जयपुर. अपनी मांगों को लेकर राजस्थान आयुष चिकित्सक महासंघ की ओर से 31 जनवरी को शक्ति प्रदर्शन किया जाएगा. राजस्थान आयुष चिकित्सक महासंघ के बैनर तले सेवारत आयुर्वेद, यूनानी, होम्योपैथी चिकित्सा से जुड़े चिकित्सा अधिकारी अपनी मांगों को लेकर विधानसभा का घेराव करेंगे.
राजस्थान आयुष चिकित्सक महासंघ के संयोजक डॉ जितेंद्र सिंह कोठारी ने बताया कि महासंघ का गठन वर्ष 2011 में आयुर्वेद एवं भारतीय चिकित्सा पद्धति के चिकित्सा अधिकारियों को डीएसीपी का लाभ दिलवाले के लिए किया गया था, लेकिन अभी तक इसका लाभ नहीं मिल पाया है. इसे लेकर पहले भी महासंघ की ओर से कई बार आंदोलन और धरना प्रदर्शन किए गए. लेकिन अभी तक सरकार ने चिकित्सकों की डीएसीपी को लेकर कोई निर्णय नहीं लिया है. ऐसे में अब राजस्थान आयुष चिकित्सक महासंघ की ओर से आंदोलन करने की चेतावनी दी गई है. महासंघ के पदाधिकारियों का कहना है कि राजस्थान के सभी सेवारत आयुर्वेद, यूनानी और होम्योपैथी चिकित्सा अधिकारी 31 जनवरी को विधानसभा का घेराव करेंगे.
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महासंघ का कहना है कि सातवां वेतनमान लागू हो चुका है, लेकिन छठे वेतन आयोग की विसंगतियों को आज तक दूर नहीं किया गया है. जिसके बाद राज्य के आयुष चिकित्सा अधिकारियों और राज्य के एलोपैथी चिकित्सा अधिकारियों के वेतनमान में अत्यधिक अंतर हो गया है. इसके अलावा आयुष चिकित्सक महासंघ का कहना है कि पांचवें, छठे और सातवें वेतन आयोग की रिपोर्ट के बाद राज्य के एलोपैथी चिकित्सा अधिकारियों को नॉन प्रैक्टिसिंग भत्ता दिया जा रहा है जबकि राज्य के आयुष चिकित्सा अधिकारियों को अभी तक नॉन प्रैक्टिसिंग भत्ता नहीं मिल रहा.
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इन्हीं प्रमुख मांगों को लेकर 31 जनवरी को लगभग 5000 आयुष चिकित्सकों ने सरकार के खिलाफ आंदोलन करने की चेतावनी दी है. वहीं राजस्थान आयुष चिकित्सक महासंघ का यह भी कहना है कि सातवें वेतन आयोग में केंद्र के आयुष चिकित्सा अधिकारियों को सातवें वेतनमान एवं भत्तों का लाभ केंद्र सरकार की ओर से दिया जा रहा है, लेकिन राज्य सरकार राज्य के आयुष चिकित्सा अधिकारियों को लेकर अभी तक कोई निर्णय नहीं ले पाई है.