जयपुर. राजस्थान हेल्थकेयर कॉन्क्लेव का तीसरा संस्करण शुक्रवार को जयपुर में आयोजित किया गया. कन्फेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्री और चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग ने मिलकर इस कॉन्क्लेव का आयोजन किया, जिसमें फ्यूचर रेडी हेल्थकेयर इकोसिस्टम बनाने और मेडिकल टूरिज्म को बढ़ावा देने पर फोकस किया गया. इस दौरान मौजूद रहीं चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की एसीएस शुभ्रा सिंह ने कहा कि राजस्थान अब एक बीमारू राज्य नहीं है. अब ये मॉडल हेल्थ स्टेटस बन गया है.
राजस्थान एक मॉडल हेल्थ स्टेट : उन्होंने कहा कि प्रदेश मातृ मृत्यु दर, शिशु मृत्यु दर, इम्यूनाइजेशन, इंस्टीट्यूशनल डिलीवरी में नेशनल एवरेज के पास पहुंच गया है. कुछ जगह नेशनल एवरेज से भी बढ़िया काम कर रहे हैं. यहां देशभर में सबसे अच्छा हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर है. यहां अस्पतालों और कर्मचारियों की संख्या सबसे ज्यादा है. इसके साथ ही चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत अच्छा इंश्योरेंस कवर दे रहे हैं, जो पूरे देश में कहीं भी नहीं है. 88% जनता इंश्योरेंस कवर्ड है और इस योजना के प्रभावी क्रियान्वयन से सभी लाभ पा रहे हैं. निशुल्क दवा दी जा रही है, जांच की जा रही है. इस हिसाब से राजस्थान एक मॉडल हेल्थ स्टेट के रूप में अपनी पहचान बनाई है.
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योजना से जुड़ रहे प्राइवेट अस्पताल : चिरंजीवी योजना में लगभग 50% अस्पताल प्राइवेट हैं, जो भुगतान किया जा रहा है उसमें 60% प्राइवेट अस्पतालों को हो रहा है. इस योजना से प्राइवेट अस्पताल ज्यादा से ज्यादा जुड़ रहे हैं और सरकार को कोई एतराज नहीं है. प्रयास ये है कि इस योजना से सेकंड और थर्ड टायर सिटी की जनता को भी लाभ मिले. इस तरह की व्यवस्था तैयार हो गई है, जिसे और सुदृढ़ किया जाएगा. अब मेडिकल टूरिज्म और मेडिकल वैल्यू टूरिज्म दो कंसेप्ट हैं, जिस पर एक राज्य स्तरीय कमेटी गठित की जा चुकी है. जिस तरह राजस्थान हेल्थ के क्षेत्र में मजबूत हुआ है. ऐसे में बाहरी पेशेंट्स को अट्रैक्ट कर सकते हैं, उनका इलाज करें और उसके बाद यहां टूरिज्म का भी आनंद उठाएं, ऐसी एक संरचना तैयार की जा रही है. इसे लेकर एक राज्य स्तरीय कमेटी गठित की जा चुकी है.
इस दौरान सीआईआई पूर्व चेयरमैन विशाल बैध ने कहा कि राजस्थान के सभी प्रोक्योरमेंट में भारतीय मानकों को शामिल किया गया है, जिससे लोकल इंडस्ट्री को सहायता मिलेगी. अब वो भी राजस्थान सरकार को इक्विपमेंट सप्लाई कर पाएंगे. कॉन्क्लेव में हेल्थकेयर से संबंधित इंफ्रास्ट्रक्चर को फ्यूचर रेडी बनाने, टेलीमेडिसिन, टेली आईसीयू, दुर्लभ बीमारियों के लिए तैयारी, आपातकालीन स्वास्थ्य प्रणाली, हेल्थकेयर में स्टार्टअप्स और सभी के लिए अनुकूल हेल्थकेयर एनवायरनमेंट जैसे विषयों पर भी अलग-अलग सत्र में चर्चा की गई.