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उत्तराखंड त्रासदी पीड़ित परिवारों के लिए राहत: सीएम गहलोत ने अनुकम्पात्मक नियुक्ति बहाल के प्रस्ताव को दी मंजूरी - compassionate appointment proposal restored

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने साल 2013 की उत्तराखंड त्रासदी के पीड़ितों को संबल देने के लिए संवेदनशील निर्णय लिया है. सीएम ने त्रासदी में जान गंवाने वाले और स्थाई रूप से लापता हुए व्यक्तियों के किसी एक आश्रित को अनुकम्पात्मक नियुक्ति देने के प्रावधान को पुनः लागू करने की मंजूरी दे दी है.

Ashok Gehlot
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Published : Oct 25, 2021, 4:40 PM IST

जयपुर. उत्तराखंड त्रासदी राहत पैकेज में अनुकम्पात्मक नियुक्ति पाने वालों को प्रदेश की अशोक गहलोत सरकार ने बड़ी राहत दी है. सीएम गहलोत ने उस प्रस्ताव को बहाल कर दिया जिसके तहत उत्तराखंड त्रासदी में परिजनों को खोने वाले आश्रितों को अनुकम्पात्मक नियुक्ति देने का प्रावधान था. पूर्ववर्ती सरकार ने इस प्रावधान को खत्म कर दिया था. गहलोत के इस निर्णय के बाद उन पीड़ित परिवारों को लाभ मिल सकेगा, जिन्हें सत्ता बदलने के बाद नहीं मिल पा रहा था.

जून 2013 में आई इस भीषण प्राकृतिक आपदा में राजस्थान के कई लोगों की मृत्यु हो गई थी. कई लोग लापता हो गए जिनका आज तक पता नहीं चल सका है. त्रासदी के बाद तत्कालीन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने उत्तराखंड जाकर हालात का जायजा लिया और वहां फंसे लोगों के लिए चलाए गए राहत और बचाव कार्यों की मॉनिटरिंग की थी.

पढ़ें: कोरोना वायरस के नए वैरिएंट पर CM गहलोत ने जताई चिंता..कहा- केंद्र सरकार नई SOP जारी करे

उत्तराखंड से लौटने के बाद गहलोत ने पीड़ित परिवारों को संबल देने के लिए 29 जुलाई, 2013 को राहत पैकेज जारी किया. इस पैकेज में अनुग्रह सहायता राशि के अतिरिक्त एक आश्रित को अनुकम्पात्मक नियुक्ति देने का प्रावधान कर नियुक्तियां देना प्रारम्भ कर दिया था. दिसंबर 2013 में नई सरकार बनने के बाद इस प्रावधान को खत्म कर दिया गया. साथ ही, अनुकम्पात्मक नियुक्ति प्राप्त कर चुके अभ्यर्थियों की सेवाएं भी समाप्त कर दी गईं.

जयपुर. उत्तराखंड त्रासदी राहत पैकेज में अनुकम्पात्मक नियुक्ति पाने वालों को प्रदेश की अशोक गहलोत सरकार ने बड़ी राहत दी है. सीएम गहलोत ने उस प्रस्ताव को बहाल कर दिया जिसके तहत उत्तराखंड त्रासदी में परिजनों को खोने वाले आश्रितों को अनुकम्पात्मक नियुक्ति देने का प्रावधान था. पूर्ववर्ती सरकार ने इस प्रावधान को खत्म कर दिया था. गहलोत के इस निर्णय के बाद उन पीड़ित परिवारों को लाभ मिल सकेगा, जिन्हें सत्ता बदलने के बाद नहीं मिल पा रहा था.

जून 2013 में आई इस भीषण प्राकृतिक आपदा में राजस्थान के कई लोगों की मृत्यु हो गई थी. कई लोग लापता हो गए जिनका आज तक पता नहीं चल सका है. त्रासदी के बाद तत्कालीन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने उत्तराखंड जाकर हालात का जायजा लिया और वहां फंसे लोगों के लिए चलाए गए राहत और बचाव कार्यों की मॉनिटरिंग की थी.

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उत्तराखंड से लौटने के बाद गहलोत ने पीड़ित परिवारों को संबल देने के लिए 29 जुलाई, 2013 को राहत पैकेज जारी किया. इस पैकेज में अनुग्रह सहायता राशि के अतिरिक्त एक आश्रित को अनुकम्पात्मक नियुक्ति देने का प्रावधान कर नियुक्तियां देना प्रारम्भ कर दिया था. दिसंबर 2013 में नई सरकार बनने के बाद इस प्रावधान को खत्म कर दिया गया. साथ ही, अनुकम्पात्मक नियुक्ति प्राप्त कर चुके अभ्यर्थियों की सेवाएं भी समाप्त कर दी गईं.

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