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मोदी सरकार के आर्थिक पैकेज को लेकर क्या कहते हैं कृषि और पशुपालन विशेषज्ञ, सुनिए...

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Published : May 16, 2020, 1:27 PM IST

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कोरोना संकट के बीच केंद्र सरकार की ओर से जारी 20 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज में किसानों और ग्रामीण भारत के लिए दी गई राहतों के बारे में शुक्रवार को विस्‍तार से बताया. उन्होंने कहा कि कृषि क्षेत्र के बनियादी ढांचे के लिए सरकार एक लाख करोड़ रुपये देगी. वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण की तीसरी किश्त में राजस्थान को क्या कुछ मिला, राजस्थान के किसान और छोटे मझले किसान कैसे दुबारा पटरी पर लौट सकेंगे. राजस्थान को इस पैकेज से कितना फायदा होने वाला है कृषि विशेषज्ञ शरद शर्मा क्या कहते हैं सुनिए..

agriculture-expert, कृषि विशेषज्ञ
कृषि एवं पशुपालन विशेषज्ञ शरद शर्मा से बातचीत

जयपुर: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया कि 20 लाख करोड़ के राहत पैकेज की तीसरी किस्‍त मुख्‍यतौर पर कृषि और इससे संबंधित क्षेत्रों पर केंद्रित है. कुल 11 ऐलान किये गए हैं. इनमें 8 फैसले कृषि और कृषि इंफ्रास्ट्रक्चर क्षेत्र से जुड़े हैं. 3 फैसले गवर्नेंस और रिफॉर्म से जुड़े हैं. छोटे और मझले किसान, लॉकडाउन के कारण खराब हुए कृषि उत्पाद के नुकसान की भरपाई कैसे हो सकती है, सुक्ष्म, खाद्य असंगठित संस्करण को एक करने और ब्रांड के रूप में उभारने की बात भी कही गई. मछुवारों की मदद के लिए 20 हजार करोड़ रुपए की योजना लेकर आए हैं, मछुआरे और नाव का बीमा होगा, पशुओं के टीकाकरण की बात कही गई है. 10 लाख हैक्टेयर में हर्बल खेती, लोकल उत्पादों को दुनिया तक पहुंचाना इसके आलावा कृषि क्षेत्र में प्रतिस्पर्द्धा लाने के लिए 1955 के एक्ट में बदलाव को शामिल किया गया है.

कृषि एवं पशुपालन विशेषज्ञ शरद शर्मा से बातचीत: पार्ट-1

वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा की गई घोषणाओं से राजस्थान के कृषि और इंफ्रा को कितनी संजीवनी मिलती दिख रही है?

वित्तमंत्री सीतारमण द्वारा की गई प्रेस कॉफ्रेस से राजस्थान को क्या फायदा होने वाला है. इस पैकेज से राजस्थान को क्या संजीवनी मिलने वाली है इस पर क्या कहना है कृषि विशेषज्ञ शरद शर्मा का सुनिए...

कृषि एवं पशुपालन विशेषज्ञ शरद शर्मा से बातचीत: पार्ट-2

अलग-अलग जोन में खेती की बात कही गई है, लेकिन राजस्थान का जिक्र नहीं किया गया, राजस्थान किस खेती से आत्मनिर्भर बन सकता है?

राजस्थान के ज्यादातर इलाके में खेती और पीने का पानी दोनों के लिए परेशानी है. वित्तमंत्री ने अलग-अलग जोन में खेती की बात कही है. लेकिन इस दौरान राजस्थान का जिक्र नहीं किया गया. राजस्थान कैसे और किस खेती से आत्मनिर्भर बन सकता है इसे भी समझिए.

कृषि एवं पशुपालन विशेषज्ञ शरद शर्मा से बातचीत: पार्ट-3

वित्तमंत्री द्वारा कृषि के बुनियादी ढांचे के लिए एक लाख करोड़ के पैकेज पर राय.

कृषि के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए वित्तमंत्री ने एक लाख करोड़ के पैकज की बात कही है. यानि इसके जरिए यह कोशिश की गई है की किसान को को घाटा या दिक्कतें आई है या फिर आ रही हैं उसे इस पैकेज के जरिए दूर करने की कोशिश की जाएगी. इसे लेकर शरद शर्मा क्या कहते है सुनिए.

कृषि एवं पशुपालन विशेषज्ञ शरद शर्मा से बातचीत: पार्ट-4

राजस्थान की दो ऐसी बातें जो इस पैकेज में शामिल होनी चाहिए थी.

राजस्थान को इस पैकेज से काफी उम्मीदें थी कि राजस्थान को विशेष तौर पर कुछ मिलेगा लेकिन ऐसा नहीं हुआ. ऐसे में वो कौन सी दो बड़ी बातें है जो विशेष कर राजस्थान के लिए वित्तमंत्री के इस राहत पैकेज में शामिल होनी चाहिए थी.

किसानों के लिए किए गए 11 बड़े ऐलान:

1. कृषि क्षेत्र में बुनियादी ढ़ांचा के लिए एक लाख करोड़ रुपये

2. छोटी खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों के लिए 10000 करोड़ रुपये

3. प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के लिए 20 हजार करोड़ रुपये

4. राष्ट्रीय पशु बीमारी नियंत्रण कार्यक्रम के लिए 13,342 करोड़

5. पशुपालन को बढ़ावा देने के लिए 15000 करोड़ रुपये का फंड

6. हर्बल पौधों को बढ़ावा देने के लिए 4000 करोड़

7. मधुमक्खी पालकों को 500 करोड़ की मदद

8. ऑपरेशन ग्रीन का विस्तार होगा, टॉप टू टोटल के लिए 500 करोड़

9. आवश्यक वस्तु अधिनियम में होगा बदलाव

10. किसान जहां चाहें वहां बेच सकेंगे फसल

11. रुकेगा किसानों का उत्पीड़न

किसानों के लिए सुविधाजनक ऐसा कानूनी ढांचा बनाया जाएगा, जिसके तहत उसे निश्चित आमदनी हो. जोखिम रहित खेती के लिए उपाय किए जाएंगे. इसके अलावा फसल की गुणवत्ता का मानकीकरण किया जाएगा. इससे किसानों के जीवन में बदलाव जाएगा. वह बड़े खुदरा व्यापारी, निर्यातकों के साथ पारदर्शिता के साथ काम कर सकेंगे. इससे उनका उत्पीड़न रुकेगा. केंद्र सरकार इसके लिए कानून बनाएगी.

जयपुर: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया कि 20 लाख करोड़ के राहत पैकेज की तीसरी किस्‍त मुख्‍यतौर पर कृषि और इससे संबंधित क्षेत्रों पर केंद्रित है. कुल 11 ऐलान किये गए हैं. इनमें 8 फैसले कृषि और कृषि इंफ्रास्ट्रक्चर क्षेत्र से जुड़े हैं. 3 फैसले गवर्नेंस और रिफॉर्म से जुड़े हैं. छोटे और मझले किसान, लॉकडाउन के कारण खराब हुए कृषि उत्पाद के नुकसान की भरपाई कैसे हो सकती है, सुक्ष्म, खाद्य असंगठित संस्करण को एक करने और ब्रांड के रूप में उभारने की बात भी कही गई. मछुवारों की मदद के लिए 20 हजार करोड़ रुपए की योजना लेकर आए हैं, मछुआरे और नाव का बीमा होगा, पशुओं के टीकाकरण की बात कही गई है. 10 लाख हैक्टेयर में हर्बल खेती, लोकल उत्पादों को दुनिया तक पहुंचाना इसके आलावा कृषि क्षेत्र में प्रतिस्पर्द्धा लाने के लिए 1955 के एक्ट में बदलाव को शामिल किया गया है.

कृषि एवं पशुपालन विशेषज्ञ शरद शर्मा से बातचीत: पार्ट-1

वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा की गई घोषणाओं से राजस्थान के कृषि और इंफ्रा को कितनी संजीवनी मिलती दिख रही है?

वित्तमंत्री सीतारमण द्वारा की गई प्रेस कॉफ्रेस से राजस्थान को क्या फायदा होने वाला है. इस पैकेज से राजस्थान को क्या संजीवनी मिलने वाली है इस पर क्या कहना है कृषि विशेषज्ञ शरद शर्मा का सुनिए...

कृषि एवं पशुपालन विशेषज्ञ शरद शर्मा से बातचीत: पार्ट-2

अलग-अलग जोन में खेती की बात कही गई है, लेकिन राजस्थान का जिक्र नहीं किया गया, राजस्थान किस खेती से आत्मनिर्भर बन सकता है?

राजस्थान के ज्यादातर इलाके में खेती और पीने का पानी दोनों के लिए परेशानी है. वित्तमंत्री ने अलग-अलग जोन में खेती की बात कही है. लेकिन इस दौरान राजस्थान का जिक्र नहीं किया गया. राजस्थान कैसे और किस खेती से आत्मनिर्भर बन सकता है इसे भी समझिए.

कृषि एवं पशुपालन विशेषज्ञ शरद शर्मा से बातचीत: पार्ट-3

वित्तमंत्री द्वारा कृषि के बुनियादी ढांचे के लिए एक लाख करोड़ के पैकेज पर राय.

कृषि के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए वित्तमंत्री ने एक लाख करोड़ के पैकज की बात कही है. यानि इसके जरिए यह कोशिश की गई है की किसान को को घाटा या दिक्कतें आई है या फिर आ रही हैं उसे इस पैकेज के जरिए दूर करने की कोशिश की जाएगी. इसे लेकर शरद शर्मा क्या कहते है सुनिए.

कृषि एवं पशुपालन विशेषज्ञ शरद शर्मा से बातचीत: पार्ट-4

राजस्थान की दो ऐसी बातें जो इस पैकेज में शामिल होनी चाहिए थी.

राजस्थान को इस पैकेज से काफी उम्मीदें थी कि राजस्थान को विशेष तौर पर कुछ मिलेगा लेकिन ऐसा नहीं हुआ. ऐसे में वो कौन सी दो बड़ी बातें है जो विशेष कर राजस्थान के लिए वित्तमंत्री के इस राहत पैकेज में शामिल होनी चाहिए थी.

किसानों के लिए किए गए 11 बड़े ऐलान:

1. कृषि क्षेत्र में बुनियादी ढ़ांचा के लिए एक लाख करोड़ रुपये

2. छोटी खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों के लिए 10000 करोड़ रुपये

3. प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना के लिए 20 हजार करोड़ रुपये

4. राष्ट्रीय पशु बीमारी नियंत्रण कार्यक्रम के लिए 13,342 करोड़

5. पशुपालन को बढ़ावा देने के लिए 15000 करोड़ रुपये का फंड

6. हर्बल पौधों को बढ़ावा देने के लिए 4000 करोड़

7. मधुमक्खी पालकों को 500 करोड़ की मदद

8. ऑपरेशन ग्रीन का विस्तार होगा, टॉप टू टोटल के लिए 500 करोड़

9. आवश्यक वस्तु अधिनियम में होगा बदलाव

10. किसान जहां चाहें वहां बेच सकेंगे फसल

11. रुकेगा किसानों का उत्पीड़न

किसानों के लिए सुविधाजनक ऐसा कानूनी ढांचा बनाया जाएगा, जिसके तहत उसे निश्चित आमदनी हो. जोखिम रहित खेती के लिए उपाय किए जाएंगे. इसके अलावा फसल की गुणवत्ता का मानकीकरण किया जाएगा. इससे किसानों के जीवन में बदलाव जाएगा. वह बड़े खुदरा व्यापारी, निर्यातकों के साथ पारदर्शिता के साथ काम कर सकेंगे. इससे उनका उत्पीड़न रुकेगा. केंद्र सरकार इसके लिए कानून बनाएगी.

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