जयपुर. बीजेपी ने शिक्षा विभाग में स्मार्ट क्लासेज के टेंडरों में भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है. बीजेपी प्रदेश उपाध्यक्ष मुकेश दाधीच ने आरोप लगाया कि शिक्षा विभाग में शिक्षा राज्य मंत्री जाहिदा खान ने कमीशनखोरी का बड़ा खेल खेला है. स्मार्ट क्लासेज के तहत टैबलेट टेंडर में भ्रष्टाचार हुआ है. जो प्रिंटर खरीदे गए, उनमें चाइनीज सामान है जबकि भारत में चाइनीज सामान खरीदने पर रोक है. दाधीच ने कहा कि इस पूरे मामले की शिकायत जल्द ही एसीबी में की जाएगी.
110 करोड़ का भ्रष्टाचारः दाधीच ने कहा कि राजस्थान में 110 करोड़ की लागत से 9401 स्कूलों में स्मार्ट क्लासेज बनाने का काम सरकार ने बजट घोषणा में किया था. यह काम इसी सत्र 2021-22 में ही पूरा होना था. शिक्षा राज्य मंत्री जाहिदा खान को स्थायी आदेश के तहत शिक्षा मंत्री के सभी अधिकार 21 दिसंबर, 2022 को दिये गये थे. इसलिए इस काम को पूरा करने की जिम्मेदारी उन्हीं की बनती है. स्मार्ट क्लासेज बनाने का टेंडर तीन कंपनियों को दिया गया था.
तीनों कंपनियों ने काम शुरू भी कर दिया, लेकिन कमीशन नहीं मिलने के चलते मंत्री जाहिदा ने इंटेक्स कंपनी के लोगों को वर्क ऑर्डर निरस्त करने की धमकी देना शुरू कर दिया. इस संबंध में जाहिदा खान को अधिकारियों ने बताया कि वर्क ऑर्डर होने के बाद पीडीआई रोका जाना संभव नहीं है. इसके बावजूद नाराज होकर मंत्री जाहिदा खान ने 5 जून, 2023 को नोटशीट पर पीडीआई रोकने के आदेश जारी कर दिए.
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रोक के बावजूद चाइनीज सामान की खरीदः दाधीच ने मंत्री जाहिदा खान से सवाल करते हुए कहा कि मंत्री के निजी सहायक आसिफ और ताहिर सभी उच्च स्तरीय सरकारी बैठकों में किस हैसियत से शामिल होते हैं. शिक्षा मंत्री और शासन सचिव की आपसी नोकझोंक का मामला सुर्खियों में रहा है. प्रदेश के मुख्यमंत्री एक मंत्री के इतने दबाव में हैं कि पूर्व में मोहनलाल यादव और अब श्रुति भारद्वाज मंत्री के कोप की शिकार हुई हैं.
दाधीच का आरोप है कि सप्लाई करने वाली कंपनी रोबोटिक (इंडस) पीडीआई में फेल होने के बाद भी लगातार माल सप्लाई करती रही. सवाल यह उठता है कि पुनः निरीक्षण के बाद किस आधार पर उस कंपनी के माल को पास किया गया, जबकि उसमें लगा हुआ थ्रीडी प्रिंटर चाइनीज माल है, जिस पर भारत सरकार का लैंडबॉर्डर आदेश लागू होता है. जिसके तहत भारत सरकार ने इस माल पर रोक लगा रखी है.
एसीबी में करेंगे शिकायतः दाधीच ने कहा कि पूर्व में 40 हजार छात्रों को मिलने वाले 40 करोड़ के टैबलेट भी इस सरकार की अकर्मण्यता से टेंडर होने के कारण छात्रों को नहीं मिले. मंत्री जाहिदा को 50 प्रतिशत कमीशन नहीं मिलने के कारण ही टैबलेट एवं स्मार्ट क्लासेज छात्रों को नहीं मिल पाए. इन सभी घटनाओं के चलते ही पूर्व में टैबलेट का टेंडर और अब स्मार्ट क्लासेज के टेंडर को निरस्त करने की तैयारी चल रही है. इस संबंध में मंत्री जाहिदा खान के खिलाफ टेंडर घोटाले को लेकर एसीबी यानी भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो में मामला दर्ज कराएंगे.