जयपुर. अखिल राजस्थान राज्य कर्मचारी संयुक्त महासंघ एकीकृत और गहलोत सरकार के बीच सहमति बन गई है. महासंघ एकीकृत ने 2 मार्च को होने वाला राज्यव्यापी आंदोलन स्थगित कर दिया है. कर्मचारी संयुक्त महासंघ के प्रदेशाध्यक्ष गजेंद्र सिंह राठौड़ ने कहा, कार्मिक सचिव हेमंत गेरा के साथ कर्मचारी प्रतिनिधि मंडल से दो दौर की वार्ता में 21 में 8 मांगों पर सहमति बन गई है. बैठक में वित्त विभाग के अधिकारी भी मौजूद रहे.
ये हुई चर्चा : अखिल राजस्थान राज्य कर्मचारी संयुक्त महासंघ (एकीकृत) राठौड़ ने बताया कि वार्ता में लंबित संशोधित मांग पत्र 27 मई 2022 पर बिंदुवार चर्चा की गई, 21 सूत्रीय मांग पत्र में से 8 बिंदुओं पर सहमति बनी. इसके अलावा वेतन विसंगतियों और भत्तों को तय करने के लिए बनी खेमराज कमेटी की रिपोर्ट को सार्वजनिक करने की मांग मुख्यमंत्री पर छोड़ी गई है. उन्होंने कहा कि सीएम से शीघ्र मीटिंग कराने का कार्मिक सचिव ने आश्वासन दिया है. संविदा कर्मी एवं अस्थाई कर्मचारियों को नियमित करने के संबंध में बताया गया कि बजट घोषणा के अनुरूप लगभग 50000 कर्मचारियों को संविदा कर्मियों की श्रेणी में लाया जा चुका है. स्थानांतरण नीति के संबंध में भी प्रस्ताव विचाराधीन है.
गजेंद्र सिंह राठौड़ ने कहा कि इसके अलावा दो से अधिक संतान होने के कारण पदोन्नति से 5 वर्ष और 3 वर्ष वंचित किए जा चुके राज्य कर्मियों को उनकी पदोन्नति के उपरांत मूल वरिष्ठता प्रदान करने की मांग निर्णायक स्थिति में बताई गई है. संगठनों के लंबित मांग पत्रों पर प्रशासनिक विभाग स्तर पर संगठनों के साथ संवाद स्थापित करने के निर्देश जारी कर दिये गए हैं. प्लेसमेंट एजेंसियों की ओर से कार्मिकों की नियुक्ति के प्रणाली को समाप्त करने की घोषणा की जा चुकी है. इसके लिए नियमों में संशोधन किया जा रहा है. एमटीएस के पद सर्जन की कार्रवाई भी विचाराधीन बताई गई है. तृतीय श्रेणी शिक्षकों के स्थानांतरण और राजस्थान परिवहन निगम को सरकार के विभाग के रूप में समाहित करने पर भी सैद्धांतिक सहमति बनी.
इनके साथ हुई बैठक: राठौड़ ने बताया कि वार्ता में सरकार की ओर से हेमंत गेरा, प्रमुख शासन सचिव कार्मिक विभाग एवं सुरेश वर्मा संयुक्त शासन सचिव,वित्त विभाग सहित कई अन्य अधिकारियों ने भाग लिया. वहीं, दूसरी ओर महासंघ (एकीकृत) के प्रतिनिधि मंडल में प्रदेशाध्यक्ष गजेंद्र सिंह राठौड़ के अलावा मुख्य महामंत्री राजेंद्र शर्मा, कुलदीप यादव, गिर्राज शर्मा, सर्वेश्वर शर्मा, छोटे लाल मीणा, ओम प्रकाश चौधरी, प्रहलादराय अग्रवाल एवं घासी लाल ने भाग लिया. राठौड़ ने कहा कि सकारात्मक वार्ता होने पर महासंघ एकीकृत की ओर से 2 मार्च को प्रस्तावित विधानसभा के घेराव को स्थगित किया गया है.
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कर्मचारी संगठनों की प्रमुख मांगें
- वेतन विसंगतियों को दूर करने के लिए गठित सामंत कमेटी और खेमराज कमेटी की रिपोर्ट को सार्वजनिक हो.
- चयनित वेतनमान एसीपी का लाभ 9,18 व 27 वर्ष के स्थान पर 8, 16, 24 व 32 वर्ष पर पदोन्नति पद के समान हो .
- ग्रेड पे 2400 व 2800 के लिए बनाए गए पे लेवल को समाप्त कर केंद्र के अनुरूप पे मैट्रिक्स क्रमशः 25500 से 81100 एवं 29200 से 92300 निर्धारित
- की जाए.
- मंत्रालयिक कर्मचारियों को सचिवालय कर्मचारियों के समान पदोन्नति लाभ दिया जाए.
- कांग्रेस के घोषणा पत्र के अनुरूप संविदा कर्मियों एवं सभी अस्थाई कर्मचारियों को नियमित किया जाए.
- कर्मचारियों के लिए स्पष्ट एवं पारदर्शी स्थानांतरण नीति बनाई जाए.
- ग्रामीण भत्ता 10% स्वीकृत किया जाए.
- दो से अधिक संतान होने के कारण पदोन्नति से 5 वर्ष व 3 वर्ष वंचित किए जा चुके राज्य कर्मचारियों को उनकी पदोन्नति उपरांत मूल वरिष्ठता प्रदान की जाए.
- अर्जित अवकाश की सीमा 300 दिवस से बढ़ाकर सेवानिवृत्ति तक जोड़ने की घोषणा की जाए.