जयपुर. भाजपा ने बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि से किसानों को हुए नुकसान की भरपाई के लिए प्रदेश सरकार के समक्ष डिमांड रखी है. प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया और प्रदेश प्रवक्ता रामलाल शर्मा ने बयान जारी कर गिरदावरी प्रोसेस करा जल्द मुआवजा वितरित करने को कहा है. पार्टी का कहना है कि वो इस मुद्दे को विधानसभा में भी उठाएगी.
पूनिया बोले फसलों को हुआ भारी नुकसान- पूनिया ने बयान जारी किया है. जिसमें कहा है कि- तेज बारिश और ओलावृष्टि से उदयपुर संभाग सहित प्रदेश के विभिन्न जिलों में फसलों को भारी नुकसान हुआ है. सब्जियों में भी खराबा हुआ है. राज्य सरकार से मांग है कि निश्चित समय अवधि में गिरदावरी पूर्ण कराई जाए और किसानों को जल्द मुआवजा राशि मिले. जिससे किसानों को इस संकट की घड़ी में संबल मिल सके. पूनिया ने शीतलहर से हुए नुकसान का भी जिक्र किया. कहा कि ठंड से प्रदेश के जिन जिलों में फसलों को नुकसान हुआ है वहां भी मुआवजा दिया जाए.
सदन में उठेगा मुद्दा- भाजपा प्रवक्ता रामलाल शर्मा ने कहा कि पिछले 2 दिन से राजस्थान में हो रही ओलावृष्टि की वजह से किसानों की रही सही फसल भी चौपट हो गई है. इससे पहले शीतलहर की वजह से जौ, गेहूं, चना, सरसों की फसलों संग सब्जियां भी नष्ट हो चुकी हैं. किसानों पर आई प्राकृतिक आपदा में सरकार को बड़े कदम जल्द उठाने चाहिए.
शर्मा का आरोप है कि सरकार ने गिरदावरी करने के निर्देश जरूर दिए हैं लेकिन वास्तविकता के आधार पर सर्वे करने का निर्देश नहीं दिया है. शर्मा के मुताबिक इसी वजह से जो गिरदावरी हो रही है उसमें 25-30 फीसदी ही खराबा बता रहे हैं. शर्मा ने आशंका जताई कि इससे किसानों को मुआवजा शून्य मिलेगा. भाजपा प्रवक्ता ने राज्य सरकार को कटघरे में खड़ा करते हुए कहा कि जिस तरह से किसानों के साथ गिरदावरी के नाम पर छलावा किया जा रहा है, वो मुद्दा सदन में भी पार्टी उठाएगी.
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दो दिन से हो रही बारिश- राजस्थान में शनिवार रात से मौसम का मिजाज बदला है. बारिश और ओलावृष्टि ने फसलों को चौपट कर दिया है. उदयपुर, राजसमंद, चित्तौड़गढ़, सहित राज्य के कई इलाकों में ओले गिरने से रबी की फसल बर्बाद हो गई है. सिरोही के आबूरोड समेत आसपास के ग्रामीण इलाकों में 28 जनवरी की रात को 8 एमएम बारिश हुई और खेतों के साथ ही कई जगह खेतों और सड़कों पर पानी भर गया. इससे गेहूं समेत जौ, सरसों की फसलों को भारी नुकसान पहुंचा है. उदयपुर के कई गांवों पर ओले फसलों पर कहर बनकर टूटे और सरसों, चना, गेंहू, जौ, मटर की फसलों को बड़ा नुकसान पहुंचाया है.