जयपुर. ओजोन परत के संरक्षण के लिए तपस्वी संत और राजनेता एक मंच पर नजर आए. छोटी काशी में आस्था और पर्यावरण का अनोखा संगम देखने को मिला. ओजोन परत के संरक्षण के लिए बस्ती नाथ महाराज के सानिध्य में 551 कुंडात्मक मृत्युंजय रुद्र महायज्ञ होगा. इसे लेकर सोमवार को हजारों महिलाओं ने गोविंद देव जी मंदिर से लूनियावास तक कलश यात्रा निकाली. इससे पहले जय निवास उद्यान में जुटी महिलाओं को संबोधित करने के लिए मंत्री शकुंतला रावत और आरटीडीसी चेयरमैन धर्मेंद्र राठौड़ भी पहुंचे.
यज्ञ आस्था के साथ साथ पर्यावरण शुद्धि का साधन - बस्तीनाथ महाराज ने कहा कि यज्ञ आस्था के साथ साथ पर्यावरण शुद्धि का साधन है. इसे ध्यान में रखते हुए अब ओजोन परत के संरक्षण के लिए जयपुर में महायज्ञ का आयोजन किया जा रहा है. महायज्ञ से पहले बस्तीनाथ महाराज गोविंद देव जी मंदिर में ठाकुर श्री का आशीर्वाद लेने पहुंचे. यहां से हजारों महिलाओं की कलश यात्रा के साथ बस्तीनाथ महाराज लूनियावास आश्रम के लिए रवाना हुए. इस दौरान उनके साथ मौजूद रहे आरटीडीसी चेयरमैन धर्मेंद्र राठौड़ ने बताया कि बाबा बस्तीनाथ 15 वर्ष से लगातार कलश यात्रा और महायज्ञ का आयोजन कर रहे हैं. कई मर्तबा वो खुद भी इस आयोजन से जुड़े हैं.
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उन्होंने बस्ती नाथ महाराज का मकसद बताते हुए कहा कि पर्यावरण की शुद्धता हो और मानव जाति का कल्याण हो, इसीलिए ये यज्ञ किया जाता रहा है. इस दौरान उन्होंने राज्य सरकार की ओर से मंदिरों और गायों के लिए किए गए फैसलों का जिक्र किया. उन्होंने कहा कि पूरे देश में गायों को लेकर सबसे ज्यादा अनुदान राजस्थान में दिया जाता है. जितने बड़े धार्मिक स्थल हैं, उनके रखरखाव और जीर्णोद्धार राज्य सरकार करा रही है. राठौड़ ने बताया कि गोविंद देव जी मंदिर से लूनियावास स्थित बालनाथ आश्रम तक ये कलश यात्रा जाएगी और करीब 20 हजार लोग इतने यात्रा से जुड़े हैं.
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आपको बता दें कि बाबा बालकनाथ का बरसों पहले लुनियावास गोनेर मार्ग पर जागृत किया धूणा आज भी जागृत है. गुरु गोरखनाथ नाथ और भृतहरि जी की शिक्षा-सिद्धांत की अलख जगाने के लिए बाबा ने बड़ा द्वार बनवाकर आश्रम स्थापित किया था. नाथ योगियों की तपस्या स्थली रहे आश्रम में एक साल तक चलने वाला मृत्युजंय रुद्र महायज्ञ होगा.