जयपुर. देश-विदेश में आयोजित होने वाले अंतर्राष्ट्रीय तीरंदाजी प्रतियोगिताओं में देश के तीरंदाजों ने काफी मेडल जीते और देश का मान बढ़ाया. लेकिन, भारतीय तीरंदाजी संघ को निलंबित किए जाने के बाद यह तीरंदाज अपने देश के लिए नहीं खेल पा रहे.
ऐसी ही एक व्यथा जाहिर की अंतरराष्ट्रीय तीरंदाज रजत चौहान ने. रजत चौहान ने बताया कि हाल ही में हुए एशियन चैंपियनशिप में भाग लेने बैंकॉक गए और वहां मेडल भी जीता लेकिन उन्हें खुशी नहीं हुई. क्योंकि, उनकी जर्सी पर इंडिया की जगह वर्ल्ड आर्चरी का लोगो लगा हुआ था और मेडल जीतने के बाद जब राष्ट्रगान बजता था तो मेडल जीतने पर एक अलग ही अनुभूति होती थी. लेकिन, इस बार जब एशियन चैंपियनशिप में मेडल जीता और राष्ट्रगान नहीं बजा तो उन्हें लगा ही नहीं कि उन्होंने देश के लिए मेडल जीता है.
बता दें विश्व तीरंदाजी संघ ने भारतीय तीरंदाजी संघ को दिशा निर्देशों का पालन नहीं करने पर निलंबित कर दिया है और यही नहीं किसी भी अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता में भारतीय तीरंदाजी टीम के भाग लेने पर पाबंदी लगा दी है. हालांकि हाल ही में आयोजित हुई एशियन चैंपियनशिप आर्चरी प्रतियोगिता में भारत के हर खिलाड़ी ने अपने स्तर पर एंट्री करवाई. लेकिन, अब उस पर भी पाबंदी लगा दी गई है.
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खिलाड़ी हो रहे ज्यादा परेशान
तीरंदाज रजत चौहान ने बताया कि तीरंदाजी संघ पर बैन लगने के बाद आने वाली अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में भी भारतीय खिलाड़ी भाग नहीं ले पाएंगे जिनमें मकाउ ओपन, रोम और लास वेगास में आयोजित होने वाली प्रतियोगिताएं शामिल है. रजत ने बताया कि पिछले साल मकाउ में आयोजित हुई प्रतियोगिता में उन्होंने देश के लिए सिल्वर मेडल जीता था अगर जल्द ही भारतीय तीरंदाजी संघ इस समस्या का रास्ता नहीं निकालती है तो खिलाड़ियों को सबसे ज्यादा परेशान होना पड़ेगा. ऐसे में राजेश चौहान ने केंद्र सरकार से भी अपील की है और कहा है कि जल्द से जल्द वे मामले में हस्तक्षेप करें ताकि खिलाड़ी इस परेशानी से बाहर निकल सके.