जयपुर. जुलाई 2020 में जिन राजस्थान कांग्रेस की ब्लॉक और जिला कार्यकारिणी को भंग किया गया था, ढाई साल बाद कांग्रेस पार्टी ने भंग पड़ी 400 ब्लॉक कांग्रेस कमेटियों में से केवल 100 ब्लॉक कांग्रेस कमेटियों की घोषणा (100 Block Congress Committee presidents announced) की है. बहरहाल, बीते ढाई साल बाद 100 ही सही लेकिन कांग्रेस में सबसे निचली कड़ी ब्लॉक बनाने की कवायद शुरू हो चुकी है और इसी कड़ी में 100 ब्लॉक अध्यक्ष आज कांग्रेस पार्टी ने बना दिए हैं.
बता दें, आज जिन ब्लॉक अध्यक्षों की घोषणा की गई है उनमें अलवर के 22 में से 6, बांसवाड़ा के 10 में से 4, बारां के 8 में से 6, बाड़मेर के 14 में से 6, भरतपुर के 14 में से 4, भीलवाड़ा के 14 में से 4, बीकानेर के 14 में से 8, बूंदी के 6 में से 2, चित्तौड़गढ़ के 10 में से 4, दौसा के 10 में से 6, धौलपुर के 8 में से 2, डूंगरपुर के 8 में से 2, गंगानगर के 12 में से 2, जयपुर के 38 में से केवल 4, जैसलमेर के 4, जालौर के 10 में से 2 , झुंझुनू के 14 में से 8, जोधपुर के 20 में से 4, कोटा के 6 में से 4, नागौर के 20 में से 4, सवाई माधोपुर के 8 में से 2, सीकर के 16 में से 4, सिरोही के 6 में से 2, टोंक के 8 में से 2 और उदयपुर के 8 में से 4 ब्लॉक अध्यक्षों की घोषणा कर दी गई है.
गहलोत-पायलट के क्षेत्र में बने ब्लॉक अध्यक्ष- राजस्थान में आज जिन ब्लॉक अध्यक्षों की घोषणा की गई है उनमें मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) की सरदारपुरा विधानसभा के दोनों, सचिन पायलट (Sachin Pilot) की टोंक विधानसभा के दोनों और डोटासरा के लक्ष्मणगढ़ विधानसभा के दोनों ब्लॉक अध्यक्ष बना दिए गए हैं. लेकिन राजस्थान के 33 में से 7 जिले अजमेर, चूरू, हनुमानगढ़, करौली, पाली, प्रतापगढ़ और राजसमंद में एक भी ब्लॉक अध्यक्ष नहीं बनाया गया है. मतलब साफ है कि इन जिलों में ब्लॉक अध्यक्ष बनाने में भी विवाद है. केवल एक जैसलमेर जिला ऐसा है जिसके सभी चारों ब्लॉक अध्यक्ष बना दिए गए हैं.
सीएम समेत 23 मंत्रियों की विधानसभा में बने ब्लॉक अध्यक्ष- टीकाराम जूली की विधानसभा अलवर रूरल के दोनों, शकुंतला रावत के दोनों ब्लॉक अध्यक्ष, मंत्री प्रमोद जैन भाया के बारां अटरू के दोनों, हेमाराम चौधरी के गुड़ामालानी के दोनों, महेंद्रजीत सिंह मालवीय के बागीदौरा विधानसभा के दोनों, विश्वेंद्र सिंह के डीग कुम्हेर से दोनों ब्लॉक अध्यक्ष, रामलाल जाट की मांडल से दोनों, बीडी कल्ला के बीकानेर वेस्ट के दोनों, भंवर सिंह भाटी के कोलायत के दोनों, गोविंद राम मेघवाल के खाजूवाला के दोनों, अशोक चांदना के हिंडोली के दोनों और उदयलाल आंजना के निंबाहेड़ा के दोनों ब्लॉक अध्यक्ष बना दिए गए हैं.
इसी तरह मुरारी लाल मीणा के दौसा के दोनों, परसादी लाल मीणा के लालसोट के दोनों, लालचंद कटारिया के झोटवाड़ा के दोनों, ममता भूपेश के सिकराय के दोनों, प्रताप सिंह के सिविल लाइंस के दोनों, सालेह मोहम्मद के पोकरण के दोनों, सुखराम बिश्नोई के सांचोर के दोनों, बिजेंदर ओला के झुंझुनू के दोनों, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के सरदारपुरा के दोनों, महेंद्र चौधरी के नावा के दोनों, सचिन पायलट के टोंक के दोनों, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा के लक्ष्मणगढ़ के दोनों और मंत्री अर्जुन सिंह बामनिया के दोनों ब्लॉक अध्यक्ष बना दिए गए हैं.
इन मंत्रियों के नहीं बने ब्लॉक अध्यक्ष- जिन मंत्रियों के ब्लॉक अध्यक्ष नहीं बने हैं उनमें महेश जोशी, शांति धारीवाल, रमेश मीणा, भजन लाल जाटव, राजेंद्र सिंह गुढ़ा, राजेंद्र यादव और मंत्री सुभाष गर्ग के दोनों ब्लॉक बाकी हैं. हालांकि, सुभाष गर्ग कांग्रेस पार्टी के नहीं होकर आरएलडी के कोटे से मंत्री है. वहीं, अब भी 150 विधानसभाओं में ब्लाॉक कांग्रेस कमेटियों की घोषणाओं का इंतजार है.
इनके बने ब्लॉक अध्यक्ष, यहां विवाद : राजस्थान कांग्रेस में ढाई साल कि लंबे इंतजार के बाद 200 विधानसभा के 400 ब्लॉक अध्यक्ष में से केवल 50 विधानसभा के 100 ब्लॉक से अध्यक्ष बना सकी है. ऐसे में साफ है कि बाकी बची 150 विधानसभाओं में कोई ना कोई विवाद है, जिसके चलते ब्लॉक अध्यक्ष घोषित नहीं किए जा सके. वहीं बुधवार को घोषित किए गए ब्लॉक अध्यक्षों में बीते विधानसभा चुनाव में हारे, 98 विधायक प्रत्याशियों में से केवल चार विधायक प्रत्याशी ही ऐसे रहे जो अपने ब्लॉक अध्यक्ष बना सके हैं और यह चार प्रत्याशी वह हैं जो खुद बड़ा पद रखते हैं. इनमें से कांग्रेस स्टेरिंग कमेटी के सदस्य रघुवीर मीणा, बीज निगम के अध्यक्ष और निवर्तमान कांग्रेस सचिव धीरज गुर्जर, राज्यसभा सांसद नीरज डांगी और पूर्व नेता प्रतिपक्ष और वर्तमान में कैबिनेट मंत्री का दर्जा प्राप्त रामेश्वर डूडी है. इसके अलावा ऐसी किसी विधानसभा में ब्लॉक अध्यक्ष घोषित नहीं किए गए हैं, जहां कांग्रेस के प्रत्याशी को हार मिली थी.
महेश जोशी और शांति धारीवाल की विधानसभा में भी नहीं बने ब्लॉक अध्यक्ष : 25 सितंबर को राजस्थान में कांग्रेस आलाकमान की ओर से बुलाई गई विधायक दल की बैठक में शामिल होने की जगह गहलोत समर्थक विधायकों ने पहले मंत्री शांति धारीवाल के निवास पर समानांतर विधायक दल की बैठक की और बाद में स्पीकर सीपी जोशी के निवास पर जाकर इस्तीफे दे दिए. इस पूरी घटना के लिए जिन दो मंत्रियों महेश जोशी और शांति धारीवाल को जिम्मेदार मानते हुए कारण बताओ नोटिस दिए थे, उन शांति धारीवाल और महेश जोशी की विधानसभा में भी ब्लॉक अध्यक्ष घोषित नहीं किए गए हैं, जिसे आलाकमान की नाराजगी के साथ जोड़कर देखा जा रहा है.
ब्लॉक अध्यक्ष का भी होता है विधानसभा चुनाव में टिकट का योगदान : ब्लॉक अध्यक्ष कांग्रेस पार्टी में हर विधानसभा की सबसे निचली और महत्वपूर्ण इकाई होती है, जब विधायक को टिकट मिलता है उस समय ब्लॉक अध्यक्ष की राय भी महत्वपूर्ण मानी जाती है. ऐसे में हर वर्तमान मंत्री, विधायक और चुनाव हारे नेता यह चाहते हैं कि उनके ब्लॉक अध्यक्ष उन्हीं की पसंद से बनाए जाएं. यही कारण है कि ब्लॉक अध्यक्ष की नियुक्तियों में विवाद होते हैं और उन्हीं विवादों का असर है कि आज ढाई साल के इंतजार के बाद भी राजस्थान को 400 में से केवल 100 ब्लॉक अध्यक्ष ही मिल सके हैं.