जयपुर. ईटीवी का जागरुकता अभियान जारी है. जिसके जरिए लोगों को इस जानलेवा बिमारी के कारण और बचाव के बारे में पता चल सकेगा. आमतौर पर इस बिमारी में सबसे अधिक इस्तेमाल एलोपैथिक इलाज का होता है. लेकिन इस अभियान के दौरान आयुर्वेद से जुड़े चिकित्सकों की ओर से हमें जानकारी मिली कि स्वाइन फ्लू का इलाज आयुर्वेद में भी संभव है.
आयुर्वेद से जुड़े चिकित्सकों का कहना है जब कुछ समय पहले स्वाइन फ्लू फैला था तब लोगों को काढ़ा पिलाया गया था. इस काढ़े में जड़ी बूटियां मिलाई गई थी जो स्वाइन फ्लू के इलाज के लिए काफी कारगर थी. ईएसआई हॉस्पिटल के आयुर्वेद चिकित्सा श्याम नारायण शर्मा का कहना है कि वायु और कफ के कारण यह बिमारी फैलती है.अधिकतर यह ठंड के मौसम में फैलती है, जिसके बाद मरीज को सर्दी जुकाम और सांस लेने में दिक्कत होती है और मरीज स्वाइन फ्लू की चपेट में आ जाता है.
आयुर्वेद चिकित्सक बताते है कि कुछ जड़ी बूटियों और देसी इलाज के जरिए इस बीमारी से निजात पाया जा सकता है. वहीं अब स्वाइन फ्लू जैसी जानलेवा बीमारी के लिए आयुर्वेदिक दवाइयां बाजार में उपलब्ध हैं और सही समय पर इलाज किया जाए तो इस बीमारी से छुटकारा पाया जा सकता है. बस मरीज को थोड़ा धैर्य रखना होगा.