जयपुर. राजधानी के सांगानेर इलाके में प्रॉपर्टी कारोबारी गणेश जाट पर फायरिंग कर कार लूटने और एक करोड़ रुपए की फिरौती मांगने के मामले में पुलिस ने बुधवार को 4 आरोपियों को गिरफ्तार किया है. इनसे पूछताछ में पुलिस को कई चौंकाने वाली जानकारी मिली है. गणेश जाट पर फायरिंग करने वाला सुरेश ढंढोरिया हरियाणा के हिसार का कुख्यात गैंगस्टर है. जिसके खिलाफ संगीन अपराध के 17 मुकदमे दर्ज हैं.
अतिरिक्त पुलिस आयुक्त कैलाशचंद विश्नोई का कहना है कि भावेश ने प्रॉपर्टी कारोबारी गणेश जाट से 5 लाख रुपए ब्याज पर लिए थे. इसी रकम को लेकर करीब डेढ़ महीने पहले गणेश जाट का भावेश से झगड़ा हुआ था. वह इसका बदला लेना चाहता था. इसलिए वह अपने पुराने परिचित गैंगस्टर सुरेश ढंढोरिया के पास हिसार गया और उसे जयपुर बुलाया. इस बीच सुरेश ने पहले पंजाब में और फिर हरियाणा में मर्डर की दो वारदातों को अंजाम दिया और फरारी काटने के लिए 25 जून को जयपुर आ गया.
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जयपुर आते ही भावेश और सुरेश ने मिलकर गणेश जाट से एक करोड़ रुपए की फिरौती वसूलने की साजिश रची. दरअसल, सुरेश और भावेश दोनों सितंबर से दिसंबर 2022 तक अलग-अलग मामलों में सूरत जेल में बंद रहे थे. जहां दोनों में दोस्ती हुई. फिर जब भावेश का गणेश से झगड़ा हुआ, तो उसे अपने दोस्त की याद आई और उसने बदला पूरा करने के लिए उसे जयपुर बुलाया.
जयपुर आने से पहले हिसार में मर्डरः कैलाशचंद विश्नोई ने बताया कि गैंगस्टर सुरेश ढंढोरिया ने जून महीने में पंजाब और हरियाणा में दो मर्डर किए हैं. हिसार में मर्डर की वारदात को अंजाम देने के बाद वह 25 जून को जयपुर आया और भावेश से संपर्क किया. एक दिन उसे भावेश ने अपने घर पर ही रखा फिर किराए पर फ्लैट दिलाया. जयपुर आते ही दोनों ने गणेश जाट की रैकी शुरू कर दी. इसके लिए भावेश ने सुरेश को छह अलग-अलग बाइक, कार और स्कूटी मुहैया करवाई. इन्हें पुलिस ने जब्त कर लिया है.
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8 दिन तक रैकी कर दिया वारदात को अंजामः 25 जून को जयपुर आने के बाद ही गैंगस्टर सुरेश अपने साथी परवीन सिंह, अरुण शर्मा और आसिफ उर्फ आरिफ के साथ गणेश के पीछे लग गए और उसकी रैकी करने लगे. भावेश ने इस साजिश में अंतिम सैन, कुलदीप सिंह और भवानी सिंह को भी शामिल किया. इन्होंने गणेश की हर गतिविधि पर लगातार नजर रखी. इस दौरान इन्होंने बचने के लिए गाड़ी और फोन का इस्तेमाल नहीं किया और सीसीटीवी कैमरों से भी बचने का हरसंभव प्रयास किया.
तीन बदमाशों ने ऑफिस में घुसकर की वारदातः 2 जुलाई को किराए के फ्लैट से सुरेश सांगानेर आया और गणेश के ऑफिस पहुंचा. जहां गणेश के अलावा तीन लोग और थे. पहले उसने इनके निकलने का इंतजार किया, लेकिन वे बाहर नहीं आए तो वह अरुण शर्मा और आसिफ के साथ गणेश के ऑफिस में घुस गया और गणेश के अलावा वहां मौजूद बाबूलाल जाट, राजेश शर्मा और कमलेश को हथियार दिखाकर बंधक बना लिया. उन्होंने एक करोड़ रुपए की फिरौती मांगी. गणेश ने इतने रुपए नहीं होने की बात कही, तो उन्होंने मारपीट कर उसे तीन गोली मारी और उसकी कार लेकर भाग गए.
सुरेश भागा दिल्ली, अहमदाबाद भागने की फिराक में था भावेशः गणेश जाट पर फायरिंग और लूट के बाद सुरेश अपने साथी परवीन, आसिफ उर्फ आशीष और अरुण पंडित के साथ दिल्ली की तरफ भाग गया. जबकि भावेश अहमदाबाद भागने की फिराक में था. पुलिस ने उसे साथियों के साथ रास्ते से हिरासत में लिया. जबकि गैंगस्टर सुरेश और उसके साथियों की तलाश में पुलिस की टीम दिल्ली और हरियाणा में डेरा जमाए हुए है.