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हनुमानगढ़: स्पिनिंग मिल को लेकर मजदूर फिर कर सकते हैं आंदोलन...

हनुमानगढ़ की स्पिनिंग मिल को बंद कर दिया गया था. जिसके बाद मजदूरों के सामने काफी दिक्कतें खड़ी हो गईं थीं. इस मिल को खुलवाने के लिए मजदूरों ने धरना दिया और प्रदर्शन किया. जिसके बाद सरकार ने मजदूरों को समायोजित करने की बात कही थी. लेकिन अबतक सरकार ने इन्हें समायोजित नहीं किया है.

हनुमानगढ़ की खबर, Spinning mile
स्पिनिंग मील को लेकर मजदूर फिर से कर सकते हैं आंदोलन
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Published : Feb 22, 2020, 6:05 PM IST

हनुमानगढ़. जिले की स्पिनिंग मिल एशिया की सबसे बड़ी मिल मानी जाती थी और इसे बंद हुए काफी साल भी हो चुके हैं. इसके बंद होने के बाद सैकड़ों मजदूरों के सामने रोजी-रोटी के लाले पड़ चुके थे. इस मिल को खुलवाने के लिए मजदूरों ने बड़े आंदोलन किए. लंबे समय तक धरना-प्रदर्शन किया. उसके बाद में सरकार ने इनकी सुध ली और इन्हें समायोजित करने की बात कही. लेकिन अबतक इन्हें समायोजित नहीं किया गया है. आंदोलनों के बाद इन्हें दूसरे विभागों में नौकरी दी गई. लेकिन वह भी गृह जिले से काफी दूर.

स्पिनिंग मील को लेकर मजदूर फिर से कर सकते हैं आंदोलन

इस मुद्दे पर मजदूरों का कहना है, कि जो मंत्रिमंडल में निर्णय लिया गया था, उस निर्णय की पालना अबतक नहीं की गई है. इन्हें एक बार तो गृह जिले में लगाया गया था. लेकिन बाद में इन्हें गृह जिले से दूसरे जिलों में भेज दिया गया और सैलरी के नाम पर महज ₹8 हजार रुपए दिए जा रहे हैं. जिससे इनका गुजारा होना काफी मुश्किल हो रहा है.

सबसे बड़ी बात ये है, कि अबतक इन्हें परमानेंट नहीं किया गया है. हर बार 6 महीने के लिए इनका कार्यकाल बढ़ा दिया जाता है. वे मांग करते हैं, कि उन्हें एक तो गृह जिले में लगाया जाए, साथ ही इन्हें समायोजित कर परमानेंट किया जाए. नहीं तो वे एक बार फिर से आंदोलन करेंगे.

पढ़ें- हनुमानगढ़ में विवाहिता की संदिग्ध हालात में मौत, पीहर पक्ष ने लगाया जहर देकर मारने का आरोप

काफी समय पहले स्पिनिंग मिल को घाटे का सौदा दिखाकर बंद कर दिया गया था और करीब 700 मजदूरों को बाहर का रास्ता दिखाया गया. कुछ ने तो वीआरएस ले लिया था, लेकिन बड़ी संख्या में मजदूरों ने आंदोलन किया. जिसके बाद इन्हें समायोजित करने की बात कही थी, लेकिन अबतक नहीं किया गया है. देखना होगा, कि मजदूरों ने जो चेतावनी दी है, उसके बाद सरकार इनकी सुध लेती है या नहीं?

हनुमानगढ़. जिले की स्पिनिंग मिल एशिया की सबसे बड़ी मिल मानी जाती थी और इसे बंद हुए काफी साल भी हो चुके हैं. इसके बंद होने के बाद सैकड़ों मजदूरों के सामने रोजी-रोटी के लाले पड़ चुके थे. इस मिल को खुलवाने के लिए मजदूरों ने बड़े आंदोलन किए. लंबे समय तक धरना-प्रदर्शन किया. उसके बाद में सरकार ने इनकी सुध ली और इन्हें समायोजित करने की बात कही. लेकिन अबतक इन्हें समायोजित नहीं किया गया है. आंदोलनों के बाद इन्हें दूसरे विभागों में नौकरी दी गई. लेकिन वह भी गृह जिले से काफी दूर.

स्पिनिंग मील को लेकर मजदूर फिर से कर सकते हैं आंदोलन

इस मुद्दे पर मजदूरों का कहना है, कि जो मंत्रिमंडल में निर्णय लिया गया था, उस निर्णय की पालना अबतक नहीं की गई है. इन्हें एक बार तो गृह जिले में लगाया गया था. लेकिन बाद में इन्हें गृह जिले से दूसरे जिलों में भेज दिया गया और सैलरी के नाम पर महज ₹8 हजार रुपए दिए जा रहे हैं. जिससे इनका गुजारा होना काफी मुश्किल हो रहा है.

सबसे बड़ी बात ये है, कि अबतक इन्हें परमानेंट नहीं किया गया है. हर बार 6 महीने के लिए इनका कार्यकाल बढ़ा दिया जाता है. वे मांग करते हैं, कि उन्हें एक तो गृह जिले में लगाया जाए, साथ ही इन्हें समायोजित कर परमानेंट किया जाए. नहीं तो वे एक बार फिर से आंदोलन करेंगे.

पढ़ें- हनुमानगढ़ में विवाहिता की संदिग्ध हालात में मौत, पीहर पक्ष ने लगाया जहर देकर मारने का आरोप

काफी समय पहले स्पिनिंग मिल को घाटे का सौदा दिखाकर बंद कर दिया गया था और करीब 700 मजदूरों को बाहर का रास्ता दिखाया गया. कुछ ने तो वीआरएस ले लिया था, लेकिन बड़ी संख्या में मजदूरों ने आंदोलन किया. जिसके बाद इन्हें समायोजित करने की बात कही थी, लेकिन अबतक नहीं किया गया है. देखना होगा, कि मजदूरों ने जो चेतावनी दी है, उसके बाद सरकार इनकी सुध लेती है या नहीं?

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