जयपुर. राज्य सरकार ने शहर में होने वाले धरने-प्रदर्शन और रैली के चलते लगने वाले जाम के चलते शहर को चार भागों में बांटते हुए प्रदर्शन में शामिल होने वाले लोगों की संख्या के हिसाब से जगह चयनित की है. वहीं कार्य दिवस में सुबह 9 बजे से दोपहर 12 बजे तक और अपरान्ह 4 बजे से शाम 8 बजे के बीच की अवधि में धरना-प्रदर्शन और रैली की अनुमति नहीं दी जाएगी. रैली के लिए दोपहर 12 बजे से अपरान्ह 4 बजे तक ही अनुमति दी जा सकेगी.
हाईकोर्ट ने राज्य सरकार के जवाब को रिकॉर्ड पर लेते हुए मामले की सुनवाई 1 सितंबर को रखी है. जस्टिस एमएम श्रीवास्तव और जस्टिस प्रवीर भटनागर की खंडपीठ ने यह आदेश प्रकरण में लिए स्वप्रेरित प्रसंज्ञान व अन्य याचिकाओं पर संयुक्त रूप से सुनवाई करते हुए दिए. राज्य सरकार की ओर से जवाब में कहा गया कि धरने-प्रदर्शन और रैली के लिए जयपुर पूर्व में दो हजार तक की भीड़ के लिए महात्मा गांधी स्टेडियम, बस्सी का चयन किया गया है.
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वहीं 5 हजार तक की भीड़ के लिए दशहरा मैदान, आदर्श नगर और सूरज मैदान आदर्श नगर का चयन किया गया है. वहीं 5 से 10 हजार तक की भीड़ के लिए रामलीला मैदान, एमआई रोड को चयनित किया है. जबकि जयपुर पश्चिम में 2 हजार तक की भीड़ के लिए करधनी स्कीम पार्क, 5 से 10 हजार तक की भीड़ के लिए खेल स्टेडियम, चौमूं और खेल मैदान बगरू, 10 हजार से अधिक की भीड़ के लिए भवानी निकेतन शिक्षण संस्थान और जेसीबी प्लांट महेन्द्रा सेज का चयन किया गया है.
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इसी तरह जयपुर उत्तर के लिए 2 हजार से अधिक लोगों की भीड़ के लिए विद्याधर नगर स्टेडियम के सामने खाली मैदान को चिन्हित किया गया है. वहीं जयपुर दक्षिण में 2 हजार तक की भीड़ के लिए शहीद स्मारक, गवर्नमेंट हॉस्टल, 5 हजार से 10 हजार तक की भीड़ के लिए वीटी रोड स्थित आवासन मंडल की खाली जमीन का चयन किया गया है. राज्य सरकार की ओर से अपने जवाब में कहा गया है कि कार्य दिवस में रैलिों के लिए दोपहर 12 बजे से अपरान्ह चार बजे तक का समय ही दिया जाएगा.
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इस दौरान ध्वनि प्रसारण यंत्र का सीमित उपयोग करने की अनुमति दी जाएगी. इसके अलावा यह अनुमति अस्पताल, स्कूल, कॉलेज, हॉस्टल, कोर्ट और कार्यालय भवनों से 150 मीटर की परिधि में इन संस्थाओं की समयावधि के लिए मान्य नहीं रहेगी. कार्यक्रम के दौरान यातायात बाधित नहीं किया जाएगा. गौरतलब है कि गत 1 अगस्त को भाजपा के नहीं सहेगा राजस्थान अभियान के तहत निकाली गई. रैली के चलते शहर का यातायात जाम होने पर हाईकोर्ट ने स्वप्रेरणा से प्रसंज्ञान लिया था.