जयपुर.एसीबी मुख्यालय में दिसंबर 2022 में दर्ज हुए रिश्वतखोरी के प्रकरण में कार्रवाई करते हुए शुक्रवार देर रात एसीबी ने निलंबित आरपीएससी जितेंद्र आंचलिया सहित 4 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया. एनआरआई व्यवसायी ने इन लोगों के खिलाफ एसीबी मुख्यालय में शिकायत दर्ज करवाई थी. जिसमें परिवादी ने आरपीएस जितेंद्र आंचलिया, सब इंस्पेक्टर रोशनलाल, दलाल रमेश राठौड़, मनोज श्रीमाली और भाई की पत्नी के जरिए ब्लैकमेल कर 1.83 करोड़ की राशि हड़पे जाने की जानकारी दी थी.
जिस पर एसीबी मुख्यालय ने मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू किया और मुकदमा दर्ज होने के बाद से ही आरपीएस जितेंद्र को निलंबित कर दिया गया था. एसीबी की जांच में तथ्य प्रमाणित होने पर शुक्रवार देर रात एडिशनल एसपी पुष्पेंद्र सिंह राठौड़ के नेतृत्व में उदयपुर और राजसमंद में एसीबी की टीम ने दबिश देकर निलंबित आरपीएस जितेंद्र आंचलिया, सब इंस्पेक्टर रोशनलाल, दलाल रमेश राठौड़ और मनोज श्रीमाली को गिरफ्तार कर लिया.
परिवादी से हड़पी 1.83 करोड़ की राशि - परिवादी पिछले तीन साल से कुवैत में रहकर व्यवसाय कर रहा है, जिसके छोटे भाई का परिवार उदयपुर में रहता है. परिवादी के छोटे भाई का कुछ साल पहले ही निधन हो गया था और मृतक की पत्नी ने ही परिवादी को कंपनी की जमीन 5 करोड़ में बेचने की बात कह कर दिसंबर 2022 में उदयपुर बुलाया था. जब एनआरआई व्यवसायी उदयपुर पहुंचा तो मृतक की पत्नी ने कुछ पुलिसकर्मियों और दलालों के साथ मिलकर उसे ब्लैकमेल करना शुरू कर दिया.
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परिवादी को सुखेर थाने में बुलाकर जमीन का फर्जी एग्रीमेंट दिखाया गया और उस पर धोखाधड़ी के आरोप लगाते हुए गिरफ्तार करने की धमकी दी गई. साथ ही परिवादी को यह धमकी भी दी गई कि अब उसे अपनी पूरी जिंदगी जेल में बितानी पड़ेगी और वापस अपने बच्चों व पत्नी के पास कुवैत नहीं जा पाएगा. धमकी से घबराकर परिवादी ने जमीन को छोड़ने की बात कही और आरोपियों ने जमीन के बदले परिवादी से 1.83 करोड़ रुपए की राशि हड़प ली.
जमीन का एग्रीमेंट होने के बाद परिवादी के खिलाफ दर्ज किए गए मुकदमे में एफआर लगाने की एवज में सब इंस्पेक्टर रोशनलाल ने उससे दो लाख रुपए की डिमांड भी की. आरोपियों की ओर से लगातार ब्लैकमेल करने से परेशान होने के बाद ही परिवादी ने दिसंबर महीने में एसीबी मुख्यालय पहुंचकर अपनी पीड़ा जाहिर की थी. जिसके बाद प्रकरण दर्ज कर जांच शुरू की गई.