जयपुर: राजस्थान विधानसभा के तीसरे सत्र की शुरुआत हो गई है. राज्यपाल हरिभाऊ बागड़े के अभिभाषण के साथ बजट सत्र की औपचारिक शुरुआत हुई. राज्यपाल ने अपने अभिभाषण में जब अमृत जल योजना का जिक्र किया, तो विपक्ष ने आदिवासी क्षेत्रों में पानी की समस्या को लेकर सदन में हंगामा शुरू कर दिया. विपक्ष का कहना था कि इस योजना का लाभ प्रदेश के आदिवासी क्षेत्रों के लोगों को नहीं मिल रहा है और आज भी बड़ी संख्या में महिलाओं को दूर-दराज से पानी लाना पड़ता है.
इस पर राज्यपाल ने कहा, "आदिवासियों के हितों की जिम्मेदारी मेरी है, और मैं उनकी समस्याओं पर पूरा ध्यान दे रहा हूं." राज्यपाल ने यह भी स्पष्ट किया कि आदिवासी क्षेत्रों में पानी की किल्लत के समाधान के लिए सरकार पूरी तरह से प्रतिबद्ध है. राज्यपाल ने अपने अभिभाषण में राज्य सरकार की योजनाओं के बारे में विस्तार से बताया और कहा कि केंद्र तथा राज्य सरकार की योजनाओं से आम जनता को राहत मिल रही है. उन्होंने यह भी जानकारी दी कि आगामी समय में सरकार की और कौन सी योजनाएं लागू की जाएंगी. राज्यपाल ने अमृत जल योजना के तहत "हर घर जल" पहुंचाने का उल्लेख करते हुए कहा कि यह योजना देश के हर नागरिक के लिए है.
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अभिभाषण शांतिपूर्ण सुनने पर सहमति : विपक्ष के हंगामे के बाद राज्यपाल ने शांति बनाए रखने की अपील की और कहा कि आदिवासी क्षेत्रों की समस्याओं को लेकर वे पूरी तरह से निश्चिंत रहें. इसके बाद विपक्ष शांतिपूर्ण तरीके से राज्यपाल का अभिभाषण सुनने के लिए तैयार हो गया. इसके पूर्व, विधानसभा सत्र के पहले दिन कांग्रेस विधायक दल की बैठक में यह निर्णय लिया गया था कि राज्यपाल के अभिभाषण के दौरान कोई हंगामा नहीं होगा और शांतिपूर्ण तरीके से उसे सुना जाएगा.
बाद में, जब विधानसभा की कार्यवाही शुरू हुई, राज्यपाल का स्वागत किया गया. विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी, मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा, संसदीय कार्य मंत्री जोगाराम पटेल सहित मंत्रिमंडल के सदस्य और विधायक राज्यपाल का स्वागत करने के लिए उपस्थित थे. इस दौरान राज्यपाल को गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया और उन्होंने सलामी गार्ड का निरीक्षण भी किया.