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एडवोकेट प्रोटेक्शन विधेयक से 'अदालत परिसर' हटाने की मांग, सड़क पर उतरे अधिवक्ता

राजस्थान सरकार ने बुधवार को विधानसभा के पटल पर एडवोकेट प्रोटेक्शन बिल प्रस्तुत किया है. उसके साथ ही वकील उस बिल में संशोधन की मांग करने लगे हैं.

एडवोकेट प्रोटेक्शन बिल में संशोधन की मांग
एडवोकेट प्रोटेक्शन बिल में संशोधन की मांग
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Published : Mar 16, 2023, 8:15 AM IST

Updated : Mar 16, 2023, 8:24 AM IST

जयपुर. एडवोकेट प्रोटेक्शन विधेयक के विधानसभा में पेश होने के बाद से वकील इसमें संशोधन की मांग करने लगे हैं. वकीलों का मानना है कि विधेयक की धारा 3 में वकील के खिलाफ अदालत परिसर में अपराध होने पर ही प्रस्तावित अधिनियम लागू होंगे. जबकि वकीलों के खिलाफ कहीं पर भी अपराध घटित हो सकता है. इसलिए इस धारा में संशोधन कर इसमें से अदालत परिसर शब्द को डिलीट किया जाए.

सांगानेर बार एसोसिएशन के अध्यक्ष महावीर सुरेंद्र जैन ने कहा कि राज्य सरकार ने वकीलों के पक्ष में प्रोटेक्शन बिल विधानसभा में पेश करके वकीलों के हित का कार्य किया है, लेकिन इस प्रावधान को सिर्फ अदालत परिसर में ही लागू करने के कारण अधिनियम का उद्देश्य ही समाप्त हो जाता है. ऐसे में विधेयक से अदालत परिसर शब्द को संशोधित किया जाए. वहीं राजस्थान हाई कोर्ट बार एसोसिएशन के पूर्व महासचिव और प्रोटेक्शन कानून की मांग के मुद्दे पर हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर करने वाले अधिवक्ता प्रहलाद शर्मा ने कहा कि वकीलों ने प्रोटेक्शन कानून को लागू कराने के लिए काफी लंबी लड़ाई लड़ी हैं. इसके लिए एडवोकेट गत 20 फरवरी से न्यायिक बहिष्कार कर रहे हैं.

पढ़ें Advocate Protest in Jaipur: प्रोटेक्शन कानून की मांग को लेकर वकीलों ने निकाला जुलूस

यदि एडवोकेट प्रोटेक्शन अधिनियम लागू करना है तो इसमें से अदालत परिसर शब्द को तत्काल ही हटाया जाए. वरना अपराधी इस अधिनियम का दुरुपयोग करते हुए अदालत परिसर के बाहर वकील के खिलाफ अपराध करेंगे. उसके बाद अपराधी पर इस अधिनियम के प्रावधान लागू नहीं होंगे. ऐसे में इस अधिनियम का औचित्य ही समाप्त हो जाएगा. इसलिए विधेयक को अधिनियम में तब्दील करने से पहले ही इसमें से अदालत परिसर शब्द को हटाया जाए.

गौरतलब है कि विधि मंत्री शांति धारीवाल की अध्यक्षता में गत दिनों राज्य सरकार और वकीलों के बीच सहमति बनी थी. सहमति के अनुसार मंत्री एडवोकेट प्रोटेक्शन बिल को 15 मार्च को विधानसभा में रखेंगे. इस विधेयक को चर्चा के बाद 21 मार्च को विधान सभा में पारित कराया जाएगा. इस प्रोटेक्शन बिल को पूर्व में बार कौंसिल ऑफ राजस्थान ने पास कर राज्य सरकार को भेजा था.

जयपुर. एडवोकेट प्रोटेक्शन विधेयक के विधानसभा में पेश होने के बाद से वकील इसमें संशोधन की मांग करने लगे हैं. वकीलों का मानना है कि विधेयक की धारा 3 में वकील के खिलाफ अदालत परिसर में अपराध होने पर ही प्रस्तावित अधिनियम लागू होंगे. जबकि वकीलों के खिलाफ कहीं पर भी अपराध घटित हो सकता है. इसलिए इस धारा में संशोधन कर इसमें से अदालत परिसर शब्द को डिलीट किया जाए.

सांगानेर बार एसोसिएशन के अध्यक्ष महावीर सुरेंद्र जैन ने कहा कि राज्य सरकार ने वकीलों के पक्ष में प्रोटेक्शन बिल विधानसभा में पेश करके वकीलों के हित का कार्य किया है, लेकिन इस प्रावधान को सिर्फ अदालत परिसर में ही लागू करने के कारण अधिनियम का उद्देश्य ही समाप्त हो जाता है. ऐसे में विधेयक से अदालत परिसर शब्द को संशोधित किया जाए. वहीं राजस्थान हाई कोर्ट बार एसोसिएशन के पूर्व महासचिव और प्रोटेक्शन कानून की मांग के मुद्दे पर हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर करने वाले अधिवक्ता प्रहलाद शर्मा ने कहा कि वकीलों ने प्रोटेक्शन कानून को लागू कराने के लिए काफी लंबी लड़ाई लड़ी हैं. इसके लिए एडवोकेट गत 20 फरवरी से न्यायिक बहिष्कार कर रहे हैं.

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यदि एडवोकेट प्रोटेक्शन अधिनियम लागू करना है तो इसमें से अदालत परिसर शब्द को तत्काल ही हटाया जाए. वरना अपराधी इस अधिनियम का दुरुपयोग करते हुए अदालत परिसर के बाहर वकील के खिलाफ अपराध करेंगे. उसके बाद अपराधी पर इस अधिनियम के प्रावधान लागू नहीं होंगे. ऐसे में इस अधिनियम का औचित्य ही समाप्त हो जाएगा. इसलिए विधेयक को अधिनियम में तब्दील करने से पहले ही इसमें से अदालत परिसर शब्द को हटाया जाए.

गौरतलब है कि विधि मंत्री शांति धारीवाल की अध्यक्षता में गत दिनों राज्य सरकार और वकीलों के बीच सहमति बनी थी. सहमति के अनुसार मंत्री एडवोकेट प्रोटेक्शन बिल को 15 मार्च को विधानसभा में रखेंगे. इस विधेयक को चर्चा के बाद 21 मार्च को विधान सभा में पारित कराया जाएगा. इस प्रोटेक्शन बिल को पूर्व में बार कौंसिल ऑफ राजस्थान ने पास कर राज्य सरकार को भेजा था.

Last Updated : Mar 16, 2023, 8:24 AM IST
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