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BHU का बवाल : सवालों का दौर नहीं थमा तो खुद को अपने ही घर का कैदी बना डाला फिरोज के परिवार ने

BHU के बवाल का नुकसान आज एक ऐसे परिवार को भुगतना पड़ रहा है, जो गौशाला जाकर गायों की सेवा करता है. जिसका एक सदस्य राम और कृष्ण के मधुर भजन गाया करता है. कीर्तन के दौरान महफिल की रौनक माने जाने वाले फिरोज खान के पिता आज अपने घर में खुद को कैद रखकर, मीडिया के सवालों से खुद को महफूज रखना चाह रहे है.

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Published : Nov 25, 2019, 4:06 PM IST

BHU ka bawal, jaipur latest news, BHU का बवाल, बीएचयू का विवाद

जयपुर. BHU के बवाल को देशभर की मीडिया ने कवर किया. कई लोगों ने मामले को लेकर फिरोज खान का समर्थन भी किया. लेकिन एक के बाद एक, सैंकड़ों सवालों से तंग आकर फिरोज खान के परिजनों ने खुद को घर में कैद रखना महफूज माना. मामला बीएचयू में एक मुस्लिम प्रोफेसर के संस्कृत पढ़ानें पर छात्रों के धरने के बाद शुरू हुआ.

BHU के बवाल का नुकसान भुगत रहा फिरोज का परिवार

छात्रों ने मुस्लिम प्रोफेसर से संस्कृत में शिक्षा लेने से मना कर दिया. जिससे देशभर में अलग ही बहस छिड़ गई, कुछ तथ्य लोगों के बीच आए तो वे उन्हें हैरत में डाले हुए थे. जिसमें फिरोज खान और उनके पिता रमजान की दैनिक दिनचर्या से जुड़ी बातें लोगों ने जानी. फिरोज के पिता की दैनिक दिनचर्या में गौशाला जाना हो या राम-कृष्ण के भजन गाना ऐसा सब कुछ शामिल था जो कि एक अच्छे व्यक्तित्व की मिशाल पेश करता है.

लेकिन समय की घड़ी ऐसी घूमी की गौशाला में जहां भजन-कीर्तन में फिरोज के पिता रमजान के सुर सुनाई देते थे वहां अब सन्नाटा पसरा हुआ है. फिरोज के परिवार ने खुद को घर में कैद कर लिया. मिलनसार माना जाने वाला यह परिवार लोगों से मिलने-जुलने में कतराता है.

कस्बे के मशहूर भजन गायक रमजान खान उर्फ मुन्ना जी पहले तो मंझले बेटे फिरोज की सरकारी नौकरी के बाद बधाई देने वालों की खातिरदारी में मसरूफ थे और फिर कुनबे में पहली बार ओहदे पर पहुंचने वाले बेटे की नौकरी पर विवाद खड़ा होने के बाद धर्म की दीवार खड़ी कर देने वाले सवालात की मुश्किल में फंसे नजर आए. लिहाजा सुबह शाम बगरू की गलियों से गुजरने वाले फिरोज खान के पिता बीते तीन शाम से रामदेव गोशाला वाले मंदिर तक नहीं पहुंच सके हैं.

पढ़ें: स्पेशल: बिजली कटौती 'धरती पुत्रों' के माथे पर ला रही चिंता की लकीरें, जब सुनाया...

इस पूरे मामले पर स्थानीय पार्षद ने भी फिरोज़ के परिवार का दुख बया किया और बताया कि बनारस से उठे विवाद की काली छाया कैसे फिरोज खान, रमजान खान और उसके परिजनों पर मंडराने लगी है. गौशाला के कर्मचारी भूराराम का कहना है कि रमजान जी आया करते थे. पर अब नहीं आ रहे है. ऐसे में ऐसे विवाद जो मुद्दें बनकर सामने आ जाते है, किसी भी रूप में सहीं नहीं है.

वहीं पूरे मामले को लेकर फिरोज के पड़ोसी का कहना है कि एक मिलनसार परिवार के ऊपर इस तरह सवालों की बौछार आज उन्हें घर से बाहर नहीं निकलने दे रही है, जो कि गलत है. जाहिर है कि वसुधैव कुटुम्ब की धारणा के आधार पर भजन गाने वाले खान परिवार के लिए अब मजहब आधारित सवाल मुश्किल हो गये हैं. जिनका जवाब क्या और कैसे दिया जाए. कैसे अनचाहे विवाद से छुटकारा हो, फिलहाल इसका जवाब रमजान खान और उनका परिवार खुद को भीड़ से बचाते हुए तलाश रहा है.

जयपुर. BHU के बवाल को देशभर की मीडिया ने कवर किया. कई लोगों ने मामले को लेकर फिरोज खान का समर्थन भी किया. लेकिन एक के बाद एक, सैंकड़ों सवालों से तंग आकर फिरोज खान के परिजनों ने खुद को घर में कैद रखना महफूज माना. मामला बीएचयू में एक मुस्लिम प्रोफेसर के संस्कृत पढ़ानें पर छात्रों के धरने के बाद शुरू हुआ.

BHU के बवाल का नुकसान भुगत रहा फिरोज का परिवार

छात्रों ने मुस्लिम प्रोफेसर से संस्कृत में शिक्षा लेने से मना कर दिया. जिससे देशभर में अलग ही बहस छिड़ गई, कुछ तथ्य लोगों के बीच आए तो वे उन्हें हैरत में डाले हुए थे. जिसमें फिरोज खान और उनके पिता रमजान की दैनिक दिनचर्या से जुड़ी बातें लोगों ने जानी. फिरोज के पिता की दैनिक दिनचर्या में गौशाला जाना हो या राम-कृष्ण के भजन गाना ऐसा सब कुछ शामिल था जो कि एक अच्छे व्यक्तित्व की मिशाल पेश करता है.

लेकिन समय की घड़ी ऐसी घूमी की गौशाला में जहां भजन-कीर्तन में फिरोज के पिता रमजान के सुर सुनाई देते थे वहां अब सन्नाटा पसरा हुआ है. फिरोज के परिवार ने खुद को घर में कैद कर लिया. मिलनसार माना जाने वाला यह परिवार लोगों से मिलने-जुलने में कतराता है.

कस्बे के मशहूर भजन गायक रमजान खान उर्फ मुन्ना जी पहले तो मंझले बेटे फिरोज की सरकारी नौकरी के बाद बधाई देने वालों की खातिरदारी में मसरूफ थे और फिर कुनबे में पहली बार ओहदे पर पहुंचने वाले बेटे की नौकरी पर विवाद खड़ा होने के बाद धर्म की दीवार खड़ी कर देने वाले सवालात की मुश्किल में फंसे नजर आए. लिहाजा सुबह शाम बगरू की गलियों से गुजरने वाले फिरोज खान के पिता बीते तीन शाम से रामदेव गोशाला वाले मंदिर तक नहीं पहुंच सके हैं.

पढ़ें: स्पेशल: बिजली कटौती 'धरती पुत्रों' के माथे पर ला रही चिंता की लकीरें, जब सुनाया...

इस पूरे मामले पर स्थानीय पार्षद ने भी फिरोज़ के परिवार का दुख बया किया और बताया कि बनारस से उठे विवाद की काली छाया कैसे फिरोज खान, रमजान खान और उसके परिजनों पर मंडराने लगी है. गौशाला के कर्मचारी भूराराम का कहना है कि रमजान जी आया करते थे. पर अब नहीं आ रहे है. ऐसे में ऐसे विवाद जो मुद्दें बनकर सामने आ जाते है, किसी भी रूप में सहीं नहीं है.

वहीं पूरे मामले को लेकर फिरोज के पड़ोसी का कहना है कि एक मिलनसार परिवार के ऊपर इस तरह सवालों की बौछार आज उन्हें घर से बाहर नहीं निकलने दे रही है, जो कि गलत है. जाहिर है कि वसुधैव कुटुम्ब की धारणा के आधार पर भजन गाने वाले खान परिवार के लिए अब मजहब आधारित सवाल मुश्किल हो गये हैं. जिनका जवाब क्या और कैसे दिया जाए. कैसे अनचाहे विवाद से छुटकारा हो, फिलहाल इसका जवाब रमजान खान और उनका परिवार खुद को भीड़ से बचाते हुए तलाश रहा है.

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