जयपुर. श्री राष्ट्रीय राजपूत करणी सेना के अध्यक्ष सुखदेव सिंह गोगामेड़ी की हत्या के मामले में दोनों शूटर्स समेत अब तक 4 आरोपी गिरफ्तार हो चुके हैं. गोगामेड़ी के साथ फायरिंग से मारने वाला नवीन सिंह शेखावत भी शूटर्स का सहयोगी था. हालांकि अभी तक करने का मकसद पुलिस ने साफ नहीं किया है. गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ की जा रही है. पूछताछ के बाद कई चौंकाने वाले खुलासे सामने आ सकते हैं.
जयपुर पुलिस कमिश्नर बीजू जॉर्ज जोसफ ने बताया कि सुखदेव सिंह गोगामेड़ी की हत्या करने वाले दोनों शूटर्स नितिन फौजी और रोहित राठौड़ को चंडीगढ़ से गिरफ्तार कर लिया गया है. साथ ही शूटर्स को सहयोग करने वाले उदम सिंह को भी गिरफ्तार किया गया है. बीती रात तीनों आरोपियों को होटल कमल पैलेस सेक्टर 22 ए चंडीगढ़ से दस्तयाब किया गया. पूछताछ के बाद श्याम नगर थाना पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है. शूटर्स को जयपुर में सहयोग करने वाले आरोपीय रामवीर को शनिवार को गिरफ्तार कर लिया गया था. पुलिस कमिश्नर ने बताया कि गोगामेड़ी के साथ मरने वाले नवीन सिंह शेखावत ने शूटर्स को सहयोग किया था. राजस्थान पुलिस को दिल्ली और हरियाणा पुलिस से अच्छा सहयोग मिला है.
पढ़ें: सुखदेव सिंह गोगामेड़ी की हत्या के मामले में पुलिस आरोपियों को लेकर जयपुर हुई रवाना, हुए कई खुलासे
महेंद्रगढ़ पुलिस पर फायरिंग करके भागे थे: जयपुर पुलिस कमिश्नर ने बताया कि महेंद्रगढ़ हरियाणा निवासी भवानी सिंह उर्फ रोनी, महेंद्रगढ़ निवासी राहुल कोथल और शूटर नितिन फौजी आपस में मित्र है. 7 नवंबर को नितिन फौजी 2 दिन की छुट्टी पर गांव आया था. भवानी सिंह उर्फ रोनी के केसवार महेंद्रगढ़ निवासी अनुपम सोनी के बीच विवाद चल रहा था. विवाद को सुलझाने के लिए तीनों अपने अन्य साथियों के साथ खुदाना गांव पहुंचे थे. लेकिन अनुपम सोनी पक्ष से झगड़ा होने के कारण पुलिस आ गई थी.
भवानी सिंह ने अपने साथियों के साथ भागते समय पुलिस पर फायरिंग की थी. इस संबंध में महेंद्रगढ़ के सदर थाने में मुकदमा दर्ज हुआ. गिरफ्तारी से बचने के लिए नितिन फौजी, राहुल कोथल 10 नवंबर को हिसार पहुंच गए. 5 दिन बाद भवानी सिंह उर्फ रोनी भी इनके पास हिसार आ गया था. उनके रुकने की व्यवस्था उदम सिंह ने करवाई थी. सहयोग करने वाली आरोपी रामवीर को न्यायालय में पेश करके 8 दिन के पुलिस रिमांड पर लिया गया है.
28 नवंबर को जयपुर आया था नितिन फौजी: भवानी सिंह उर्फ रोनी पहले से रोहित गोदारा और वीरेंद्र चरण के संपर्क में था. भवानी सिंह ने रोहित गोदारा और वीरेंद्र चरण से नितिन फौजी की मोबाइल पर बात करवाई थी, उसे जयपुर में एक व्यक्ति को करने के लिए तैयार किया गया था. भवानी सिंह ने 28 नवंबर को नितिन फौजी को टैक्सी से जयपुर भिजवाया था. नितिन फौजी को रोकने के लिए जगह हथियार और वाहन उपलब्ध करवाने वाले व्यक्ति को दो दिन पहले ही चिन्हित कर लिया गया है, जिसका अनुसंधान किया जा रहा है. वहीं दुबई से सहयोग मिलने वाले सवाल पर कमिश्नर ने कहा कि सूचनाओं को रिकॉर्ड पर लिया जा रहा है. आनंदपाल की बेटी की भूमिका को लेकर कोई स्पष्ट जवाब नहीं दिया. उन्होंने कहा कि हर एंगल से जांच जारी है.
ऐसे दिया वारदात को अंजाम: 5 दिसंबर को नितिन फौजी अजमेर रोड पर रोहित राठौड़ से मिला था. दोनों को नवीन शेखावत स्कॉर्पियो कार में बैठाकर सुखदेव सिंह गोगामेड़ी के मकान पर ले गया था. गोगामेड़ी के घर जाकर बातचीत के दौरान दोनों शूटर्स ने अंधाधुंध फायरिंग करके सुखदेव सिंह गोगामेड़ी और नवीन सिंह शेखावत की हत्या कर दी. वहीं तीसरे व्यक्ति अजीत सिंह को फायरिंग करके घायल कर दिया. नितिन फौजी के पास एक जिगाना पिस्तौल और एक मैगजीन थी, जिसमें 20 राउंड थे. इसके अलावा दूसरी पिस्टल 30 और उसकी एक मैगजीन जिसमें 15 राउंड थे.
इस तरह फरार हुए थे बदमाश: हत्या करने के बाद दोनों शूटर स्कूटी लूट कर फरार हो गए थे. फिर ऑटो से अजमेर रोड पहुंचे थे, जहां राजस्थान रोडवेज की बस से डीडवाना पहुंचे. डीडवाना से एक टैक्सी लेकर सुजानगढ़ पहुंचे. सुजानगढ़ से वोल्वो बस से धारूहेड़ा पहुंचे. धारूहेड़ा से ऑटो लेकर रेवाड़ी पहुंचे थे. रेवाड़ी से रेल से करीब 4:40 बजे रवाना होकर हिसार पहुंचे. हिसार में उदम सिंह के साथ टैक्सी लेकर मनाली पहुंचे. वहां 2 दिन होटल में रुके. फिर 9 दिसंबर को 5 बजे चंडीगढ़ पहुंचे, जहां होटल कमल पैलेस सेक्टर 22 ए चंडीगढ़ में रुके थे. रात करीब 8 बजे पुलिस ने दबोच लिया. आरोपियों को गिरफ्तार करके पूछताछ की जा रही है.
700 से अधिक सीसीटीवी कैमरा के फुटेज चेक करके बदमाशों को पकड़ा: जयपुर पुलिस कमिश्नर ने बताया कि एसआईटी को सूचना मिली थी कि आरोपी डीडवाना में देखे गए हैं. तकनीकी सहायता के आधार पर सूचना एकत्रित की गई. आरोपियों को सुविधा देने वालों को भी चिन्हित किया गया. वहीं सोशल मीडिया पर फेक आईडी बनाकर पोस्ट करने वाले को भी गिरफ्तार किया गया है. पुलिस ने करीब 700 से अधिक सीसीटीवी कैमरा के फुटेज चेक करके बदमाशों को पकड़ने में सफलता हासिल की है. सबसे पहले डीडवाना एसपी ने इनपुट दिया था. इसके बाद आगे कड़ी से कड़ी जोड़ते गए.