बस्सी (जयपुर). प्रदेश में जून के महीने में भीषण गर्मी ने सबको परेशान कर रखा है. सूर्य की तेज किरणें और नौतपा में आग उगल रही हैं. जिसके कारण बस्सी उपखंड क्षेत्र में तापमान 45 डिग्री सेल्सियस के पार चल रहा है. दोपहर में गर्म हवाओं के कारण परेशानी और बढ़ रही है. धूप में निकला हर शख्स पसीना पोछता नजर आ रहा है. जैसे-जैसे तापमान बढ़ रहा है, वैसे-वैसे लोगों की परेशानी भी बढ़ती जा रही है.
अमूमन पुलिसकर्मियों के प्रति आम लोगों की सोच सकारात्मक नहीं रहती और वे पुलिस और थाने से हमेशा दूर रहने के लिए भगवान से दुआएं करते हैं. लेकिन कोरोना वायरस के प्रकोप और लॉकडाउन ने आम लोगों के मन में पुलिस के प्रति अब सकारात्मक सोच पैदा होने लगी है.
इस भीषण गर्मी में पुलिस स्टाफ राहगीरों को पानी पिलाने और भोजन देने का काम कर रहे हैं. बस्सी थाने में तैनात पुलिसकर्मी कौशल किशोर उपाध्याय ने मानव के साथ-साथ जीव-जन्तुओं को पानी पिलाने का कार्य भी शुरू किया है. वह ड्यूटी स्थल पर ही जीव-जन्तुओं को परिंडे से पानी पिलाते हैं.
पुलिसकर्मी कौशल किशोर ने बताया कि वे सुबह से शाम तक बस्सी कस्बे के मुख्य बस स्टैंड पर ड्यूटी करते हैं और उन्होंने देखा कि कोरोना माहमारी और भीषण गर्मी के दौर में लोग घरों से बाहर नहीं निकल रहे हैं. पक्षियों को पर्याप्त दाना और पानी की व्यवस्था नहीं हो पा रही है. जिसको देखते हुए उन्होंने रोजाना सुबह सबसे पहले अपनी ड्यूटी संभालते हैं, साथ ही आसपास के पक्षियों के पीने के लिए ठंडा पानी परिंडे में डालते हैं और चिड़ियों के लिए कभी नमकीन तो कभी बिस्किट तो कभी अन्य दाना उनको डालते हैं.
पढ़ेंः SPECIAL: लॉकडाउन की मार से चौपट मोगरे की फसल, किसानों को मदद की आस
साथ ही उन्होंने अपील की है कि और लोग भी अपने घरों में पक्षियों के पीने के लिए ठंडा पानी की व्यवस्था रखें, साथ ही उनको दाना भी डालें. इसी के साथ पुलिसकर्मी कौशल किशोर उपाध्याय ने जियो और जीने का आमजन को संदेश दिया है.
बता दें कि मनुष्य के साथ पशु-पक्षियों की हालत भी खराब होने लगी है. तेज गर्मी के कारण चिड़ियों के मरने की भी खबर मिल रही है, तो दूसरी तरफ पानी की तलाश में जंगली जानवर भी भटक रहे हैं. जिले के जंगल क्षेत्रों में पानी की व्यवस्था नहीं है. गर्मी के कारण जंगल क्षेत्र के प्राकृतिक जलस्रोत सूख गए हैं. ऐसे में पानी की तलाश में जंगली-जानवरों को भटक कर नगर कस्बे तक आना पड़ रहा है.