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एसएमएस अस्पताल के नर्सिंगकर्मी मानवसेवा में कायम कर रहे है मिसाल

वर्ष 2012 से मानवसेवा के कार्यों में जुटी है संजीवनी सेवा समिति, लावारिस मरीजों के उनके परिजनों से मिलाने का काम रही नर्सिंगकर्मियों का यह संस्था, अंतर्राष्ट्रीय नर्सिंग दिवस के मौके पर ऐसे नर्सिंगकर्मियों को सलाम

सेवा में लगी है संस्था
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Published : May 12, 2019, 12:14 AM IST

जयपुर. डॉक्टर को धरती का भगवान कहा जाता है लेकिन इन्हीं डॉक्टर के साथ कदम से कदम मिलाकर काम करने वाले नर्सिंग कर्मियों को हमेशा भुला दिया जाता है. लेकिन सवाई मानसिंह अस्पताल में कार्यरत नर्सिंग कर्मियों द्वारा संजीवनी सेवा नाम की समिति भी चलाई जा रही है. जिन्होंने अब तक हजारों लावारिस मरीजों को उनके घर वालों से मिलाया है. इस सेवा समिति से जुड़े नर्सिंग कर्मियों का कहना है कि उन्होंने यह कार्य वर्ष 2012 से शुरू किया था जो अब तक लगातार जारी है.

नर्सिग कर्मीयो का प्रशंसनीय कार्य

इसके तहत अस्पताल में जितने भी लावारिस है. मरीज भर्ती होते हैं उनको या तो आश्रम तक यह लोग पहुंचाते हैं या फिर उनके ठीक होने पर उनके घरवालों के बारे में जानकारी लेकर इन लावारिस मरीजों को उनसे मिलाया जाता है. अब तक हजारों ऐसे मरीजों को वह उनके घर वालों से मिला चुके हैं.इस समिति से से जुड़े हुए हैं नर्सिंग कर्मी बलदेव चौधरी ने बताया कि जब कोई लावारिस मरीज अस्पताल में भर्ती होता है तो उसको संभालने का कार्य है इन लोगों के द्वारा ही किया जाता है यहां तक कि दवाइयों उसके रहने खाने-पीने का खर्च भी इस संस्था द्वारा ही उठाया जाता है.

जयपुर. डॉक्टर को धरती का भगवान कहा जाता है लेकिन इन्हीं डॉक्टर के साथ कदम से कदम मिलाकर काम करने वाले नर्सिंग कर्मियों को हमेशा भुला दिया जाता है. लेकिन सवाई मानसिंह अस्पताल में कार्यरत नर्सिंग कर्मियों द्वारा संजीवनी सेवा नाम की समिति भी चलाई जा रही है. जिन्होंने अब तक हजारों लावारिस मरीजों को उनके घर वालों से मिलाया है. इस सेवा समिति से जुड़े नर्सिंग कर्मियों का कहना है कि उन्होंने यह कार्य वर्ष 2012 से शुरू किया था जो अब तक लगातार जारी है.

नर्सिग कर्मीयो का प्रशंसनीय कार्य

इसके तहत अस्पताल में जितने भी लावारिस है. मरीज भर्ती होते हैं उनको या तो आश्रम तक यह लोग पहुंचाते हैं या फिर उनके ठीक होने पर उनके घरवालों के बारे में जानकारी लेकर इन लावारिस मरीजों को उनसे मिलाया जाता है. अब तक हजारों ऐसे मरीजों को वह उनके घर वालों से मिला चुके हैं.इस समिति से से जुड़े हुए हैं नर्सिंग कर्मी बलदेव चौधरी ने बताया कि जब कोई लावारिस मरीज अस्पताल में भर्ती होता है तो उसको संभालने का कार्य है इन लोगों के द्वारा ही किया जाता है यहां तक कि दवाइयों उसके रहने खाने-पीने का खर्च भी इस संस्था द्वारा ही उठाया जाता है.

Intro:12 मई को विश्व भर में अंतर्राष्ट्रीय नर्सिंग दिवस मनाया जाएगा लेकिन जयपुर के सवाई मानसिंह अस्पताल में कार्यरत नर्सिंग कर्मी ऐसा काम भी करते हैं जिसकी मिसाल पूरे अस्पताल में दी जाती है


Body:डॉक्टर को धरती का भगवान कहा जाता है लेकिन इन्हीं डॉक्टर के साथ कदम से कदम मिलाकर काम करने वाले नर्सिंग कर्मियों को हमेशा भुला दिया जाता है लेकिन सवाई मानसिंह अस्पताल में कार्यरत नर्सिंग कर्मियों द्वारा संजीवनी सेवा नाम की समिति भी चलाई जा रही है जिन्होंने अब तक हजारों लावारिस मरीजों को उनके घर वालों से मिलाया है इस सेवा समिति से जुड़े नर्सिंग कर्मियों का कहना है कि उन्होंने यह कार्य वर्ष 2012 से शुरू किया था जो अब तक लगातार जारी है इसके तहत अस्पताल में जितने भी लावारिस है मरीज भर्ती होते हैं उनको या तो आश्रम तक यह लोग पहुंचाते हैं या फिर उनके ठीक होने पर उनके घरवालों के बारे में जानकारी लेकर इन लावारिस मरीजों को उनसे मिलाया जाता है और अब तक हजारों ऐसे मरीजों को वह उनके घर वालों से मिला चुके हैं ताजा मामला अभी देखने को मिला था जब प्रशांत नाम का एक व्यक्ति अस्पताल में भर्ती हुआ जो करीब 35 वर्ष से घर से गायब था तो उनके घर वालों को इन नर्सिंग कर्मियों ने ढूंढा और 35 वर्ष बाद घरवालों से मिलाया प्रदेश से ही नहीं बल्कि अन्य राज्यों से बिछड़े हुए मरीजों को भी इन लोगों ने उनके परिवार वालों से मिलाया है

पूरा खर्चा उठाते है
इस समिति से से जुड़े हुए हैं नर्सिंग कर्मी बलदेव चौधरी ने बताया कि जब कोई लावारिस मरीज अस्पताल में भर्ती होता है तो उसको संभालने का कार्य है इन लोगों के द्वारा ही किया जाता है यहां तक कि दवाइयों उसके रहने खाने-पीने का खर्च भी इस संस्था द्वारा ही उठाया जाता है

बाईट-बलदेव चौधरी,नर्सिंगकर्मी


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