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SMS अस्पताल में 28वां अंगदान, ब्रेन डेड व्यक्ति से दो लोगों को मिला जीवन

जयपुर में प्रदेश का 55वां और SMS अस्पताल का 28वां अंगदान कार्यक्रम आयोजित हुआ. एक ब्रेन डेड व्यक्ति के अंगदान से दो लोगों को जीवनदान मिला है.

28th organ donation in SMS hospital
SMS अस्पताल में 28वां अंगदान
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Jan 5, 2024, 7:14 AM IST

Updated : Jan 5, 2024, 8:33 AM IST

जयपुर. राजधानी के सवाई मानसिंह अस्पताल में गुरुवार को 28वां अंगदान कार्यक्रम हुआ. एक ब्रेन डेड व्यक्ति के अंगदान से दो लोगों को जीवनदान मिला है. धौलपुर के एक व्यक्ति सड़क दुर्घटना में गंभीर घायल हो गया था. एसएमएस अस्पताल में उसे ब्रेन डेड घोषित कर दिया गया था, जिसके बाद उसके परिजनों को समझाइश के बाद ब्रेन डेड व्यक्ति के किडनी और लीवर को दो व्यक्तियों में प्रत्यारोपित किए गए. यह प्रदेश का 55वां और इस अस्पताल का 28वां अंगदान है.

कहते हैं परोपकार से बड़ा कोई भी धर्म नहीं होता. परोपकार की सबसे बड़ी नजीर धौलपुर के युवक अजीत पाल और उसके परिजनों में देखी गई. सवाई मानसिंह चिकित्सालय जयपुर के मीडिया प्रभारी और नोडल ऑफिसर ऑर्गन ट्रांसप्लांट डॉ. देवेंद्र पुरोहित के मुताबिक अजीत पाल 24 दिसम्बर 2023 शाम को राजाखेडा नाहिला धौलपुर में किसी रिश्तेदार से मिलकर अपने घर लौट रहा था. बाइक के सामने जानवर के आ जाने से असंतुलित होकर अजीत पाल बाइक से गिरकर गंभीर रूप से घायल हो गया. इसके बाद उसे आगरा के रेनबो अस्पताल में भर्ती करवाया गया, जहां से उसे 25 दिसंबर 2023 को सवाई मानसिंह चिकित्सालय जयपुर में रेफर किया गया. सवाई मानसिंह चिकित्सालय जयपुर के चिकित्सकों के अथक प्रयासों के बावजूद भी अजीत पाल को बचा पाना संभव नहीं हो पाया. 1 जनवरी 2024 को उसे ब्रेन डेड घोषित कर दिया गया. चिकित्सकों और ट्रांसप्लांट कॉर्डिनेटर्स की समझाइश के बाद अजीत पाल की मां चंद्रवती, पत्नी सुमन और अन्य रिश्तेदारों ने अंगदान की सहमति दी.

इसे भी पढ़ें : National Organ Donation Day : जानिए देश और राजस्थान में क्या है अंगदान की स्थिति

स्टेट ऑर्गन एंड टिश्यू ट्रांसप्लांट ऑर्गेनाइजेशन राजस्थान की ओर से अंगों का आवंटन किया गया. अजीत पाल की एक किडनी सवाई मानसिंह अस्पताल जयपुर और एक किडनी व लिवर संतोकबा दुर्लभजी मेमोरियल अस्पताल जयपुर में प्रत्यारोपित किए गए. संतोकबा दुर्लभजी मेमोरियल अस्पताल जयपुर में एक किडनी और लिवर को ग्रीन कॉरिडोर के माध्यम से भेजा गया. यह एसएमएस अस्पताल का 28वां और प्रदेश का 55वां अंगदान है.

ग्रामीणों ने दी भावभीनी ने विदाई : अजीत पाल का पार्थिव शव गुरुवार शाम गांव नायला पहुंचा. इस दौरान ग्रामीणों में शोक की लहर दौड़ गई, लेकिन अजीत पाल जाते-जाते दो लोगों को जीवन दे गया. इसे लेकर परिजनों को फक्र हो रहा है. प्रशासन की मौजूदगी में अजीत पाल का अंतिम संस्कार कर दिया गया.

जयपुर. राजधानी के सवाई मानसिंह अस्पताल में गुरुवार को 28वां अंगदान कार्यक्रम हुआ. एक ब्रेन डेड व्यक्ति के अंगदान से दो लोगों को जीवनदान मिला है. धौलपुर के एक व्यक्ति सड़क दुर्घटना में गंभीर घायल हो गया था. एसएमएस अस्पताल में उसे ब्रेन डेड घोषित कर दिया गया था, जिसके बाद उसके परिजनों को समझाइश के बाद ब्रेन डेड व्यक्ति के किडनी और लीवर को दो व्यक्तियों में प्रत्यारोपित किए गए. यह प्रदेश का 55वां और इस अस्पताल का 28वां अंगदान है.

कहते हैं परोपकार से बड़ा कोई भी धर्म नहीं होता. परोपकार की सबसे बड़ी नजीर धौलपुर के युवक अजीत पाल और उसके परिजनों में देखी गई. सवाई मानसिंह चिकित्सालय जयपुर के मीडिया प्रभारी और नोडल ऑफिसर ऑर्गन ट्रांसप्लांट डॉ. देवेंद्र पुरोहित के मुताबिक अजीत पाल 24 दिसम्बर 2023 शाम को राजाखेडा नाहिला धौलपुर में किसी रिश्तेदार से मिलकर अपने घर लौट रहा था. बाइक के सामने जानवर के आ जाने से असंतुलित होकर अजीत पाल बाइक से गिरकर गंभीर रूप से घायल हो गया. इसके बाद उसे आगरा के रेनबो अस्पताल में भर्ती करवाया गया, जहां से उसे 25 दिसंबर 2023 को सवाई मानसिंह चिकित्सालय जयपुर में रेफर किया गया. सवाई मानसिंह चिकित्सालय जयपुर के चिकित्सकों के अथक प्रयासों के बावजूद भी अजीत पाल को बचा पाना संभव नहीं हो पाया. 1 जनवरी 2024 को उसे ब्रेन डेड घोषित कर दिया गया. चिकित्सकों और ट्रांसप्लांट कॉर्डिनेटर्स की समझाइश के बाद अजीत पाल की मां चंद्रवती, पत्नी सुमन और अन्य रिश्तेदारों ने अंगदान की सहमति दी.

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स्टेट ऑर्गन एंड टिश्यू ट्रांसप्लांट ऑर्गेनाइजेशन राजस्थान की ओर से अंगों का आवंटन किया गया. अजीत पाल की एक किडनी सवाई मानसिंह अस्पताल जयपुर और एक किडनी व लिवर संतोकबा दुर्लभजी मेमोरियल अस्पताल जयपुर में प्रत्यारोपित किए गए. संतोकबा दुर्लभजी मेमोरियल अस्पताल जयपुर में एक किडनी और लिवर को ग्रीन कॉरिडोर के माध्यम से भेजा गया. यह एसएमएस अस्पताल का 28वां और प्रदेश का 55वां अंगदान है.

ग्रामीणों ने दी भावभीनी ने विदाई : अजीत पाल का पार्थिव शव गुरुवार शाम गांव नायला पहुंचा. इस दौरान ग्रामीणों में शोक की लहर दौड़ गई, लेकिन अजीत पाल जाते-जाते दो लोगों को जीवन दे गया. इसे लेकर परिजनों को फक्र हो रहा है. प्रशासन की मौजूदगी में अजीत पाल का अंतिम संस्कार कर दिया गया.

Last Updated : Jan 5, 2024, 8:33 AM IST
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