ETV Bharat / state

Special : मिलिए जयपुर की मनभर से...बाल विवाह की बेड़ियां तोड़ लिखी सफलता की कहानी, अब बच्चियों को बना रही सशक्त

बाल विवाह, एक ऐसा अभिशाप जिससे न जानें कितनी बेटियां गुजर (70 years old Manbhar teaching self defence) चुकी हैं. इन्हीं में शामिल हैं जयपुर की मनभर जिन्होंने इस कुप्रथा की बेड़ियों को तोड़ा. अब वे 70 साल की उम्र में भी बालिकाओं और महिलाओं को आत्मरक्षा के गुर सिखा रही हैं. ताकि वो खुद के लिए खड़ी हो सकें और आगे किसी भी बालिका को उसी पीड़ा से न गुजरना पड़े. पढ़िए मनभर के संघर्ष की कहानी...

70 साल की उम्र में बेटियों को सिखा रही आत्मरक्षा के गुर
70 साल की उम्र में बेटियों को सिखा रही आत्मरक्षा के गुर
author img

By

Published : Jan 21, 2023, 7:15 PM IST

70 साल की उम्र में बेटियों को सिखा रही आत्मरक्षा के गुर

जयपुर. जिस ढलती उम्र में हिम्मत जवाब देने लगती है उस उम्र में राजधानी जयपुर की मनभर महिलाओं और बालिकाओं को आत्मरक्षा के गुर सिखा रही हैं. खुद बाल विवाह का दंश झेल चुकीं मनभर का केवल एक लक्ष्य है, प्रदेश की बेटियों को इस दर्द से गुजरने से बचाना और खुद की रक्षा करना सिखाना. इसलिए 70 साल की उम्र में भी वो महिलाओं और बालिकाओं को सेल्फ डिफेंस की ट्रेनिंग दे रही हैं. ये केवल जयपुर या राजस्थान तक सीमित नहीं हैं, बल्कि अन्य राज्यों में भी मनभर अपने इस मिशन को लेकर चल रही हैं और सफलता की दास्तां लिख रही हैं.

बाल विवाह का दंश : मनभर कहती हैं कि 7 साल की उम्र में शादी हो गई थी. 11 साल की उम्र में माता-पिता ने ससुराल भेज दिया. 14 साल की उम्र में मां बन गई. एक महिला के लिए बाल विवाह का दंश क्या होता है इसका दर्द वो अच्छी तरह से समझती हैं. उन्होंने कहा कि आज भी जब कोई बाल विवाह की बात करता है तो खून खौल उठता है. मनभर कहती हैं कि बाल विवाह की तकलीफ केवल वही महिला समझ सकती है, जो उससे गुजरी हो. इसीलिए लक्ष्य है कि प्रदेश में किसी बेटी का बाल विवाह नहीं हो. मनभर बताती हैं कि वो पिछले 30-35 साल से बाल विवाह के खिलाफ स्वयं बेटियों को जागरूक कर रही हैं.

पढ़ें. बाल विवाह का दंश: राजस्थान में स्कूल जाने की उम्र में मां बन रही बेटियां, सामने आए चौंकाने वाले आंकड़े

एक घटना जिसने बदल दिया लक्ष्य : मनभर स्कूल कॉलेज, सामाजिक संस्थाओं के साथ जहां से भी बुलावा आता है, वो निशुल्क ट्रेनिंग देने के लिए जाती हैं. उन्होंने बताया कि कैसे एक घटना ने उनके जीवन का लक्ष्य बदल दिया. एक दिन गांव में 5-6 लोग उसके साथ जबरदस्ती करने लगे. जैसे-तैसे उस समय वहां से भाग निकली. उसी दिन तय किया कि वो कमजोर बनकर नहीं रहेंगी न नहीं किसी बेटी या महिला को कमजोर बनने देंगी. इसलिए उन्होंने पहले आत्मरक्षा प्रशिक्षण लिया, फिर ट्रेनिंग देनी शुरू की.

20 हजार से ज्यादा को दी ट्रेनिंग : मनभर बताती हैं कि उम्र भले ही 70 साल हो गई हो, लेकिन उन्हें बेटियों को आत्मरक्षा की ट्रेनिंग देना अच्छा लगता है. हर दिन कोशिश रहती है कि बेटियों को बुरी नजर से देखने वालों का मुकाबला करने के लिए सक्षम बनाएं. मनभर बताती हैं कि कमोबेस राजस्थान के सभी जिलों में वो बाल विवाह और आत्मरक्षा को लेकर काम कर रही हैं. साथ ही अन्य राज्यों में भी महिलाओं और बालिकाओं को सेल्फ डिफेंस की ट्रेनिंग देती हैं. अब तक 20 हजार से ज्यादा महिलाओं और बच्चियों को ट्रेंड कर चुकी हैं.

70 years old Manbhar of Jaipur
बालिकाओं को आत्मरक्षा के गुर सिखा रही मनभर

पढ़ें. निर्भया स्क्वाड ने सिखाए 1500 सुरक्षा सखियों को आत्मरक्षा के गुर...

बेटी के साथ की पढाई : मनभर बताती हैं कि ससुराल के हालात ज्यादा अच्छे नहीं थे. जब हालात बद से बदतर होने लगे तो वो अपनी बेटी को लेकर वहां से निकल गईं. लोगों ने कई तरह की बातें बनाई, लेकिन समाज की परवाह किए बिना बच्चों का भविष्य बनाने के लिए काम करने की ठानी. उन्होंने बताया कि इस दौरान उनकी मुलाकात विशाखा संस्था को संभाल रही ममता जेटली से हुई. मनभर ने उनसे झाड़ू पोछे की नौकरी पर रखने की गुहार लगाई. लेकिन ममता जेटली ने उन्हें पढ़ने को कहा. मनभर बताती हैं कि ममता जेटली की वजह से उन्होंने बरसों बाद पढ़ाई शुरू की. 5वीं कक्षा में पहली बार फेल हुई. फिर मेहनत की और पास हो गई. इसके बाद जरूरत पड़ी तो आठवीं कक्षा की परीक्षा भी दी. उस वक्त उनकी बेटी भी आठवीं कक्षा में थी.

बेटियां वरदान हैं : मनभर सभी माता-पिता को संदेश देती हैं कि बेटी अनमोल हीरा होती हैं. उनको आगे बढ़ने दो. बेटी को अपने पैरों पर खड़ा होने दो. मनभर कहती हैं कि बेटियां कमजोर नहीं हैं. हमने उन्हें कमजोर बना दिया है. कभी संस्कार तो कभी इज्जत के नाम पर. लड़कियां बहुत शक्तिशाली होती हैं. बस उनकी शक्ति को जगाने की जरूरत है. मनभर बताती हैं कि उन्होंने अपने दम पर जयपुर में मकान बनाया. बच्चों ने दो- दो कंपनियां खोल ली. इसीलिए बेटियों को आगे बढ़ाओ, वो ईश्वर का वरदान हैं.

70 साल की उम्र में बेटियों को सिखा रही आत्मरक्षा के गुर

जयपुर. जिस ढलती उम्र में हिम्मत जवाब देने लगती है उस उम्र में राजधानी जयपुर की मनभर महिलाओं और बालिकाओं को आत्मरक्षा के गुर सिखा रही हैं. खुद बाल विवाह का दंश झेल चुकीं मनभर का केवल एक लक्ष्य है, प्रदेश की बेटियों को इस दर्द से गुजरने से बचाना और खुद की रक्षा करना सिखाना. इसलिए 70 साल की उम्र में भी वो महिलाओं और बालिकाओं को सेल्फ डिफेंस की ट्रेनिंग दे रही हैं. ये केवल जयपुर या राजस्थान तक सीमित नहीं हैं, बल्कि अन्य राज्यों में भी मनभर अपने इस मिशन को लेकर चल रही हैं और सफलता की दास्तां लिख रही हैं.

बाल विवाह का दंश : मनभर कहती हैं कि 7 साल की उम्र में शादी हो गई थी. 11 साल की उम्र में माता-पिता ने ससुराल भेज दिया. 14 साल की उम्र में मां बन गई. एक महिला के लिए बाल विवाह का दंश क्या होता है इसका दर्द वो अच्छी तरह से समझती हैं. उन्होंने कहा कि आज भी जब कोई बाल विवाह की बात करता है तो खून खौल उठता है. मनभर कहती हैं कि बाल विवाह की तकलीफ केवल वही महिला समझ सकती है, जो उससे गुजरी हो. इसीलिए लक्ष्य है कि प्रदेश में किसी बेटी का बाल विवाह नहीं हो. मनभर बताती हैं कि वो पिछले 30-35 साल से बाल विवाह के खिलाफ स्वयं बेटियों को जागरूक कर रही हैं.

पढ़ें. बाल विवाह का दंश: राजस्थान में स्कूल जाने की उम्र में मां बन रही बेटियां, सामने आए चौंकाने वाले आंकड़े

एक घटना जिसने बदल दिया लक्ष्य : मनभर स्कूल कॉलेज, सामाजिक संस्थाओं के साथ जहां से भी बुलावा आता है, वो निशुल्क ट्रेनिंग देने के लिए जाती हैं. उन्होंने बताया कि कैसे एक घटना ने उनके जीवन का लक्ष्य बदल दिया. एक दिन गांव में 5-6 लोग उसके साथ जबरदस्ती करने लगे. जैसे-तैसे उस समय वहां से भाग निकली. उसी दिन तय किया कि वो कमजोर बनकर नहीं रहेंगी न नहीं किसी बेटी या महिला को कमजोर बनने देंगी. इसलिए उन्होंने पहले आत्मरक्षा प्रशिक्षण लिया, फिर ट्रेनिंग देनी शुरू की.

20 हजार से ज्यादा को दी ट्रेनिंग : मनभर बताती हैं कि उम्र भले ही 70 साल हो गई हो, लेकिन उन्हें बेटियों को आत्मरक्षा की ट्रेनिंग देना अच्छा लगता है. हर दिन कोशिश रहती है कि बेटियों को बुरी नजर से देखने वालों का मुकाबला करने के लिए सक्षम बनाएं. मनभर बताती हैं कि कमोबेस राजस्थान के सभी जिलों में वो बाल विवाह और आत्मरक्षा को लेकर काम कर रही हैं. साथ ही अन्य राज्यों में भी महिलाओं और बालिकाओं को सेल्फ डिफेंस की ट्रेनिंग देती हैं. अब तक 20 हजार से ज्यादा महिलाओं और बच्चियों को ट्रेंड कर चुकी हैं.

70 years old Manbhar of Jaipur
बालिकाओं को आत्मरक्षा के गुर सिखा रही मनभर

पढ़ें. निर्भया स्क्वाड ने सिखाए 1500 सुरक्षा सखियों को आत्मरक्षा के गुर...

बेटी के साथ की पढाई : मनभर बताती हैं कि ससुराल के हालात ज्यादा अच्छे नहीं थे. जब हालात बद से बदतर होने लगे तो वो अपनी बेटी को लेकर वहां से निकल गईं. लोगों ने कई तरह की बातें बनाई, लेकिन समाज की परवाह किए बिना बच्चों का भविष्य बनाने के लिए काम करने की ठानी. उन्होंने बताया कि इस दौरान उनकी मुलाकात विशाखा संस्था को संभाल रही ममता जेटली से हुई. मनभर ने उनसे झाड़ू पोछे की नौकरी पर रखने की गुहार लगाई. लेकिन ममता जेटली ने उन्हें पढ़ने को कहा. मनभर बताती हैं कि ममता जेटली की वजह से उन्होंने बरसों बाद पढ़ाई शुरू की. 5वीं कक्षा में पहली बार फेल हुई. फिर मेहनत की और पास हो गई. इसके बाद जरूरत पड़ी तो आठवीं कक्षा की परीक्षा भी दी. उस वक्त उनकी बेटी भी आठवीं कक्षा में थी.

बेटियां वरदान हैं : मनभर सभी माता-पिता को संदेश देती हैं कि बेटी अनमोल हीरा होती हैं. उनको आगे बढ़ने दो. बेटी को अपने पैरों पर खड़ा होने दो. मनभर कहती हैं कि बेटियां कमजोर नहीं हैं. हमने उन्हें कमजोर बना दिया है. कभी संस्कार तो कभी इज्जत के नाम पर. लड़कियां बहुत शक्तिशाली होती हैं. बस उनकी शक्ति को जगाने की जरूरत है. मनभर बताती हैं कि उन्होंने अपने दम पर जयपुर में मकान बनाया. बच्चों ने दो- दो कंपनियां खोल ली. इसीलिए बेटियों को आगे बढ़ाओ, वो ईश्वर का वरदान हैं.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.