जयपुर. प्रदेश में लगातार कानून-व्यवस्था को लेकर उठ रहे सवालों के बीच सीएम गहलोत सोमवार को अहम बैठक की. गहलोत ने कहा कि पुलिस विभाग में अनिवार्य एफआईआर, स्वागत कक्ष सहित अन्य नवाचार किए गए हैं. इसका असर रहा है कि 156 (3) के केसों, अनुसंधान समय और महिला अत्याचारों के मामलों में कमी आई है. उन्होंने कहा कि उदयपुर, सीकर, जयपुर के विभिन्न घटनाक्रमों में त्वरित प्रभावी कार्रवाई कर अपराधियों पर शिकंजा कसा गया है. राज्य में पुलिस का इकबाल बुलंद रहे, इसके लिए अपराध नियंत्रण और आमजन में पुलिस के प्रति विश्वास बढ़ाने के हरसंभव प्रयास किया जाए.
संगठित अपराध बड़ी चुनौती : गहलोत ने कहा कि प्रदेश में संगठित अपराधों के खिलाफ विशेष अभियान आक्रामक रूप से जारी रखें. सोशल मीडिया पर गैंगस्टर और अपराधियों को फॉलो और समर्थन करने वालों, आश्रय और वित्तीय सहायता प्रदान करने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाए. उन्होंने जेल में आपराधिक तत्वों के माध्यम से संचालित सक्रिय गिरोहों के खिलाफ विशेष सतर्कता बरतने के निर्देश दिए. गहलोत कहा कि साम्प्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने वाली कोई भी घटनाओं पर कठोरता के साथ काम किया जाए. संगठित अपराध बड़ी चुनौती है, जिसे प्राथमिकता के साथ ठीक करें.
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लापरवाही पर सख्त कार्रवाई : गहलोत ने कहा कि अपराध नियंत्रण में उत्कृष्ट कार्य करने वाले पुलिसकर्मियों का मनोबल बढ़ाने के लिए रिवॉर्ड और पदोन्नति के अवसर प्रदान किए जाएं. कोताही बरतने पर सख्त कार्रवाई भी अमल में लाई जाए. उन्होंने कहा कि समाज, खासकर युवाओं की मानसिकता में बदलाव लाने के लिए जागरूकता अभियान संचालित करें, उन्हें भयमुक्त कर पुलिस फ्रेंडली बनाएं. गहलोत ने बजरी और अवैध खनन माफिया के खिलाफ कार्रवाई के लिए पुलिस की और सक्रियता की आवश्यकता जताई. उन्होंने कहा कि देशभर में साम्प्रदायिकता, तनाव और हिंसा का माहौल बढ़ा है. ऐसे में पुलिस के लिए आने वाला समय और अधिक चुनौतीपूर्ण होगा. ऐसी घटनाओं में लिप्त व्यक्ति किसी भी जाति अथवा धर्म का हो, कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाए.