जयपुर. राजधानी जयपुर में कौशल और सेवा कार्य करने वालों का महाकुंभ राष्ट्रीय सेवा संगम 7 अप्रैल से शुरू होगा, जिसमें सामाजिक विकास के क्षेत्र में कार्य कर रहे देश के 3000 से ज्यादा प्रतिनिधि जुटेंगे. इसमें लघु भारत का नजारा देखने को मिलेगा. राष्ट्रीय सेवा भारती की ओर से केशव विद्यापीठ में राष्ट्रीय सेवा संगम कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें 'स्वावलंबी भारत-समृद्ध भारत' का दृश्य साकार किया जाएगा. सेवा संगम कार्यक्रम से ठीक एक दिन पहले शाम को सेवा कार्य की झलक पेश करती प्रदर्शनी का भी उद्घाटन किया जाएगा.
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के क्षेत्रीय सेवा प्रमुख शिव लहरी ने बताया कि वर्ष 2010 में बेंगलुरु, 2015 में नई दिल्ली में सेवा संगम का आयोजन हुआ था. अब 2023 में जयपुर में इसका आयोजन होने जा रहा है. सेवा संगम में शामिल होने वाले प्रतिभागी 6 अप्रैल को केशव विद्यापीठ पहुंचेंगे. इसी दिन शाम को 4:00 बजे देशभर में चल रहे सेवा कार्यों की प्रदर्शनी का उद्घाटन किया जाएगा, जबकि 7 अप्रैल को सेवा संगम कार्यक्रम का उद्घाटन होगा.
ये रहेंगी व्यवस्थाएं : उन्होंने बताया कि कार्यक्रम सुबह 10:00 से 12:00 तक चलेगा. इस दौरान राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत सहित संत और स्वागत समिति के लोग मौजूद रहेंगे. कार्यक्रम की तैयारियों को लेकर उन्होंने बताया कि मुख्य पंडाल, प्रदर्शनी का पंडाल और अन्य स्टॉल तैयार हो चुकी हैं. इसके अलावा सेवा संगम में जो प्रतिभागी आ रहे हैं, उनके रहने की व्यवस्था सुनिश्चित की जा रही है. इसके अलावा प्रतिभागियों के भोजन, पानी, अल्पाहार और अन्य मूलभूत सुविधाओं की भी व्यवस्था की जा रही है.
सेवा संगम के प्रबंध प्रमुख कृष्ण कुमार ने बताया कि केशव विद्यापीठ में सभी व्यवस्थाओं को 29 हिस्सों में बांटा गया है, जिनको 820 प्रबंधक देख रहे हैं. यहां करीब 600 महिलाएं भी शामिल होंगी. उनकी व्यवस्थाएं महिला कार्यकर्ताओं को ही दी गई है. 5 अप्रैल से 10 अप्रैल तक सभी प्रबंधक यहां मोर्चा संभालेंगे. इस आयोजन में करीब 3000 प्रतिभागी भाग लेंगे. आयोजन स्थल केशव विद्यापीठ को भी विभिन्न नगरों में बांटा गया है, जिसमें एक नगर पूरा महिलाओं का रहेगा. 7 अप्रैल को उद्घाटन सत्र में संघ प्रमुख मोहन भागवत का उद्बोधन रहेगा. इस दौरान पीरामल उद्योग समूह के अध्यक्ष अजय पीरामल मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद रहेंगे, जबकि उज्जैन के वाल्मीकि आश्रम के महामंडलेश्वर उमेशनाथ महाराज का आशीर्वचन रहेगा.