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निकाय चुनाव के अलावा सत्ता और संगठन में कोई मतभेद नहीं है: मंत्री आंजना - no discrimination in power and organization

निकाय चुनाव के हाइब्रिड सिस्टम को लेकर मंत्री उदयलाल आंजना ने कहा कि सरकार ने सोच-समझकर निर्णय लिया है और अब पुनर्विचार की जरूरत नहीं है. आंजना ने कहा कि निकाय चुनाव के अलावा सत्ता और संगठन में कोई मतभेद नहीं है और इसे भी दोनों नेता बैठकर जल्द ही सुलझा लेंगे.

Civic elections 2019, निकाय चुनाव 2019
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Published : Oct 21, 2019, 6:14 PM IST

जयपुर. राजस्थान में निकाय चुनाव हाइब्रिड सिस्टम से करवाने को लेकर जिस तरह से कांग्रेस अध्यक्ष सचिन पायलट ने अपना सीधा विरोध जाहिर कर दिया है उसके बाद प्रदेश में सत्ता और संगठन के बीच तालमेल को लेकर सवाल खड़े हो गए हैं. पायलट के बयान के बाद संगठन के नेता के तौर पर बैलट के साथ खड़े हुए हैं, लेकिन सत्ता में भागीदारी निभा रहे 2 कैबिनेट मंत्रियों रमेश मीणा और प्रताप सिंह खाचरियावास के अलावा कोई मंत्री इस निर्णय के विरोध में नहीं बोल रहा है.

मंत्री आंजना ने कि निकाय चुनाव के अलावा सत्ता और संगठन में कोई मतभेद नहीं है.

पायलट गुट के माने जाने वाले मंत्री उदयलाल आंजना ने भी सोमवार को इस निर्णय का समर्थन किया. आंजना ने कहा कि हर मामले में हर किसी के अलग-अलग विचार हो सकते हैं, लेकिन मुख्यमंत्री ने जो निर्णय लिया है वह सोच समझ कर ही लिया होगा. सरकार ने निर्णय लिया है वह ठीक है. अब इस पर बार-बार पुनर्विचार की बात होगी तो राजनीति चलेगी ऐसे में अब इस पर पुनर्विचार की कोई आवश्यकता नहीं है.

आंजना ने कहा कि प्रदेश अध्यक्ष सचिन पायलट की सोच इस मामले में अलग हो सकती है. कोई फैसला किसी को रास आता है कोई फैसला किसी को रास नहीं आता है. दोनों नेता अनुभवी है और आपस में बैठकर इस मुद्दे को भी सुलझा लेंगे. हालांकि इसके साथ ही मंत्री आंजना ने यह स्वीकार कर लिया कि नगर के मुद्दे पर सत्ता और संगठन में मतभेद है. आंजना ने कहा कि सत्ता और संगठन के बीच तालमेल केवल निकाय चुनाव को छोड़ दिया जाए तो आपस में बना हुआ है.

ये भी पढ़ें: राजस्थान के इस परिवार ने लगाई गुहार...इंसाफ दो या इच्छामृत्यु

नगर निकाय को लेकर जो कुछ हुआ उसमें हो सकता है कि चर्चा के अभाव में यह मामला बना हो. वहीं आंजना ने कहा कि दोनों नेताओं में अगर कोई मतभेद होता तो फिर ऐसे में दोनों ही नेताओं का आशीर्वाद उन्हें कैसे मिलता दोनों नेताओं में तालमेल है तभी तो उन्हें दोनों नेताओं का आशीर्वाद मिला है. आंजना ने कहा कि निकाय के मुद्दे को भी जल्द ही सुलझा लिया जाएगा.

जयपुर. राजस्थान में निकाय चुनाव हाइब्रिड सिस्टम से करवाने को लेकर जिस तरह से कांग्रेस अध्यक्ष सचिन पायलट ने अपना सीधा विरोध जाहिर कर दिया है उसके बाद प्रदेश में सत्ता और संगठन के बीच तालमेल को लेकर सवाल खड़े हो गए हैं. पायलट के बयान के बाद संगठन के नेता के तौर पर बैलट के साथ खड़े हुए हैं, लेकिन सत्ता में भागीदारी निभा रहे 2 कैबिनेट मंत्रियों रमेश मीणा और प्रताप सिंह खाचरियावास के अलावा कोई मंत्री इस निर्णय के विरोध में नहीं बोल रहा है.

मंत्री आंजना ने कि निकाय चुनाव के अलावा सत्ता और संगठन में कोई मतभेद नहीं है.

पायलट गुट के माने जाने वाले मंत्री उदयलाल आंजना ने भी सोमवार को इस निर्णय का समर्थन किया. आंजना ने कहा कि हर मामले में हर किसी के अलग-अलग विचार हो सकते हैं, लेकिन मुख्यमंत्री ने जो निर्णय लिया है वह सोच समझ कर ही लिया होगा. सरकार ने निर्णय लिया है वह ठीक है. अब इस पर बार-बार पुनर्विचार की बात होगी तो राजनीति चलेगी ऐसे में अब इस पर पुनर्विचार की कोई आवश्यकता नहीं है.

आंजना ने कहा कि प्रदेश अध्यक्ष सचिन पायलट की सोच इस मामले में अलग हो सकती है. कोई फैसला किसी को रास आता है कोई फैसला किसी को रास नहीं आता है. दोनों नेता अनुभवी है और आपस में बैठकर इस मुद्दे को भी सुलझा लेंगे. हालांकि इसके साथ ही मंत्री आंजना ने यह स्वीकार कर लिया कि नगर के मुद्दे पर सत्ता और संगठन में मतभेद है. आंजना ने कहा कि सत्ता और संगठन के बीच तालमेल केवल निकाय चुनाव को छोड़ दिया जाए तो आपस में बना हुआ है.

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नगर निकाय को लेकर जो कुछ हुआ उसमें हो सकता है कि चर्चा के अभाव में यह मामला बना हो. वहीं आंजना ने कहा कि दोनों नेताओं में अगर कोई मतभेद होता तो फिर ऐसे में दोनों ही नेताओं का आशीर्वाद उन्हें कैसे मिलता दोनों नेताओं में तालमेल है तभी तो उन्हें दोनों नेताओं का आशीर्वाद मिला है. आंजना ने कहा कि निकाय के मुद्दे को भी जल्द ही सुलझा लिया जाएगा.

Intro:निकाय चुनाव के हाइब्रिड सिस्टम को लेकर बोले मंत्री उदयलाल आंजना सरकार ने सोच-समझकर लिया है निर्णय अब पुनर्विचार की जरूरत नहीं निकाय चुनाव के अलावा किसी मुद्दे पर नहीं है सत्ता और संगठन में कोई मतभेद इसे भी दोनों नेता बैठ कर जल्द ही सुलझा लेंगे अगर दोनों नेताओं में मतभेद होता तो मुझे कैसे पायलट और गहलोत दोनों ही नेताओं का मिलता आशीर्वाद


Body:राजस्थान में निकाय चुनाव हाइब्रिड सिस्टम से करवाने को लेकर जिस तरह से कांग्रेस अध्यक्ष सचिन पायलट ने अपना सीधा विरोध जाहिर कर दिया है उसके बाद प्रदेश में सत्ता और संगठन के बीच तालमेल को लेकर सवाल खड़े हो गए हैं लेकिन पायलट के बयान के बाद संगठन के नेता के तौर पर बैलट के साथ खड़े हुए हैं लेकिन सत्ता में भागीदारी निभा रहे 2 कैबिनेट मंत्रियों रमेश मीणा और प्रताप सिंह खाचरियावास के अलावा कोई मंत्री इस निर्णय के विरोध में नहीं बोल रहा है पायलट के ही माने जाने वाले मंत्री उदयलाल आंजना ने भी आज इस निर्णय का समर्थन करते हुए कहा कि हर मामले में हर किसी के अलग-अलग विचार हो सकते हैं लेकिन मुख्यमंत्री ने जो निर्णय लिया है वह सोच समझ कर ही लिया होगा सरकार ने निर्णय लिया है वह ठीक है अब इस पर बार-बार पुनर्विचार की बात होगी तो राजनीति चलेगी ऐसे में अब इस पर पुनर्विचार की कोई आवश्यकता नहीं है आंजना ने कहा कि प्रदेश अध्यक्ष सचिन पायलट की सोच इस मामले में अलग हो सकती है कोई फैसला किसी को रास आता है कोई फैसला किसी को रास नहीं आता है दोनों नेता अनुभवी है और आपस में बैठकर इस मुद्दे को भी सुलझा लेंगे हालांकि इसके साथ ही मंत्री आंजना ने यह स्वीकार कर लिया कि नगर के मुद्दे पर सत्ता और संगठन में मतभेद है आंजना ने कहा कि सत्ता और संगठन के बीच तालमेल केवल निकाय चुनाव को छोड़ दिया जाए तो आपस में बना हुआ है नगर निकाय को लेकर जो कुछ हुआ उसमें हो सकता है कि चर्चा के अभाव में यह मामला बना वही आंजना ने कहा कि दोनों नेताओं में अगर कोई मतभेद होता तो फिर ऐसे में दोनों ही नेताओं का आशीर्वाद उन्हें कैसे मिलता दोनों नेताओं में तालमेल है तभी तो उन्हें दोनों नेताओं का आशीर्वाद मिला है निकाय के मुद्दे को भी जल्द ही सुलझा लिया जाएगा
बाइट उदयलाल आंजना सहकारिता मंत्री राजस्थान सरकार


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