर्जर, पूर्व प्रदेशाध्यक्ष अरुण चतुर्वेदी, विधायक कैलाश मेघवाल, मदन दिलावर के नाम भी शामिल हैं. पार्टी का तर्क है कि ज्यादातर नेता गुजरात चुनाव में व्यस्त हैं.

जयपुर: सरदारशहर उपचुनाव की रणभेरी बज चुकी है. बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही पार्टियों ने अपने-अपने दम खम से मैदान में है. सरदारशहर चुनाव को लेकर बीजेपी दावे बहुत कर रही है , लेकिन सच्चाई ये भी है कि बीजेपी के लिए सरदारशहर की जंग आसान नही है (Sardar Shahar By poll 2022). बाहरी तौर पर एकजुट दिखने वाली बीजेपी की अंदर खाने की खींचतान का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि चुनाव प्रचार थमने में महज एक सप्ताह का वक्त बचा है , लेकिन वसुंधरा खेमे सहित स्टार प्रचारकों ने दूरी बनाए रखी है.

स्टार प्रचारकों की दूरी- पार्टी ने सरदारशहर उपचुनावों के लिए 40 नेताओं की सूची जारी की. जिन पर भाजपा प्रत्याशी अशोक पिंचा के पक्ष में प्रचार करने की जिम्मेदारी है. स्टार प्रचारकों की सूची जारी हुए लगभग दस दिन होने जा रहे हैं लेकिन 40 में से 30 के करीब स्टार प्रचारक उप चुनाव से दूरी बनाएं हुए हैं. इसमें वसुंधरा राजे की दूरी केन्द्र में है. पार्टी की ओर जारी सूची में पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे शुरुआती उन नेताओं में शामिल किया है जो चुनाव की कमान संभालेंगे , लेकिन राजे इस चुनाव से पूरी तरह दूर हैं. राजे ही नहीं बल्कि उनके खेमे के माने जाने वाले नेता भी गायब हैं.

भाजपा के लिए आसान नहीं सरदारशहर.

स्टार प्रचारकों के नाम - बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया , पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे , नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया , उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ , प्रदेश प्रभार अरुण सिंह, सह प्रभारी विजया राहटकर, वरिष्ठ नेता ओम प्रकाश माथुर, केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव, गजेंद्र सिंह शेखावत, अर्जुनराम मेघवाल, कैलाश चौधरी, राज्यसभा सांसद घनश्याम तिवाड़ी, किरोड़ी लाल मीणा, राजेंद्र गहलोत, सांसद कनकमल कटारा, सीपी जोशी, नरेंद्र खींचड़, राहुल कस्वां, दीया कुमारी, राष्ट्रीय सचिव अलका गुर्जर, पूर्व प्रदेशाध्यक्ष अरुण चतुर्वेदी, विधायक कैलाश मेघवाल, मदन दिलावर, भजन लाल शर्मा, मुकेश दाधीच, माधोराम चौधरी, पंकज गुप्ता, हिमांशु शर्मा, अलका मूंदड़ा, पूर्व विधायक प्रभुलाल सैनी, धर्मवीर पुजारी, रामगोपाल सुथार, रामसिंह कस्वां, अभिनेष महर्षि, बिहारीलाल विश्नोई, बलवीर लूथरा, निर्मल कुमावत, हरलाल सारण और मोहन मोरवाल को भी प्रचार सूची में शामिल किया गया है.

ये भी पढ़ें-Sardarshahar By Election: उपचुनावों में परम्परा बनेगी या टूटेगी इस पर नजर, क्या चलेगा कांग्रेस का Sympathy Card!

पास रहकर भी दूर वसुंधरा- इस सूची के ज्यादातर स्टार प्रचारक गुजरात में व्यस्त हैं. वहां होने वाले विधानसभा चुनावों के लिए प्रचार कर रहे हैं. लेकिन उनमें पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे शामिल नहीं हैं. वो न गुजरात चुनाव प्रचार प्रसार में दिख रही हैं और न ही राजस्थान में उनकी मौजूदगी महसूस की जा रही है. नामांकन दाखिल कराने से लेकर अब तक किसी भी चुनावी सभा में वसुंधरा राजे नहीं पहुंची. वो ही नहीं बल्कि उनके खेमे से जुड़ा हुआ कोई भी मौजूदा विधायक या पूर्व विधायक रुचि दिखा रहा है. चर्चा जोरों पर है कि आखिर वसुंधरा राजे संगठन और चुनाव से दूरी क्यों बनाए हुए हैं?

राजेन्द्र राठौड़ बोले ये बात गलत- सदा शहर उपचुनाव बीजेपी के लिए प्रतिष्ठा का सवाल है. अब तक हुए उपचुनाव में बीजेपी का प्रदर्शन प्रशंसनीय नहीं रहा है. कांग्रेस प्रत्याशी अनिल शर्मा की दावेदारी को विश्लेषक मजबूत मान रहे हैं. फिर भी बीजेपी अपने दावे पर कायम है. साथ ही भाजपा में खेमेबाजी को मीडिया की बनाई बातें करार दिया जा रहा है. उपचुनाव की कमान संभाल रहे उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ का दावा है कि जनता के स्थानीय मुद्दों और गहलोत सरकार की नाकामियों के दम पर इस बार बीजेपी यह चुनाव जीतेगी.

राठौड़ ने कहा कि इस बार कांग्रेस के लिए कोई सिंपैथी कार्ड काम नहीं आएगा , लेकिन जब राजेंद्र राठौड़ से वसुंधरा राजे की दूरी के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि पार्टी में किसी तरह का कोई विरोधाभास नहीं है . सब एकजुट हैं यह सब मीडिया की बनाई हुई बातें हैं .

ये भी नदारद- ऐसा नही है कि स्टार प्रचारकों में पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ही सरदार शहर नही पहुंचीं बल्कि कई और दिग्गज नहीं पहुंच पाए. इनमें प्रदेश सह प्रभारी विजया राहटकर, वरिष्ठ नेता ओम प्रकाश माथुर, केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव, गजेंद्र सिंह शेखावत, किरोड़ी लाल मीणा, राजेंद्र गहलोत, सांसद कनकमल कटारा, सीपी जोशी, नरेंद्र खींचड़, दीया कुमारी, राष्ट्रीय सचिव अलका गुर्जर, पूर्व प्रदेशाध्यक्ष अरुण चतुर्वेदी, विधायक कैलाश मेघवाल, मदन दिलावर के नाम भी शामिल हैं. पार्टी का तर्क है कि ज्यादातर नेता गुजरात चुनाव में व्यस्त हैं.

Last Updated : Nov 26, 2022, 10:44 PM IST
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