जयपुर. राजस्थान में निकाय चुनाव हाइब्रिड सिस्टम से करवाने को लेकर जिस तरह से कांग्रेस अध्यक्ष सचिन पायलट ने अपना सीधा विरोध जाहिर कर दिया है उसके बाद प्रदेश में सत्ता और संगठन के बीच तालमेल को लेकर सवाल खड़े हो गए हैं. पायलट के बयान के बाद संगठन के नेता के तौर पर बैलट के साथ खड़े हुए हैं, लेकिन सत्ता में भागीदारी निभा रहे 2 कैबिनेट मंत्रियों रमेश मीणा और प्रताप सिंह खाचरियावास के अलावा कोई मंत्री इस निर्णय के विरोध में नहीं बोल रहा है.
पायलट गुट के माने जाने वाले मंत्री उदयलाल आंजना ने भी सोमवार को इस निर्णय का समर्थन किया. आंजना ने कहा कि हर मामले में हर किसी के अलग-अलग विचार हो सकते हैं, लेकिन मुख्यमंत्री ने जो निर्णय लिया है वह सोच समझ कर ही लिया होगा. सरकार ने निर्णय लिया है वह ठीक है. अब इस पर बार-बार पुनर्विचार की बात होगी तो राजनीति चलेगी ऐसे में अब इस पर पुनर्विचार की कोई आवश्यकता नहीं है.
आंजना ने कहा कि प्रदेश अध्यक्ष सचिन पायलट की सोच इस मामले में अलग हो सकती है. कोई फैसला किसी को रास आता है कोई फैसला किसी को रास नहीं आता है. दोनों नेता अनुभवी है और आपस में बैठकर इस मुद्दे को भी सुलझा लेंगे. हालांकि इसके साथ ही मंत्री आंजना ने यह स्वीकार कर लिया कि नगर के मुद्दे पर सत्ता और संगठन में मतभेद है. आंजना ने कहा कि सत्ता और संगठन के बीच तालमेल केवल निकाय चुनाव को छोड़ दिया जाए तो आपस में बना हुआ है.
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नगर निकाय को लेकर जो कुछ हुआ उसमें हो सकता है कि चर्चा के अभाव में यह मामला बना हो. वहीं आंजना ने कहा कि दोनों नेताओं में अगर कोई मतभेद होता तो फिर ऐसे में दोनों ही नेताओं का आशीर्वाद उन्हें कैसे मिलता दोनों नेताओं में तालमेल है तभी तो उन्हें दोनों नेताओं का आशीर्वाद मिला है. आंजना ने कहा कि निकाय के मुद्दे को भी जल्द ही सुलझा लिया जाएगा.