जयपुर. बहुचर्चित आदर्श क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसायटी घोटाले के 16वें आरोपी उदयपुर के प्रॉपर्टी कारोबारी पारस बोलिया पर एसओजी का शिकंजा कसने के बाद यह घोटाला एक बार फिर चर्चा में है. इस घोटाले के मुख्य सूत्रधार मुकेश मोदी और राहुल मोदी समेत 15 आरोपी पहले ही एसओजी के हत्थे चढ़ चुके है. फिलहाल, इस घोटाले में एसओजी की तफ्तीश जारी है.
दरअसल, राजस्थान के सिरोही जिले में टैक्सी ड्राइवर और ऑडियो कैसेट रिकॉर्डिंग का काम करने वाले दो भाई मुकेश मोदी और राहुल मोदी ने साल 1999 में आदर्श क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसायटी की नींव रखी और अहमदाबाद में इसका कार्यालय खोला. इसके बाद लोगों से उनकी पसीने की कमाई इस सोसायटी में निवेश करवाने का सिलसिला शुरू हुआ जो 31 अगस्त, 2016 तक जारी रहा. इस बीच एक के बाद सोसायटी की 806 शाखाएं खोली गई और ठगी के इस कारोबार को गुजरात और राजस्थान से 28 राज्यों और 4 केंद्र शासित प्रदेशों तक पहुंचाया गया. इनमें सबसे ज्यादा 309 शाखाएं राजस्थान में थी. इसकी स्थापना मुकेश मोदी ने की और अपने भाई राहुल को प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी बनाया.
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निवेशकों की कमाई को ऐसे डुबोयाः आदर्श क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसायटी में निवेशकों ने हजारों करोड़ रुपए जमा करवाए थे. यह रकम उन कंपनियों को ऊंची ब्याज दरों पर लोन के रूप में दी गई. जो कंपनी संचालक के रिश्तेदारों और परिजनों के नाम पर थी. इस पूरी साजिश में 45 फर्जी कंपनियों की मिलीभगत अभी तक एसओजी की जांच में सामने आई है. बाद में इन कंपनियों को कंगाल बताकर सोसायटी संचालक और उसके परिजनों ने इस्तीफा दे दिया और अपने कर्मचारियों को कंगाल फर्मों का डायरेक्टर बना दिया.
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कंपनियों के रुपए से देशभर में खरीदी प्रॉपर्टीः आदर्श क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसायटी में जमा निवेशकों की रकम को पहले फर्जी कंपनियों को ऊंची दरों पर लोन के रूप में दिया गया और बाद में उसी रकम से संचालक और उसके परिजनों व रिश्तेदारों के नाम पर देशभर में महंगी प्रॉपर्टी खरीदी गई. बाद में बात प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) तक पहुंची, तो ईडी की जांच में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी सामने आई. अब तक ईडी इस मामले में सोसायटी के संचालक मुकेश मोदी की 1,816 करोड़ रुपए की संपत्ति जब्त कर चुकी है.
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तीन साल में तीन लोगों ने उठाया 270 करोड़ का कमीशनः इस पूरे मामले में किस तरह बड़े पैमाने पर धांधली की गई. इसका एक नमूना यह है कि सोसायटी के संचालक मुकेश मोदी ने एक कंसल्टेंट फर्म बनाई और अपने साथ पत्नी और दामाद को भी इसमें शामिल किया. इन तीनों ने बिना कोई काम किए तीन साल में करीब 270 करोड़ रुपए बतौर कमीशन लिए और यह रकम अपनी आलिशान लाइफ स्टाइल पर खर्च किए. जिन निवेशकों ने अपनी मेहनत और पसीने की कमाई सोसायटी में निवेश की थी. वे राशि मिलने का इंतजार कर रहे है.